भारत में कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए कई कदम उठाए जा रहे हैं। एक तरफ, चीन की सीमाओं से लगे रास्तों को सील कर दिया गया है, तो दूसरी तरफ, पड़ोसी देशों से आने वाले लोगों के स्वास्थ्य की गंभीरता से जांच की जा रही है। इस सिलसिले में अब दिल्ली हवाई अड्डे पर विदेशी यात्रियों की थर्मल स्क्रीनिंग की जा रही है।
दो प्रकार से हो रही जांच
खबर के मुताबिक, कोरोना वायरस से ग्रस्त लोगों को पहचानने के लिए दिल्ली एयरपोर्ट पर विदेशी यात्रियों की थर्मल स्क्रीनिंग के जरिये जांच की जा रही है। इन लोगों में चीन, हांगकांग, सिंगापुर और थाइलैंड से आने वाले यात्री शामिल हैं। नागरिक उड्यन और स्वास्थ्य मंत्रालय के निर्देश पर हो रही यह जांच एयरपोर्ट हेल्थ ऑर्गनाइजेशन (एपीएचओ) की मदद से की जा रही है।
हालांकि, अधिकारियों ने बताया कि थर्मल स्क्रीनिंग से केवल बुखार का पता लगाया जा सकता है, इसलिए जांच दो तरह से हो रही है। उन्होंने कहा कि जिन लोगों ने पिछले 14 दिनों में चीन की यात्रा नहीं की है और वायरस से संक्रमित किसी व्यक्ति के संपर्क में नहीं आए हैं, उन्हें अन्य जानकारी देने के बाद जाने दिया जा रहा है। वहीं, गंभीर लक्षणों वाले और हाल में चीन गए या किसी संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने वाले यात्रियों को इलाज के लिए एपीएचओ कार्यालय भेजा जा रहा है।
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क्या है थर्मल स्क्रीनिंग?
इन्फ्रारेड थर्मोग्राफी, थर्मल इमेजिंग और थर्मल वीडियो इंफ्रारेड इमेजिंग साइंस के उदाहरण हैं। थर्मोग्राफिक कैमरे आमतौर पर विद्युत चुम्बकीय तरंग की मदद से लॉन्ग-इंफ्रारेड रेंज में रेडिएशन का पता लगाते हैं। थर्मोग्राफी की मदद से रेडिएशन की तस्वीर साफ दिखाई पड़ती है, जिसे थर्मोग्राम या थर्मल स्क्रीनिंग कहा जाता है।
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निगरानी में बाहर से आने वाले लोग
उधर, कोरोना को रोकने के लिए उठाए जा रहे तमाम प्रयासों के चलते सरकार ने उन सभी लोगों की पहचान कर ली है जिन्होंने 15 जनवरी या उसके बाद राजधानी से चीन की यात्रा की थी। मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक, इमिग्रेशन डिपार्टमेंट द्वारा तैयार की गई सूची में इन लोगों की संख्या 2,782 बताई गई है। इनमें 2,071 सेंट्रल दिल्ली के हैं। वहीं, दक्षिण-पूर्वी दिल्ली में 280, पूर्वी दिल्ली में 169, उत्तर-पश्चिमी दिल्ली में 118, दक्षिणी दिल्ली में 64 और दक्षिण-पश्चिमी दिल्ली में 21 लोग हैं। दिल्ली स्थित स्वास्थ्य विभाग इन सभी की जांच करेगा। कुछ मीडिया रिपोर्टों की मानें तो सरकार ने इनमें से 144 लोगों का पता लगा लिया है। बाकी के लोगों को अगले दो दिनों में ट्रेस किए जाने की बात कही गई है।
आशा कर्मियों को भी किया गया तैयार
केंद्र के अलावा दिल्ली सरकार भी कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए हर स्तर पर प्रयास कर रही है। इसके तहत जिलाधिकारियों और जिला निरीक्षण अधिकारियों से लेकर 'आशा' कर्मियों और सहायक दाइयों को भी प्रशिक्षण दिया गया है। इसके अलावा, जिला और केंद्रीय स्तर पर 24 घंटे की हेल्पलाइन सेवा शुरू की गई है। हालांकि, सभी तैयारियों के बीच राजधानी समेत कई राज्यों में N95 मास्क की कमी महसूस की जा रही है। फिलहाल दिल्ली में पांच लाख मास्क हैं। यहां 11 जिला चिकित्सा अधिकारियों को 5-5 हजार मास्क दिए गए हैं ताकि वे उन्हें हेल्थ वर्कर्स को वितरित कर सकें।
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एनडीएमसी ने भी उठाया बीड़ा
कोरोना की रोकथाम के लिए एनडीएमसी ने लोगों को जागरूक करने की नई पहल शुरू की है। इसके तहत वह लोगों को कोरोना वायरस के लक्षणों से जुड़े सवालों का जवाब दे रहा है। इसका एक लक्ष्य सामान्य खांसी और बुखार से पीड़ित लोगों में कोरोना के बढ़ते डर को दूर करना भी है।
एनडीएमसी केंद्र सरकार से मिली हर जानकारी को लोगों तक पहुंचा रही है। खबरों के मुताबिक अस्पतालों और डिस्पेंसरी में ऐसे पोस्टर लगाए जा रहे हैं जिनमें कोरोना वायरस के लक्षण और उसके बचाव की जानकारी दी गई है। लोग विभाग के डॉक्टरों या अस्पताल के स्टाफ से भी जानकारी ले सकते हैं।
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केरल के तीनों मरीजों की हालत स्थिर
भारत में अब तक कोरोना वायरस से जुड़े तीन मामलों की पुष्टि हुई है। ये तीनों मरीज केरल के हैं। डॉक्टरों का कहना है कि उनकी हालत स्थिर है। वहीं, राहत की बात है कि चीन से दिल्ली लाए गए सभी 645 लोगों में कोरोना वायरस के कोई लक्षण नहीं पाए गए हैं। हालांकि, स्वास्थ्य मंत्रालय का कहना है कि 14 दिन बाद उनके ब्लड सैंपल की फिर से जांच की जाएगी।