कोविड-19 बेहद गंभीर श्वास संबंधी बीमारी है जो मुख्य रूप से फेफड़ों और वायुमार्ग को प्रभावित करती है। फेफड़ों में मौजूद एक खास तरह के रिसेप्टर्स जिसे ACE2 रिसेप्टर्स कहते हैं, के साथ कोविड-19 बीमारी फैलाने वाला वायरस सार्स-सीओवी-2 खुद को बांध लेता है। आमतौर पर इस रिसेप्टर का काम होता है शरीर में ब्लड प्रेशर और तरल पदार्थों के संतुलन को बनाए रखना। लेकिन सार्स-सीओवी-2 वायरस जिसकी वजह से कोविड-19 बीमारी होती है, इन रिसेप्टर्स का इस्तेमाल स्वस्थ व्यक्ति के शरीर में मौजूद फेफड़ों की कोशिका में प्रवेश करने के लिए करता है जिसके बाद वह स्वस्थ व्यक्ति वायरस से संक्रमित हो जाता है।

जैसे ही किसी व्यक्ति को कोविड-19 बीमारी होती है तो उसमें ये लक्षण नजर आने लगते हैं- खांसी, बुखार, सांस लेने में तकलीफ आदि। हालांकि सिर्फ लक्षणों के आधार पर ही इस बीमारी की पहचान यानी डायग्नोसिस नहीं किया जाता। कोविड-19 बीमारी की पहचान करने के लिए मुख्य रूप से आरटी-पीसीआर टेस्ट किया जाता है। लेकिन जिन इलाकों में इस बीमारी का संक्रमण बहुत ज्यादा फैल जाता है उन इलाकों में डॉक्टर बीमारी के लक्षण का पता लगाने के लिए सीटी-स्कैन जैसे टेस्ट्स का भी इस्तेमाल करते हैं। सीटी-स्कैन के जरिए डॉक्टर यह जानने की कोशिश करते हैं कोविड-19 मरीजों के फेफड़ों में जो बदलाव दिखता है क्या वह बदलाव इस संदिग्ध मरीज के फेफड़ों में है या नहीं।

एक्स-रे करने की बजाए डॉक्टर छाती का सीटी-स्कैन करना ज्यादा बेहतर समझते हैं क्योंकि सीटी-स्कैन ज्यादा सेंसेटिव होता है और कोविड-19 मरीजों में होने वाले बदलावों का जल्द ही पता लगा लेता है। कोविड-19 मरीजों के सीटी-स्कैन में क्या दिखता है और यह बीमारी किस तरह से फेफड़ों को प्रभावित करती हैं इस बारे में हम आपको बता रहे हैं।

कोविड-19 मरीजों के फेफड़ों का सीटी-स्कैन

विशेषज्ञों की मानें तो कोविड-19 मरीजों की छाती के सीटी-स्कैन में कोई अलग या विशिष्ट संकेत नहीं दिखता बल्कि कोविड-19 मरीजों के फेफड़ों में भी वही संकेत नजर आते हैं जो फेफड़ों से जुड़ी दूसरी बीमारियों में दिखते हैं। हालांकि कुछ चीजें जरूर हैं जो कोविड-19 मरीज के सीटी-स्कैन में दिखती हैं जो संभावित संक्रमण की ओर इशारा करती हैं, खासकर तब अगर मरीज को वायरस के एक्सपोजर का खतरा अधिक हो। उदाहरण के लिए- वैसे लोग जो कोविड-19 से बुरी तरह से प्रभावित इलाके या देशों में रहते हों, कोविड-19 मरीजों की घर पर देखभाल करने वाले लोग और कोविड-19 मरीजों का इलाज करने वाले डॉक्टर और स्वास्थ्य सेवा से जुड़े कर्मचारियों में भी इंफेक्शन होने का खतरा काफी अधिक होता है।

आमतौर पर कोविड-19 मरीज के सीटी-स्कैन में अतिरिक्त गांठ जैसी चोट नजर आती है जो घर्षित कांच की जटिलता (ground glass opacities) जैसी किसी चीज से घिरी होती है। साथ ही कुछ जमावट भी नजर आती है। इन चीजों का क्या मतलब है आपको बताते हैं:

