चीन में सबसे पहले सामने आए नए कोरोना वायरस 'सीओवीआईडी-19' से पूरी दुनिया में डर और चिंता का माहौल है। हालांकि इस दौरान कुछ दिलचस्प तथ्य सामने आ रहे हैं। इनमें एक तथ्य यह है कि यह जानलेवा वायरस ज्यादातर मध्य आयु वर्ग और बुजुर्ग लोगों को अपना शिकार बना रहा है। ऐसे मामले काफी कम है, जिनमें बच्चों में कोरोना वायरस की पुष्टि हुई है। दूसरा, जिन मिडल एज और बुजुर्ग लोगों को इस वायरस ने अपना शिकार बनाया है, उनमें से ज्यादातर पुरुष हैं।
इस जानकारी को लेकर इसी हफ्ते अमेरिका के जाने-माने अखबार न्यूयॉर्क टाइम्स में एक प्रकाशित हुआ। इसमें अखबार के स्वास्थ्य विषयों की लेखिका रॉनी कैरिन रैबिन बताती हैं कि क्यों कोरोना वायरस जैसे संक्रामक रोग महिलाओं से ज्यादा पुरुषों को नुकसान पहुंचाते हैं।
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लेख में बताया गया कि इसी हफ्ते चीनी स्वास्थ्य संगठन 'सेंटर फॉर डिसीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन' ने कोरोना वायरस से जुड़ा अब तक का सबसे विस्तृत विश्लेषण प्रकाशित किया। मेडिकल विशेषज्ञों और विश्लेषकों ने इसमें पाया कि कोरोना वायरस से संक्रमित होने वाले पुरुषों और महिलाओं की संख्या में अंतर है, लेकिन अपनी-अपनी श्रेणी की संख्या के लिहाज से पुरुषों की मृत्यु दर महिलाओं से ज्यादा है। रॉनी कैरिन के मुताबिक, कोरोना वायरस से मरने वाली महिलाओं की मृत्यु दर जहां 1.7 प्रतिशत है, वहीं पुरुषों के मामले में यह दर 2.8 प्रतिशत देखी गई है।
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क्या कहता है इतिहास?
अंतरराष्ट्रीय पत्रिका 'एनल्स एंड इंटर्नल मेडिसिन' में प्रकाशित रिपोर्ट के हवाले से बताया गया है, कि साल 2003 में सामने आए कोरोना वायरस 'सार्स' के प्रभाव में अधिकतर महिलाएं आई थीं, लेकिन मरने वालों में ज्यादातर पुरुष थे। उनकी मृत्यु दर महिलाओं की अपेक्षा 50 प्रतिशत ज्यादा थी। इसके अलावा मध्य पूर्व में लोगों को अपना शिकार बनाने वाले कोरोना वायरस 'मार्स' से मरने वालों लोगों में पुरुषों की मृत्यु दर (32 प्रतिशत) महिलाओं के मुकाबले (25.8 प्रतिशत) ज्यादा थी। रॉनी यह भी बताती हैं कि जब 1918 में स्पेन में फैले इन्फ्लुएंजा ने पूरी दुनिया में करोड़ों लोगों की जान ली थी, तब भी युवा पुरुषों की मृत्यु दर उन्हीं के आयु वर्ग की महिलाओं से ज्यादा रही थी।
पुरुष मृत्यु दर ज्यादा होने की क्या है वजह?
