कोरोना वायरस का डर केरल की सीमा पार कर कर्नाटक पहुंच गया है। इसका असर अब अन्य दक्षिण राज्यों पर भी दिख रहा है। खबरों के मुताबिक केरल की सीमा से लगे कर्नाटक ने अपने चार जिलों को हाई अलर्ट कर दिया है। इन चारों जिलों के नाम कोडागु, मंगलुरु, चामराजनगर और मैसूर हैं। कोडागु में कोरोना वायरस के मद्देनजर सावधानी बरतते हुए प्रमुख अस्पतालों में 10 बेडो वाले वॉर्ड तैयार किए गए हैं। इसके अलावा यहां कोरोना वायरस को लेकर लोगों में जागरूकता फैलाने का काम किया जा रहा है। इसके लिए जगह-जगह पर पोस्टर लगवाए जा रहे हैं।
बता दें कि कोरोना वायरस से निपटने के लिए केरल सरकार वही तरीक अपना रही है, जैसा उसने निपाह वायरस से पैदा हुए संकट के समय अपनाया था। इसके तहत राज्य सरकार और प्रशासन हर स्तर पर सचेत दिख रहे हैं। कोरोना वायरस का तीसरा मामला सामने आने के बाद यहां इस जानलेवा विषाणु से लड़ने के लिए सभी प्रमुख अस्पतालों में अलग से 40 बेडों वाले वॉर्ड बनाए गए हैं। केंद्र सरकार की तर्ज पर केरल सरकार ने भी कहा है कि 14 जनवरी के बाद चीन के वुहान से आने वाले उन सभी लोगों की जांच की जाएगी, जिनमें इस वायरस के लक्षण दिखाई देंगे।
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कोरोना से केरल में पर्यटन प्रभावित
कोरोना वायरस को 'राज्य आपदा' घोषित किए जाने के बाद केरल का पर्यटन प्रभावित होता दिख रहा है। राज्य सरकार ने जब से यह घोषणा की है, तब से भारी मात्रा में पर्यटक केरल घूमने की अपनी योजनाएं टाल कर रहे हैं। रिपोर्टों की मानें तो जिन पर्यटकों ने होटलों में एडवांस बुकिंग की थी, उनमें से अधिकतर ने अपनी बुकिंग कैंसल कर दी है।
मानेसर के पांच मामले नेगेटिव
इस बीच, हरियाणा के मानेसर से राहत की खबर आई है। इसके मुताबिक, यहां कोरोना वायरस के इलाज के लिए बनाए गए अस्पताल में भर्ती कराए गए पांच संदिग्धों के टेस्ट नेगेटिव निकले हैं। इन पांचों को मानेसर कैंप से सफदरजंग अस्पताल में भर्ती कराया गया था। ये पांचों उन भारतीयों में शामिल हैं, जिन्हें हाल ही में चीन के वुहान शहर से दिल्ली लाया गया था। भारत वापसी के बाद इनमें फ्लू के लक्षण दिखाई दिए थे। इसके बाद इन्हें मानेसर स्थित अस्पताल के आइसोलेशन वॉर्ड में भर्ती कराया गया था। बाद में जांच के लिए इन्हें सफदरजंग शिफ्ट कर दिया गया था।
खबरों के मुताबिक इन पांचों संदिग्धों में से एक में कोरोना वायरस न होने की पुष्टि सोमवार को ही हो चुकी थी। बाकी के संदिग्धों की नेगेटिव रिपोर्ट मंगलवार को आई। इस बारे में बात करते हुए सेना के अधिकारी ने कहा कि वे इस मामले में कोई भी लापरवाही नहीं करना चाहते हैं। अधिकारी ने बताया, 'इसलिए चीन से आए जिन लोगों में भी फ्लू के लक्षण दिखाई देते हैं, उन्हें अस्पताल में तब तक भर्ती करके अलग रखा जाएगा, जब तक कि उनकी जांच रिपोर्ट में कोरोना वायरस न होने की पुष्टि नहीं हो जाती।'
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