कोरोना वायरस से लोगों की मौत का सिलसिला जारी है। चीन में हजारों लोगों समेत अन्य एशियाई देशों में इस जानलेवा वायरस ने लोगों को अपना शिकार बनाया है। हालांकि, बीते तीन-चार दिनों में दो नई बातें देखने को मिली हैं। पहली यह कि चीन में कोरोना वायरस के नए मरीजों की दर में कमी देखने को मिल रही है। दूसरा, इस वायरस से एशिया के बाहर पहली मौत की पुष्टि हुई है। बीते शुक्रवार को फ्रांस की राजधानी पेरिस में कोरोना वायरस से संक्रमित एक व्यक्ति की मौत हो गई।
मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक, फ्रांस के स्वास्थ्य मंत्री एग्रेस बुजिन ने बताया कि पीड़ित व्यक्ति (80 वर्षीय) एक टूरिस्ट था। वह 16 जनवरी को चीन के हुबेई प्रांत से फ्रांस वापस लौटा था। कुछ दिनों बाद उसमें कोरोना वायरस के लक्षण दिखाई दिए थे। उसके बाद मरीज को 25 जनवरी को पेरिस के एक अस्पताल में भर्ती करा गया था। इलाज के दौरान बीते शुक्रवार उसकी मौत हो गई। चीन से बाहर कोरोना वायरस के प्रकोप के चलते हुई पांचवीं मौत है। इससे पहले जापान, ताइवान, हांगकांग और फिलीपींस में भी वायरस के कारण एक-एक मौत हो चुकी है। गौरतलब है कि फ्रांस में अब तक 11 लोग कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए हैं।
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चीन में संक्रमित लोगों की संख्या में आई गिरावट
कोरोना वायरस के प्रकोप से जूझ रहे चीन के लिए थोड़ी राहत यह रही है कि पिछले तीन दिनों से वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या में कमी देखने को मिली है। बताया जा रहा है कि चीन वायरस के प्रभावों पर रोक लगाने में कुछ हद तक कामयाबी हुआ है। रोजाना सामने आने वाले मामलों की संख्या में गिरावट इसी का नतीजा है। आंकड़ों के मुताबिक, शुक्रवार को चीन में तीन से पांच हजार नए मामले सामने आए थे। रविवार आते-आते यह संख्या 2,050 रह गई। यह ट्रेंड केवल वुहान में नहीं, बल्कि चीन के बाकी हिस्सों में भी देखने को मिला है। इनमें कुछ इलाके ऐसे हैं जहां वायरस से जुड़े नए मामलों में लगातार 12वें दिन कमी दर्ज गई है।
डब्ल्यूएचओ ने फिर चेताया
चीन के राष्ट्रीय स्वास्थ्य आयोग (एनएचसी) के प्रवक्ता एमआई फेंग ने आंकड़ों के हवाले से कहा है कि कोरोना वायरस के मामलों पर कंट्रोल किया जा रहा है। फेंग के मुताबिक, 'चीन के अलग-अलग हिस्सों में वायरस की रोकथाम और नियंत्रण के प्रभावों को पहले देखा जा सकता है।'
हालांकि, आंकड़ों से परे विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने कोरोना वायरस को लेकर एक बार फिर चेतावनी जारी की है। डब्ल्यूएचओ प्रमुख टेड्रोस अधानोम घेब्रेयेसुस का कहना कि यह बता पाना फिलहाल संभव नहीं है कि कोरोना वायरस का संकट आगे क्या रूप लेगा। उन्होंने कहा कि डब्ल्यूएचओ लगातार सभी देशों की सरकारों, कंपनियों तथा समाचार संगठनों के संपर्क में है ताकि वायरस से जुड़ी जानकारी बिना किसी उन्माद के साथ लोगों तक पहुंचाई जाती रहे।
इसके अलावा, डब्ल्यूएचओ ने यह भी कहा कि चीन के साथ मिल कर कोरोना वायरस फैलने के कारणों की जांच करेगा। वह इस संबंध में इसी हफ्ते चीनी सरकार की ओर से शुरू किए जा रहे मिशन का नेतृत्व करेगा।
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चीन में और नौ अस्पताल तैयार
कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए चीन के स्वास्थ्यकर्मी दिन-रात लगे हैं। उन्होंने हुबई प्रांत में नौ और अस्थाई अस्पताल बनाकर तैयार कर दिए हैं। इनमें वायरस से संक्रमित लोगों का इलाज किया किया जा रहा है। खबरों के मुताबिक, इन अस्पतालों में 6,960 बैड की व्यवस्था की गई है। एनएचसी के उप-प्रमुख वेंग हेशेंग का कहना है कि फिलहाल इन अस्पतालों में 5,606 मरीजों का इलाज किया जा रहा है।
गौरतलब है कि चीन समेत दुनिया भर में नए कोरोना वायरस से जुड़े अब तक 71,334 मामले सामने आ चुके हैं। इनमें से 1,775 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 11,000 से ज्यादा लोगों की हालात अभी भी चिंताजनक बनी हुई है।
दिल्ली में कोरोना वायरस के 17 संदिग्ध अस्पताल में भर्ती
वहीं, भारत की बात करें तो यहां भी कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए सभी प्रयास किए जा रहे हैं। इसके तहत दिल्ली सरकार हाल ही में चीन से लौटे लोगों का पता लगाने में जुटी है। अब तक हजारों लोगों को ट्रेस किया जा चुका है। इनमें से 17 को रविवार को अस्पताल में भर्ती कराया गया। मीडिया में आई खबरों के मुताबिक, इन सभी में कोरोना वायरस के लक्षण देखे गए थे। अभी तक इनमें वायरस होने की पुष्टि नहीं की गई है।
दिल्ली के स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक, 13 फरवरी तक 5,700 से ज्यादा लोगों के भारत लौटने की सूचना है। इनमें से 4,707 लोगों में लक्षण नहीं पाए गए थे। इन्हें घर पर अलग से रहने की साल दी गई है। वहीं, 17 लोगों में वायरस से जुड़े लक्षण मिलने के बाद उन्हें अस्पताल में डॉक्टरों की निगरानी में रखा गया है।