चीन में कहर बरपा रहे नए कोरोना वायरस से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मौतों की संख्या बढ़ रही है। एक तरफ दक्षिण कोरिया में सीओवीआईडी-19 से दूसरी मौत होने की पुष्टि हुई है, तो दूसरी तरफ ईरान में भी मरने वालों की संख्या दो से बढ़ कर चार हो गई है। हालात देखते हुए विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) को चेतावनी जारी करनी पड़ी है। वहीं, भारत में भले ही कोरोना वायरस का कोई नया मामला सामने नहीं आया है, लेकिन यहां नए तरह के एहतियादी कदम प्रशासन की तरफ से उठाए जा रहे हैं।
दिल्ली में होटलों और गेस्टहाउस की जांच
देश की राजधानी में कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए केंद्र और दिल्ली सरकार अपने-अपने स्तर पर कई सावधानियां बरत रही हैं। इस सिलसिले में स्वास्थ्य अधिकारियों की टीमें अब दिल्ली के सभी होटलों और गेस्टहाउसों का दौरा कर रही हैं। इनमें वे बीते एक हफ्ते के दौरान चीन, ताइवान, मलेशिया, सिंगापुर और थाइलैंड से आए यात्रियों की जांच कर रहे हैं। मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक, इन टीमों में एक डॉक्टर, एक नर्स और एक मेडिकल सहायक शामिल हैं। वे यात्रियों की मेडिकल जांच में यह देख रहे हैं कि कहीं उनमें फ्लू के लक्षण (हल्का बुखार, सिरदर्द, बलगम, और सर्दी-जुकाम) तो नहीं हैं। साथ ही, होटलों और गेस्टहाउसों के प्रबंधन से कहा गया है कि अगर किसी यात्री में ऐसे लक्षण दिखे तो तुरंत एनडीएमसी और एमसीडी को जानकारी दें।
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तीनों मरीजों को छुट्टी, लेकिन केरल अभी 'वायरस-मुक्त' नहीं
केरल में सामने आए कोरोना वायरस के तीनों मरीजों को छुट्टी दी जा चुकी है। दो मरीजों को पहले ही छुट्टी दी जा चुकी थी। मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक, गुरुवार को तीसरे मरीज को भी डिस्चार्ज कर दिया गया। स्वास्थ्य अधिकारियों ने शुक्रवार को इसकी जानकारी दी। बता दें कि यह मरीज एक छात्रा है जो इसी महीने की शुरुआत में चीन से केरल लौटी थी। बाद में उसके कोरोना वायरस से संक्रमित होने की पुष्टि हुई थी, जो देश में इस वायरस का पहला मामला था। लेकिन अब उसे डिस्चार्ज कर दिया गया है। केरल के स्वास्थ्य के अधिकारियों ने बताया कि सरकारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल के बोर्ड ने सभी तरह की जांच-पड़ताल के बाद यह फैसला किया।
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उधर, केरल सरकार ने कहा है कि वह अभी राज्य को 'कोरोना वायरस मुक्त' घोषित नहीं करेगी। सूबे की स्वास्थ्य मंत्री केके शैलजा ने एक मीडिया साक्षात्कार में बताया, 'सरकार वायरस की जांच की पूरी अवधि समाप्त होने के बाद यह घोषणा कर सकती है। इसके लिए मार्च के पहले हफ्ते तक इंतजार करना होगा। फिलहाल 2,000 से ज्यादा लोग अभी मेडिकल निगरानी में हैं।'
दक्षिण कोरिया में तेजी से फैला रहा वायरस
चीन और 'डायमंड प्रिंसेस' क्रूज शिप के बाद कोरोना वायरस अब दक्षिण कोरिया में तेजी से फैलता दिख रहा है। शुक्रवार को यहां नए मामलों में जबर्दस्त तेजी देखी गई। अंतरराष्ट्रीय रिपोर्टों के मुताबिक, बीते 24 घंटों में दक्षिण कोरिया में नए कोरोना वायरस के 137 नए मामलों की पुष्टि हो चुकी है। इससे कुल मामलों की संख्या 209 से सीधे 346 हो गई है। वहीं, इसी दौरान यहां एक और व्यक्ति के मारे जाने की भी खबर है और नौ की हालत गंभीर बनी हुई है।
ईरान में मौतों का आंकड़ा बढ़ा, इटली में पहली मौत की पुष्टि
