कुछ बीमारियां ऐसी होती हैं जिनके लिए आपने दवाई का सेवन किया और बीमारी ठीक हो गई। लेकिन डायबिटीज लाइफस्टाइल से जुड़ी ऐसी बीमारी है जो एक बार हो जाए उसके बाद लंबे समय तक आपका पीछा नहीं छोड़ती। इसमें ब्लड शुगर को कंट्रोल करने के लिए दवा के साथ-साथ आपके खानपान और फिटनेस का भी अहम रोल होता है। अगर आपकी लाइफस्टाइल सही नहीं है, आपका वजन अधिक है, आप मोटापे का शिकार हैं या फिर अगर आपके परिवार में किसी को टाइप 2 डायबिटीज है तो आपको भी यह बीमारी होने का खतरा अधिक होता है। 

आप क्या खाते हैं, क्या पीते हैं, इसका भी आपके शुगर लेवल पर असर पड़ता है खासकर तब जब आपको टाइप 2 डायबिटीज हो। वैसे तो डायबिटीज की बीमारी में कार्बोहाइड्रेट्स का सेवन कम करने की सलाह दी जाती है लेकिन अब एक नई स्टडी में बताया गया है कि अगर साबुत अनाज से मिलने वाले फाइबर और हाई-क्वॉलिटी कार्बोहाइड्रेट्स का सेवन किया जाए तो टाइप 2 डायबिटीज के खतरे को कम किया जा सकता है।

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  1. साबुत अनाज और डायबिटीज के बीच क्या है लिंक?
  2. ये हैं गुड कार्बोहाइड्रेट्स जिनका सेवन करना चाहिए
  3. इन चीजों को भी डाइट में करें शामिल
  4. ये हैं बैड कार्बोहाइड्रेट्स जिनसे रहें दूर

द जर्नल ऑफ न्यूट्रिशन नाम की पत्रिका में प्रकाशित इस स्टडी में बताया गया है कि साबुत अनाज (होल ग्रेन) फाइबर से भरपूर होता है और अगर रोजाना प्रति अनाज करीब 16 ग्राम साबुत अनाज का सेवन किया जाए तो पुरुषों में टाइप 2 डायबिटीज का खतरा 11 प्रतिशत तक कम हो सकता है और महिलाओं में 7 प्रतिशत तक। इसमें गेंहूओट्स, rye जैसे अनाज (सीरियल) शामिल हैं। 

इसके अलावा अमेरिकी की हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में भी साबुत अनाज और टाइप 2 डायबिटीज के बीच क्या लिंक है इसे जानने के लिए एक स्टडी हुई जिसके लीड ऑथर किम ब्रॉन ने बताया, 'ऐसा कहा जाता है कि कार्बोहाइड्रेट्स का अधिक सेवन करने से टाइप 2 डायबिटीज का खतरा अधिक होता है।' इसके लिए रिसर्च टीम ने यह जानने की कोशिश की कि क्या हाई-क्वॉलिटी कार्बोहाइड्रेट्स और लो-क्वॉलिटी कार्बोहाइड्रेट्स जिसमें रिफांइड या परिष्कृत अनाज, चीनी वाले खाद्य पदार्थ और आलू जैसी चीजें शामिल हैं का सेवन करने से नतीजों में कोई अंतर आता है। 

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स्टडी के दौरान रिसर्च टीम ने अमेरिका के स्वास्थ्यकर्मियों पर की गई 3 स्टडीज के डेटा की जांच की। इसमें नर्सेज हेल्थ स्टडी की करीब 70 हजार महिलाएं, नर्सेज हेल्थ स्टडी 2 की 90 हजार 239 महिलाएं और हेल्थ प्रफेशनल फॉलोअप स्टडी के 40 हजार 539 पुरुष शामिल थे। स्टडी के दौरान करीब 12 हजार टाइप 2 डायबिटीज के केस सामने आए। 

अनुसंधानकर्ताओं ने पाया कि जब सैचुरेटेड फैटी एसिड, मोनोसैचुरेटेड फैट, पॉलिअनसैचुरेटेड फैट, ऐनिमल प्रोटीन और वेजिटेबल प्रोटीन से मिलने वाली कैलोरीज की जगह हाई क्वॉलिटी कार्बोहाइड्रेट्स का सेवन किया गया तो टाइप 2 डायबिटीज का खतरा काफी कम हो गया। स्टडी के लीड ऑथर किम ब्रॉन कहते हैं, स्टडी के नतीजे इस बात पर फोकस करते हैं कि जब डायबिटीज के जोखिम कारक की पहचान की जा रही है तो उसमें इसका अंतर करना जरूरी है कि कार्बोहाइड्रेट्स किस स्त्रोत से मिल रहा है- हाई क्वॉलिटी सोर्स से या लो क्वॉलिटी सोर्स से।

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अच्छे कार्बोहाइड्रेट्स की श्रेणी में ये खाद्य पदार्थ आते हैं -

  • साबुत अनाज और दालें - सभी तरह की दालें, राजमा, ब्राउन राइस, बार्ली, कुटू का आटा, कीन्वा, साबुत अनाज से बनी ब्रेड (होल ग्रेन ब्रेड), पास्ता आदि
  • फल - सेब, नाशपाती, संतरा, आम, बेरीज, आड़ू(पीच), शक्करकंद, केला
  • सब्जियां - पालक, हरी सब्जियां, टमाटर, मशरूम, गाजर, केल आदि

बाजरा, रामदाना, कुट्टू और राजगीरा भी कुछ ऐसे साबुत अनाज हैं जिनका सेवन करने से टाइप 2 डायबिटीज के खतरे को कम किया जा सकता है। इनमें फाइबर के अलावा, मैग्नीशियम, पोटैशियमआयरनएमिनो-एसिड जैसे कई न्यूट्रिएंट्स पाए जाते हैं जो ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल करने में मदद करते हैं और डायबिटीज के खतरे को कम।

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