इंग्लैंड की यूनिवर्सिटी ऑफ लेस्टर और ऑस्ट्रेलिया की यूनिवर्सिटी ऑफ साउथ ऑस्ट्रेलिया के वैज्ञानिकों ने अपने एक नए अध्ययन में पाया है कि सही समय पर सोने का टाइप 2 डायबिटीज के मरीजों के बेहतर स्वास्थ्य और लाइफस्टाइल से संबंध है। अध्ययन की मानें तो जो लोग देर रात तक सोते हैं और देर से ही उठते हैं उनकी जीवनशैली ज्यादा गतिहीन हो जाती है। ऐसे लोगों की शारीरिक गतिविधियों का स्तर भी तुलनात्मक रूप से काफी कम होता है। शोधकर्ताओं के मुताबिक, इस कारण इन लोगों के स्वास्थ्य के लिए खतरा ज्यादा बढ़ जाता है। डायबिटीज होने की सूरत में यह जोखिम और अधिक हो सकता है।
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