चीन समेत दुनिया के कई देशों में फैल चुके नए कोरोना वायरस 'सीओवीआईडी-19' को और ज्यादा फैलने से रोकने की कोशिशें जारी हैं। चीन में तमाम प्रयासों के चलते हालात कुछ हद तक काबू में जरूर आए हैं। लेकिन अन्य देशों में नए मामलों और मौतों की संख्या बढ़ी है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने स्वयं कहा है कि कोरोना वायरस का प्रभाव इतना है कि यह वैश्विक महामारी बन सकता है। कई मौकों पर उसने इस शब्द का इस्तेमाल किया है। लेकिन औपचारिक रूप से कोरोना वायरस को महामहारी घोषित नहीं किया गया है। सवाल उठता है कि डब्ल्यूएचओ ऐसा क्यों नहीं कर रहा है?
दरअसल, डब्ल्यूएचओ का कहना है कोरोना वायरस से बचाव के सभी रास्ते तलाशे जा रहे हैं और अभी ऐसे हालात नहीं हुए हैं कि सीओवीआईडी-19 को वैश्विक स्तर पर महामारी का नाम दिया जाए। अंतरराष्ट्रीय मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक, डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक टेड्रोस अधानोम गेब्रेयेसुस का कहना है, 'वैश्विक स्तर पर कोरोना वायरस का ज्यादा असर अभी तक देखा नहीं गया है। चीन के अलावा इससे होने वाली मौत का आंकड़ा भी वैश्विक स्तर पर अधिक नहीं है।'
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कई जानकारों की मानें तो डब्ल्यूएचओ महानिदेशक का यह बयान निराधार नहीं है। वे बताते हैं कि वायरस के फैलने के बाद चीन के हालात में अब थोड़ा सुधार हुआ है। वहां कोरोना वायरस से जुड़े नए मामलों में कमी आई है। ताजा आंकड़ों की बात करें तो 24-25 फरवरी को चीन में कोरोना वायरस से जुड़े 510 नए मामले सामने आए। एक हफ्ता पहले यह संख्या औसतन 1,000 से 2,000 के बीच थी। वहीं, उससे पहले हुबेई प्रांत समेत पूरे चीन में हर रोज 3,000 से 5,000 तक नए मामले सामने आ रहे थे। वहीं, चीन, डायमंड प्रिंसेस क्रूज शिप और दक्षिण कोरिया को छोड़ दें तो बाकी देशों में कोरोना वायरस के ज्यादा मामले सामने नहीं आए हैं। कई देशों ने तो इस स्वास्थ्य संकट को पूरी तरह से नियंत्रित कर लिया है। इनमें भारत का नाम भी लिया जा रहा है। मेडिकल विशेषज्ञों का कहना है कि डब्ल्यूएचओ द्वारा कोरोना वायरस को महामारी घोषित नहीं किए जाने की यह एक बड़ी वजह है।
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महामारी और कोरोना वायरस
डब्ल्यूएचओ के मुताबिक, किसी नई प्रकार के बीमारी के वैश्विक स्तर पर फैलने और बहुत बड़े पैमाने पर जनहानि का कारण बनने के चलते उसे 'महामारी' घोषित किया जाता है। कोरोना संकट के संबंध में उस स्थिति को महसूस नहीं किया गया है कि जिससे इसे महामारी घोषित किया जाए। टेड्रोस बताते हैं कि डब्ल्यूएचओ ने कोरोना वायरस को लेकर अलर्ट पहले ही जारी कर दिया है और इसे पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी घोषित किया जा चुका है। महामारी की घोषणा ज्यादा बदतर स्थिति में की जाती है, जो वायरस फैलने की तुलना में अधिक गंभीर है। महामारी केवल एक शब्द नहीं, बल्कि इस बात का संकेत है कि बीमारी पूरी दुनिया के लिए खतरा बन चुकी है। कोरोना के मामले में अभी तक ऐसा नहीं है। हालांकि, कुछ संक्रामक रोग विशेषज्ञों का कहना है कि कोरोना वायरस ने 'महामारी' जैसा रूप ले लिया है।
क्या है कोरोना वायरस?
'कोरोनाविरिडाई' नामक विषाणु परिवार में शामिल विषाणुओं को कोरोना वायरस कहा जाता है। कोरोना वायरस सीओवीआईडी-19 इस परिवार का नया सदस्या है। इसके अलावा इस विषाणु समूह में 229ई, एनएल63, ओसी43, एचकेयू-1, एमईआरस-सीओवी और सार्स (एसईआरएस-सीओवी) कोरोना वायरस शामिल हैं। इनकी चपेट में आने वाले व्यक्ति को वायरल इन्फेक्शन या सामान्य सर्दी जुकाम हो सकता है।
कोरोना वायरस के लक्षण
कोरोना वायरस से होने वाले संक्रमण के लक्षण सामान्य सर्दी-जुकाम की तरह होते हैं। यह वायरस मुख्य रूप से श्वसन तंत्र और छाती में संक्रमण पैदा करता है। तकलीफ बढ़ने पर मरीज को निमोनिया भी हो सकता है। मेडिकल विशेषज्ञों के मुताबिक अगर कोई व्यक्ति कोरोना वायरस से संक्रमित है तो उसके अंदर निम्नलिखित लक्षण दिखाई दे सकते हैं-
- गले में दर्द होना
- छींक आना
- नाक बहना
- लगातार सिरदर्द रहना
- सूखी खांसी होना
- बुखार होना
- कमजोरी महसूस होना
- बदन दर्द होना
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बता दें कि सीओवीआईडी-19 का इलाज उपलब्ध नहीं है। ऐसे में बचाव ही सुरक्षित रहने का एकमात्र रास्ता है। ऊपर दिए गए लक्षणों को ध्यान में रखते हुए सावधानी बरत कर इस संकट की रोकथाम में मदद मिल सकती है।