कोरोना वायरस के असर के चलते अब अन्य प्रकार के नुकसान देखने को मिल रहे हैं। एक तरफ आगामी दिनों में देश में दवाइयों की कमी होने की आशंका जताई जा रही है, तो दूसरी तरफ उपलब्ध दवाइयों के कीमतें बढ़ना शुरू हो गई हैं। इसकी शुरूआत पैरासिटामोल से हो गई है। मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक, पैरासिटामोल दवाई 40 प्रतिशत तक महंगी हो गई है। वहीं, बैक्टीरियल इंफेक्शन से बचने के लिए दी जानी वाली एंटीबायोटिक दवा एजिथ्रोमाइसिन की कीमत 70 प्रतिशत तक बढ़ गई हैं।
बताया जा रहा है कि कोरोना वायरस के कारण पूरी दुनिया में दवाइयों का उत्पादन प्रभावित हुआ है। इस कारण भारत में सबसे अधिक उपयोग में लाए जाने वाली पैरासिटामोल के दाम बढ़ गए हैं। खबरों के मुताबिक, अगर अगले महीने के पहले हफ्ते तक दवा की सप्लाई बहाल नहीं होती तो अप्रैल के महीने में दवा की कमी से जूझना पड़ सकता है।
(और पढ़ें- वायरस क्या है और कैसे फैलता है)
भारत दवाइयों का सबसे बड़ा उपभोक्ता
विश्व के बाकी देशों की तुलना में भारत जेनेरिक दवाओं का सबसे बड़े उपभोक्ता है। दवाओं के उत्पादन के मामले में वह आत्मनिर्भर नहीं है। भारत दवाओं के उत्पादन से जुड़ी सामग्री के लिए काफी हद तक चीन पर निर्भर है। रिपोर्टों के मुताबिक, भारत दवाओं के लिए जरूरी सामान या कच्चे माल (जिसे एपीआई कहते हैं) का 80 प्रतिशत चीन से आयात करता है। वहां इन दिनों कोरोना वायरस का कहर है। इसके चलते वहां कई प्रकार के निर्यात पर रोक लगी हुई है। उसी का असर भारत में दवाओं की सप्लाई पर देखा जा सकता है। जानकारों की मानें तो एपीआई की सप्लाई नहीं होने का असर केवल फार्मा सेक्टर को प्रभावित नहीं करेगा, बल्कि इससे दवाओं की कीमतें बढ़ेंगी और उनकी जरूरत को पूरा करने में भी दिक्कत हो सकती है।
दुनियाभर में हो सकती है एंटीबायोटिक की कमी
चीन स्थित एक यूरोपीय व्यापार समूह ने चेताया है कि आने वाले समय में दुनियाभर में पैरासिटामोल के अलावा एंटीबायोटिक और अन्य कई दवाओं की कमी हो सकती है। समूह ने आगाह किया है कि अगर कोरोना वायरस को फैलने से नहीं रोका गया तो जल्दी ही दुनिया को इस समस्या से जूझना पड़ सकता है। वहीं, यूरोपीय संघ की एक शाखा 'चैंबर ऑफ कॉमर्स' के अध्यक्ष जोर्ज वुटके ने कहा कि चीन, राजधानी बीजिंग से विदेशों में दवाओं की सप्लाई करता है, लेकिन कोरोना वायरस के कारण बढ़ी समस्याओं के चलते फिलहाल आपूर्ति रुकी हुई है। कोरोना वायरस के असर की वजह से बीजिंग में 14 दिन के लिए किसी भी तरह की आवाजाही पर पूरी तरह से रोक लगा दी गई है। इस कारण अगले दो हफ्तों तक दवाओं की सप्लाई नहीं की जा सकेगी।
(और पढ़ें- छछूंदर से फैला यह वायरस, यूरोप में कई लोगों की हुई मौत)
चीन समेत पूरी दुनिया में 73,000 से ज्यादा मामले
चीन के साथ-साथ पूरी दुनिया में कोरोना वायरस का कहर जारी है। ताजा आंकड़ों पर गौर करें तो नए कोरोना वायरस (सीओवीआईडी-19) से संक्रमित लोगों की संख्या लगातार बढ़ रही है। अब तक दुनियाभर में 73,336 लोग इसकी चपेट में आ चुके हैं। इनमें से 1,874 की मौत हो चुकी है और 11,795 लोग गंभीर हालत में हैं। हालांकि नए मामले सामने आने की दर में कमी देखी गई है। बीते हफ्ते तक चीन में रोजाना कोरोना वायरस के तीन से पांच हजार नए मामलों की पुष्टि हो रही थी। अब यह संख्या घटते-घटते दो हजार के नीचे चली गई है। उम्मीद जताई जा रही है कि आने वाले दिनों में यह कमी जारी रहेगी।
(और पढ़ें- क्या लक्षण दिखे बगैर भी फैल सकता है कोरोना वायरस)