उधर, ईरान में भी कोरोना वायरस के मामलों और मौतों में अचानक तेजी आई है। गुरुवार तक यहां केवल दो ही लोगों के कोरोना वायरस से संक्रमित और फिर मौत होने की पुष्टि हुई थी। लेकिन शुक्रवार को मृतकों की संख्या चार हो गई और कुल मामले 18 हो गए। वहीं, इटली में भी नए कोरोना वायरस से पहले व्यक्ति के मारे जाने की खबर है। कोरोना वायरस से मारे गए ज्यादातर लोगों की तरह यह पीड़ित भी एक बुजुर्ग है। उसकी उम्र 78 साल बताई गई है। बता दें कि इटली में भी कोरोना वायरस के छह मामलों की पुष्टि हुई है।
लेबनान में पहले मामले की पुष्टि
कोरोना वायरस से प्रभावित देशों की संख्या में भी इजाफा हुआ है। खबर है कि पश्चिमी एशियाई देश लेबनान में एक 45 वर्षीय महिला के कोरोना वायरस से संक्रमित होने की पुष्टि हुई है। बताया जा रहा है कि महिला में जब कोरोना के लक्षण दिखे, उस समय वह ईरान के शहर कोम में थी। जैसे ही महिला में सीओवीआईडी-19 के लक्षण दिखे, उसे तुरंत वहां से सीधे विमान के जरिये लेबनान भेज दिया गया। शुक्रवार को लेबनान की सरकार ने इसकी पुष्टि की। इसके साथ ही, कोरोना वायरस से प्रभावित देशों की संख्या 32 हो गई है।
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डब्ल्यूएचओ ने जताई चिंता
नए कोरोना वायरस को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर फैलने से नहीं रोके जाने को लेकर विश्व डब्ल्यूएचओ ने चिंता जताई है। इटली, ईरान और लेबनान में कोरोना वायरस की मौजूदगी की पुष्टि के बाद डब्ल्यूएचओ के प्रमुख टेड्रोस अधानोम ग्रेब्रेयेसुस ने कहा कि चीन में वायरस के नए मामलों में आई कमी की वजह से विषाणु को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर रोकने की एक उम्मीद जगी थी, लेकिन यह उम्मीद अब कम होती दिख रही है। टेड्रोस के मुताबिक, वायरस का इलाज अभी भी ढूंढा जा रहा है, जबकि इसे फैलने से रोकने का जो मौका मिला था, वह हाथ से निकलता जा रहा है। डब्ल्यूएचओ प्रमुख ने चेतावनी भरे लहजे में कहा, 'अगर सभी देशों ने इस बारे में तुरंत कुछ नहीं किया तो यह संकट किसी भी दिशा में जा सकता है, जो काफी बुरा हो सकता है।'
शी जिनपिंग ने दी चेतावनी
चीन में नए कोरोना वायरस के नए मामलों की संख्या दर में कमी आई है। यह बात डब्ल्यूएचओ ने भी स्वीकार की है। वहीं, चीन के एक राजदूत ने दो दिन पहले कहा था कि कोरोना वायरस अपना सबसे घातक रूप दिखा चुका है, लिहाजा मार्च तक इसके खत्म होने की उम्मीद है। लेकिन अब चीन के राष्ट्रपति शी चिनपिंग के एक बयान से इस 'उम्मीद' और कम होते मामलों के दावे पर सवाल खड़े होते हैं।
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अंतरराष्ट्रीय मीडिया में आई खबरों के मुताबिक, शी जिनपिंग ने साफ कहा है कि कोरोना वायरस का सबसे घातक रूप अभी आना बाकी है, इसलिए वायरस से सबसे ज्यादा प्रभावित हुबेई प्रांत और वुहान शहर को बचाने के लिए की जा रही कोशिशों को ठीक से लागू करना चाहिए। चीन के सरकारी मीडिया ने जिनपिंग के हवाले से बताया है कि हुबेई में हालात अभी भी गंभीर बने हुए हैं। शी जिनपिंग का यह रुख चीन के एक मेडिकल विशेषज्ञ के उस बयान की ओर ध्यान खींचता है, जिसमें उसने चेतावनी देते हुए कहा था कि अगले 10 से 14 दिनों में कोरोना वायरस का असर सबसे खतरनाक स्तर पर पहुंच सकता है। बता दें कि चीन में कोरोना वायरस अब तक 76,290 लोगों को संक्रमित कर चुका है। इनमें से 2,345 लोगों की मौत हो चुकी है और 11,000 से ज्यादा लोगों की हालत गंभीर बनी हुई है।