मौजूदा कोरोना वायरस सीओवीआईडी-19 के मृतकों में पुरुषों की संख्या अधिक होने के पीछे कई कारण बताए जा रहे हैं। वैज्ञानिकों का कहना है कि ये कारण जीवविज्ञान के साथ-साथ जीवनशैली से जुड़े हो सकते हैं। दरअसल, जानकार बताते हैं कि किसी संक्रमण से लड़ने की पुरुषों की प्रतिरक्षा क्षमता महिलाओं के मुकाबले कमजोर होती है। लेख की मानें तो मेडिकल विशेषज्ञ भी इस बात से इत्तफाक रखते हैं।
साबरा क्लेन अमेरिका स्थित 'जॉन्स होपकिन्स ब्लूमबर्ग स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ' में वैज्ञानिक हैं। वे लंबे समय से इस विषय पर अध्ययन कर रही हैं, कि वायरल इन्फेक्शन और वैक्सीनेशन (टीकाकरण) के समय महिला और पुरुष कैसी प्रतिक्रिया देते हैं। इस बारे में वह बताती हैं, 'हमने दूसरे वायरसों के मामलों में भी देखा है कि महिलाएं (पुरुषों के मुकाबले संक्रमण से) बेहतर लड़ पाती हैं। हमने सांस संबंधी वायरल इन्फेक्शंस के मामलों में एक पैटर्न के तहत गौर किया है कि पुरुषों को इनसे ज्यादा नुकसान हो सकता है।'
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महिलाओं का इम्युन सिस्टम ज्यादा मजबूत
लेख में रॉनी लिखती हैं कि टीकाकरण के समय महिलाएं ज्यादा सक्षम प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया (इम्युन रेस्पॉन्स) देती हैं। इससे स्मरण शक्ति के रूप में भी उनकी इस क्षमता में इजाफा होता है। इसलिए जब भी महिलाओं को संक्रामक रोग होता है, तो मस्तिष्क तुरंत रेस्पॉन्स करना शुरू कर देता है।
हालांकि इस क्षमता के कुछ नकारात्मक पहलू भी हैं। अमेरिकी स्वास्थ्य संस्थान 'नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ' में महिला स्वास्थ्य की विशेषज्ञ डॉक्टर जैनिन क्लायटोन बताती हैं, 'महिलाओं के इम्युन सिस्टम में कुछ खास बात है। लेकिन इसके कुछ नुकसान भी हैं। इम्युन सिस्टम ज्यादा ताकतवर होने से यह शरीर के ही टिशूज को नुकसान पहुंचा सकता है। इससे महिलाओं को स्वप्रतिरक्षित (या ऑटोइम्युन) बीमारियां हो सकती हैं, जैसे आर्थराइटिस और लुपस।' डॉक्टर क्लायटोन के मुताबिक, इस तरह की बीमारियों के 80 प्रतिशत मरीज महिलाएं ही हैं।
बहरहाल, जानकार बताते हैं कि महिलाओं की प्रतिरक्षा प्रणाली इतनी मजबूत क्यों होती हैं, इस बारे में अधिक जानकारी उपलब्ध नहीं है। हालांकि कुछ अनुमान जरूर लगाए जाते हैं। विशेषज्ञ बताते हैं कि महिलाओं के इम्युन सिस्टम के मजबूत होने के जैविक कारण हो सकते हैं। इनमें एस्ट्रोजन हार्मोन भी एक कारण हो सकता है जो इम्युनिटी सिस्टम में अहम भूमिकना निभाता है। यह बात भी गौरतलब है कि महिलाओं में दो क्रोमोसोम होते हैं जो जिनमें प्रतिरक्षा संबंधी जीन्स होते हैं। वहीं, पुरुषों में केवल एक क्रोमोसोम होता है।
जीवनशैली भी एक वजह
महिलाओं और पुरुषों के इम्युन सिस्टम में अंतर की वजह दोनों की जीवनशैली के अंतर से भी जुड़ी है। जानकार बताते हैं कि दुनिया में सबसे ज्यादा धूम्रपान करने वाले चीन में हैं। यहां 31 करोड़ से ज्यादा लोग सिगरेट पीते हैं। इसके अलावा दुनिया में सबसे ज्यादा तंबाकू का उपभोग भी चीन में ही होता है। लेकिन इन दोनों का सेवन करने वालों में चीनी महिलाओं की संख्या बहुत कम है। चीन में टाइप-2 डायबिटीज और ब्लड प्रेशर के मरीज भी ज्यादातर पुरुष ही हैं। इससे साफ होता है कि कोरोना वायरस संक्रमण से पुरुषों की मौत महिलाओं के मुकाबले ज्यादा क्यों है।
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