पीरियड्स के दौरान के वो पांच दिन महिलाओं के लिए बेहद कष्टदायक होते हैं, लेकिन मासिक धर्म एक महिला के लिए महत्वपूर्ण भी है। इससे अलग जब एक महिला मेनोपॉज यानी रजोनिवृत्ति से गुजरती है, तो यह स्थिति कई स्वास्थ्य समस्याओं को बढ़ावा देती है। एक नई रिपोर्ट के मुताबिक महिलाओं में समय से पहले यानी प्रीमैच्योर मेनोपॉज, टाइप 2 डायबिटीज के जोखिम को बढ़ाता है। दिल्ली के शालीमार बाग फोर्टिस अस्पताल में सीनियर कंसल्टेंट और प्रसूति एवं स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. उमा वैद्यनाथन ने मेनोपॉज और टाइप 2 डायबिटीज के बीच संबंध का संकेत भी दिया है।

आप यहां दिए लिंक पर क्लिक करके डायबिटीज का आयुर्वेदिक इलाज विस्तार से जान सकते हैं।

आज इस लेख में आप जानेंगे कि मेनोपॉज के जल्दी आने और टाइप 2 डायबिटीज के बीच क्या लिंक है -

(और पढ़ें - टाइप 2 डायबिटीज के खतरे को बढ़ाता है गठिया रोग: अध्ययन)

  1. क्या है मेनोपॉज?
  2. क्या कहती है रिसर्च?
  3. लक्षणों को ना करें नजरअंदाज
  4. सारांश

दरअसल महिलाओं के शरीर में बढ़ती उम्र के साथ सेक्स हार्मोन (एस्ट्रोजन) का स्तर कम हो जाता है। इसके कारण अंडाशय यानी ओवरी अंडे का उत्पादन बंद कर देती है और पीरियड्स आने रुक जाते हैं। इसी स्टेज को "रजोनिवृत्ति या मेनोपॉज" कहा जाता है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों की मानें तो मेनोपॉज की औसत उम्र 45 साल है। अगर 40 साल की उम्र से पहले किसी महिला के पीरियड्स रुक जाते हैं तो इसे "समय से पहले रजोनिवृत्ति" माना जा सकता है। इससे अलग अगर अंडाशय को चिकित्सा आवश्यकताओं के चलते निकाला जाता है तो मासिक धर्म बंद हो सकता है। लेकिन, बिना किसी चिकित्सकीय कारण के अगर किसी को समय से पहले मेनोपॉज की स्थिति का अनुभव होता है, तो यह चिंताजनक है।

कई शोधकर्ताओं का दावा है कि समय से पहले मेनोपॉज और टाइप 2 डायबिटीज एक-दूसरे से जुड़े हैं। हालांकि, वो बात अलग है कि मेडिकल साइंस अब भी समय से पहले मेनोपॉज और टाइप 2 डायबिटीज के बीच एक स्पष्ट कारण-प्रभाव को स्थापित नहीं कर पाया है और इसलिए अभी साक्ष्यों को तलाशा जा रहा है। 

(और पढ़ें - भारतीयों में टाइप 2 डायबिटीज को चार श्रेणियों में बांटा जा सकता है: अध्ययन)

myUpchar के डॉक्टरों ने अपने कई वर्षों की शोध के बाद आयुर्वेद की 100% असली और शुद्ध जड़ी-बूटियों का उपयोग करके myUpchar Ayurveda Madhurodh Capsule बनाया है। इस आयुर्वेदिक दवा को हमारे डॉक्टरों ने कई लाख लोगों को डायबिटीज के लिए सुझाया है, जिससे उनको अच्छे प्रभाव देखने को मिले हैं।
Sugar Tablet
₹899  ₹999  10% छूट
खरीदें

एक डच अध्ययन से पता चलता है कि जो महिलाएं देरी से मनोपोज का अनुभव करती हैं इनकी तुलना में 40 साल की उम्र से पहले जिन महिलाओं को मेनोपॉज होता है उन्हें टाइप 2 डायबिटीज का चार गुना अधिक खतरा है। इसके अलावा अगर कोई महिला पहले से ही टाइप 2 डायबिटीज से पीड़ित है तो वह समय से पहले मेनोपॉज का अनुभव कर सकती है। वहीं, डायबिटीज के तीन प्रमुख कारकों की बात की जाए है तो परिवार का इतिहास यानी आनुवंशिक तौर पर भी इस परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। इसके साथ ही उम्र और मोटापा भी डायबिटीज के कारक हैं।

रिपोर्ट के मुताबिक मेनोपॉज की स्थिति में शरीर कई परिवर्तनों से गुजरता है। एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन के स्तर में होने वाला बदलाव इंसुलिन रेजिस्टेंस को बढ़ावा देता है। वहीं, हार्मोनल असंतुलन के कारण अग्नाशय को शरीर में इंसुलिन की जरूरी मात्रा का उत्पादन करने में मुश्किल होती है। यह कम प्रभावी रह सकता है और कोशिकाओं को जरूरत के अनुसार ग्लूकोज को अवशोषित करने की परमिशन नहीं दे पाता। यही वजह है कि ब्लड ग्लूकोज का स्तर बढ़ता है। दूसरी ओर इंसुलिन फैट को कम करने में सहायक है जो कि शरीर को एक्टिव रखने में मदद करता है। लेकिन अगर इंसुलिन उत्पादन गड़बड़ाता है तो मोटापे का खतरा बढ़ता है और यह सच है कि वजन बढ़ने से टाइप 2 डायबिटीज का अधिक जोखिम होता है।

(और पढ़ें - सोशल सपोर्ट के बिना टाइप 2 डायबिटीज से लड़ना मरीजों के लिए मुश्किल: अध्ययन)

एक अन्य रिसर्च के जरिए शोधकर्ताओं ने यह समझने की कोशिश की कि क्या एस्ट्रोजन वास्तव में शरीर में ग्लूकोज स्तर को प्रभावित करता है। अध्ययन में पाया कि एस्ट्रोजन विशेष रूप से अग्नाशय और आंत में कुछ कोशिकाओं को निशाना बनाता है। इसके बाद ग्लूकोज को बढ़ाने में मदद करता है। अगर महिलाओं को अनियमित मासिक धर्मयौन इच्छा में कमीयोनि संक्रमणनींद की कमी आदि जैसे लक्षण दिखाई देते हैं, तो उन्हें सतर्क रहने की जरूरत है। साथ ही इन लक्षणों के साथ तुरंत इलाज की जरूरत होगी।

Karela Jamun Juice
₹499  ₹549  9% छूट
खरीदें

विशेषज्ञों का मानना ​​है कि महिलाओं में मेनोपॉज के बाद टाइप 2 मधुमेह के खतरे को कम करने में एस्ट्रोजन थेरेपी फायदेमंद हो सकती है। अगर कोई अपने ब्लड शुगर लेवल की नियमित रूप से जांच करता है तो डायबिटीज को नियंत्रित किया जा सकता है। इसके साथ हेल्दी डाइट, धूम्रपान न करना, नियमित रूप से व्यायाम करने से डायबिटीज को रोकने में मदद मिलती है।

ऐप पर पढ़ें