दुनियाभर में नए कोरोना वायरस (सीओवीआईडी-19) का कहर जारी है। ताजा रिपोर्टों के मुताबिक, यह वायरस पूरी दुनिया में अब तक 89,000 से ज्यादा लोगों को अपनी चपेट में ले चुका है। इनमें से 3,000 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। अंतरराष्ट्रीय खबरों की मानें तो चीन के बाद दक्षिण कोरिया, इटली और ईरान में हालात और ज्यादा खराब हो ही रहे थे कि अब अमेरिका में भी कोरोना वायरस के मामले बढ़ते दिख रहे हैं। यहां इस वायरस से पहली दो मौतों की खबर आई है। बताया जा रहा है कि कोरोना वायरस के प्रभाव में न्यूयॉर्क शहर भी आ चुका है। यहां एक व्यक्ति में वायरस का संक्रमण होने की पुष्टि हुई है। यह खबर सामने आने के बाद जानकारों ने न्यूयॉर्क की जनसंख्या को देखते हुए गहरी चिंता जताई है। उधर, भारत में कोरोना वायरस अभी तक नियंत्रण में है। लेकिन यहां विदेशों में रह रहे भारतीयों को लेकर नई चिंताएं सामने आई हैं। खबरें हैं कि केरल के मुख्यमंत्री पी विजयन ने केंद्र सरकार से अपील की है कि वह ईरान में फंसे भारतीयों को जल्द से जल्द स्वदेश लेकर आए।
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ईरान में हालात और खराब, कई भारतीय फंसे
ईरान में कोरोना वायरस से हालात लगातार बिगड़ रहे हैं। यहां सीओवीआईडी-19 के मामलों की संख्या 970 से ज्यादा हो गई है, जो अब तेजी से 1,000 के आंकड़े की तरफ बढ़ रही है। कोरोना वायरस को लेकर ईरान की सबसे बड़ी चिंता यह है कि यहां हुई मौतों की संख्या दक्षिण कोरिया और इटली में सामने आए कुल मामलों के अनुपात में काफी ज्यादा है। गौरतलब है कि दक्षिण कोरिया और इटली में (क्रमश:) 4,000 और 1,700 से ज्यादा मामले सामने आए हैं। इनमें से 22 (दक्षिण कोरिया) और 41 (इटली) लोगों की मौत हो गई है। वहीं, ईरान में कुल मामलों की संख्या 978 है और मरने वालों का आंकड़ा 54 हो गया है।
ईरान के बिगड़ते हालात देखते हुए भारत को वहां फंसे अपने नागरिकों की चिंता होने लगी है। मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक, केरल के मुख्यमंत्री पी विजयन ने इस बारे में केंद्र सरकार से अपील भी की है। इसमें उन्होंने विदेश मंत्री एस जयशंकर से कहा है कि वे ईरान में फंसे सौ से ज्यादा मछुआरों को निकालने के लिए जरूरी कदम उठाएं। विदेश मंत्री को लिखे पत्र में पी विजयन ने कहा कि इन मछुआओं में करीब 60 केरल से हैं। बता दें कि ये सभी मछुआरे कोरोना वायरस के मद्देनजर उठाए गए कदमों के चलते ईरान के अजलूर में फंसे गए हैं।
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यूरोप, अमेरिका और मध्य पूर्व में लोगों के जमा होने पर बैन की संभावना
कोरोना वायरस अब दुनिया के सात महाद्वीपों में से छह में फैल चुका है। अंतरराष्ट्रीय नेताओं पर इसका खौफ अब साफ देखा जा सकता है। खबर है कि वायरस को रोकने के लिए यूरोप, मध्य पूर्व और अमेरिका के कई बड़े नेताओं ने सार्वजनिक रूप से लोगों के इकट्ठा होने पर प्रतिबंध लगाने की बात कही है। बीते शनिवार को अमेरिका में कोरोना वायरस से पहली मौत की पुष्टि हुई थी। बताया गया कि मृतक की उम्र 50 साल से ज्यादा थी। इसके बाद अमेरिका के स्वास्थ्य अधिकारियों ने यह भी कहा कि अभी उनके देश में सीओवीआईडी-19 के और नए मामले आ सकते हैं। ऐसे में अमेरिका में ईरान से आने वाले विदेशियों पर रोक लगा दी गई है। वहीं, दक्षिण कोरिया और इटली से आने वालों की स्क्रीनिंग किए जाने की बात कही गई है।
थाइलैंड और ऑस्ट्रेलिया में पहली मौत
कुछ दिन पहले थाइलैंड में एड्स की दवाओं से एक चीनी महिला को ठीक किए जाने का दावा किया गया था। वहां से आने वाली खबरें बताती हैं कि थाइलैंड में कोरोना वायरस के अधिकतर मरीज ठीक हुए हैं। हालांकि अब यहां पहले व्यक्ति की मौत की पुष्टि हुई है। खबरें हैं कि रविवार को कोरोना वायरस से एक मरीज की मौत हो गई। बता दें कि थाइलैंड में अब तक कोरोना वायरस के 42 मामले सामने आ चुके हैं। इनमें से 30 के रिकवर होने का दावा किया गया है। एक मरीज की हालत गंभीर बनी बनी हुई है।
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वहीं, ऑस्ट्रेलिया से भी कोरोना वायरस से पहली मौत होने की खबर आई है। बताया जा रहा है कि मृतक का संबंध जापान के योकोहामा बंदरगाह पर रुके क्रूज शिप 'डायमंड प्रिंसेस' है। अंतरराष्ट्रीय रिपोर्टों के मुताबिक, इस व्यक्ति को क्रूज शिप में हुई मेडिकल जांच में संक्रमित पाया गया था। बाद में उसे ऑस्ट्रेलिया के पर्थ शहर लाया गया जहां रविवार को उसने दम तोड़ दिया। कुछ अन्य मीडिया रिपोर्टों में सैन मरीनो में भी एक व्यक्ति के सीओवीआईडी-19 से मारे जाने की जानकारी दी गई है।
वायरस से पीड़ित देशों की संख्या 70 के नजदीक
पूरी दुनिया में कोरोना वायरस की चपेट में आने वाले देशों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। शनिवार तक 50 से ऊपर देशों में कोरोना वायरस फैल चुका था। सोमवार को यह रिपोर्ट लिखे जाने तक यह संख्या 70 के करीब पहुंच चुकी थी। बीते दो दिनों में कई अन्य देशों में कोरोना वायरस फैलने की पुष्टि हुई है। इनमें सैन मरीनो (8), इक्वाडोर (6), डेनमार्क, आजेरबाइजान (3), चेक रिपब्लिक (3), जॉर्जिया (3), कतर (3), रोमानिया (3), इंडोनेशिया (2), बेलारूस (1), डॉमिनिकन रिपब्लिक (1), एस्टोनिया (1), लिथुएनिया (1), उत्तरी मैसिडोनिया (1), मोनाको (1), न्यूजीलैंड (1) आदि शामिल हैं।
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