  • ग्राउंड गिलास ओपैसिटी: चिकित्साविज्ञान में, ग्राउंड-गिलास ओपैसिटी फेफड़ों में मौजूद धुंधला क्षेत्र होता है जो धुंधला होने के बावजूद इतना साफ होता है कि उसके अंदर से श्वसन से जुड़े ढांचों को देखा जा सके। यह ग्राउंड-गिलास ओपैसिटी, कई तरह की बीमारियों और परिस्थितियों की ओर इशारा करती है जिसमें इन्फ्लेमेशन (सूजन-जलन), ऐल्वेओली (फेफड़ों में मौजूद वायुकोष) का टूट जाना, शरीर में तरल पदार्थों के बढ़ने से शरीर का फूल जाना (oedema) और फाइब्रॉसिस आदि शामिल है। 
  • जमावट (कन्सॉलिडेशन्स): ग्राउंड-गिलास ओपैसिटी की तुलना में कन्सॉलिडेशन्स ज्यादा सघन होते हैं और इसलिए इनके नीचे मौजूद श्वसन संबंधी ढांचों को देख पाना संभव नहीं हो पाता। आमतौर पर जब फेफड़ों और वायुमार्ग में तरल पदार्थ या कोई ठोस वस्तु जमा हो जाती है तब इसे कन्सॉलिडेशन्स कहते हैं।

अगर किसी व्यक्ति का फेफड़ा पूरी तरह से स्वस्थ है तो वह सीटी-स्कैन में पूरी तरह से काला नजर आएगा। सीटी-स्कैन एक तरह की इमेजिंग तकनीक है जो एक्स-रे रेडिएशन का ही इस्तेमाल करता है ताकि शरीर के अंदर मौजूद ढांचों में चित्र या परछाई का निर्माण किया जा सके। सीटी-स्कैन मशीन में घुमावदार स्कैनर होता है जो व्यक्ति के शरीर के इर्द-गिर्द घूमता है और एक्स-रे रेडिएशन्स भेजता है। ये रेडिएशन्स, टुकड़ों-टुकड़ों में तस्वीर बनाते हैं जिसे बाद में एक अटैच्ड कम्प्यूटर के जरिए जोड़ा जाता है ताकि शरीर के उस स्कैन किए हुए हिस्से की 3डी तस्वीर बनायी जा सके।

जर्नल ऑफ थोरैसिक ऑनकोलॉजी में हाल में प्रकाशित एक स्टडी में चीन के चिकित्सकों के एक ग्रुप ने 2 केस स्टडी के बारे में बताया जिसमें वैसे मरीजों का जिक्र था जिनकी हाल ही में फेफड़ों के कैंसर के लिए सर्जरी की गई थी। उनमें oedema (शरीर में तरल पदार्थों के बढ़ने से शरीर का फूल जाना), फाइब्रॉसिस और इन्फ्लेमेशन पाया गया। इन मरीजों में बाद में कोविड-19 का संक्रमण भी हो गया।

क्या सीटी-स्कैन के जरिए कोविड-19 बीमारी की पहचान हो सकती है? के डॉक्टर
Dr Rahul Gam

Dr Rahul Gam

संक्रामक रोग
8 वर्षों का अनुभव

Dr. Arun R

Dr. Arun R

संक्रामक रोग
5 वर्षों का अनुभव

Dr. Neha Gupta

Dr. Neha Gupta

संक्रामक रोग
16 वर्षों का अनुभव

Dr. Anupama Kumar

Dr. Anupama Kumar

संक्रामक रोग


उत्पाद या दवाइयाँ जिनमें क्या सीटी-स्कैन के जरिए कोविड-19 बीमारी की पहचान हो सकती है? है

संदर्भ

  1. M Health Lab [Internet]. Michigan Medicine. University of Michigan. US; How Does COVID-19 Appear in the Lungs?
  2. Renhong Yan, et al. Structural basis for the recognition of SARS-CoV-2 by full-length human ACE2. Science. 2020; 367(6485):1444-1448.
  3. Cascella M, Rajnik M, Cuomo A, et al. Features, Evaluation and Treatment Coronavirus (COVID-19) [Updated 2020 Mar 20]. In: StatPearls [Internet]. Treasure Island (FL): StatPearls Publishing; 2020 Jan
  4. Infante M., et al. Differential diagnosis and management of focal ground-glass opacities. European Respiratory Journal. 2009; 33: 821-827
  5. Collins Jannette, Stern Eric J. Ground-Glass Opacity at CT:The ABCs. AJR online. 2009.
  6. Lung consolidation. MedGen UID: 636648. Concept ID: C0521530. Disease or Syndrome
  7. Mount Sinai [Internet]. Icahn School of Medicine. New York City (NY). U.S.A.; Thoracic CT
  8. National Cancer Institute [Internet]. Bethesda (MD): U.S. Department of Health and Human Services; Computed Tomography (CT) Scans and Cancer
  9. Tian Sufang, et al. Pulmonary Pathology of Early-Phase 2019 Novel Coronavirus (COVID-19) Pneumonia in Two Patients With Lung Cancer. Journal of Thoracic Oncology. 2020 Feb.
ऐप पर पढ़ें