कोविड-19 बीमारी से रविवार को भारत में तीन और लोगों की मौत हो गई। इस तरह मृतकों का आंकड़ा बढ़कर सात तक पहुंच गया है। इस बीच, देशभर में कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों की संख्या भी बढ़ कर 360 हो गई है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने अपनी वेबसाइट पर इसकी पुष्टि की है। मंत्रालय के अनुसार रविवार को कई नए मामले सामने आए। गौरतलब है कि रविवार को ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आह्वान पर देशभर में 'जनता कर्फ्यू' भी लगाया गया है। इस दौरान देश के लोगों ने घरों में रहकर कोरोना के खिलाफ जंग में अपनी भूमिका निभाई।
महाराष्ट्र से आई डराने वाली खबर
कोविड-19 बीमारी को लेकर मेडिकल जानकारों की सभी आशंकाएं सही साबित होती दिख रही हैं। रविवार से पहले इससे मरने वालों की संख्या चार थी, जो एक ही दिन में हुई तीन नई मौतों के साथ अब सात हो गई है। मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक, रविवार कोरोना वायरस से सबसे ज्यादा प्रभावित महाराष्ट्र में एक 63 वर्षीय मरीज की मौत हो गई। बताया जा रहा है कि जिस संक्रमित व्यक्ति की मौत हुई है वह हाइपर टेंशन, शुगर और दिल का मरीज था। बता दें कि महाराष्ट्र में पहले भी 56 वर्षीय एक व्यक्ति की कोरोना संक्रमण के कारण मौत हो चुकी है।
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बिहार में डरावना रविवार
कोरोना वायरस और इससे होने वाली कोविड-19 बीमारी की चपेट में अब बिहार भी आ चुका है। रविवार को यहां की राजधानी पटना में एक कोरोना संक्रमित मरीज की मौत हो गई। यह खबर ज्यादा डराने वाली इसलिए भी है, क्योंकि यहां मारे गए मरीज की उम्र 38 है। इससे पहले भारत में कोरोना वायरस से मारे गए सभी मरीज बुजुर्ग उम्र के थे। लेकिन बिहार के मामले ने मेडिकल विशेषज्ञों समेत सरकारों की चिंता बढ़ा दी है।
गुजरात में तीसरी मौत
रविवार को ही गुजरात से कोविड-19 से पहली मौत की खबर सामने आई। यहां कोरोना वायरस संक्रमण के चलते सूरत में एक बुजुर्ग की मौत हो गई। यह देश में कोविड-19 बीमारी के चलते हुई सातवीं मौत है। खबरों के मुताबिक, 67 वर्षीय बुजुर्ग ने सूरत के एक प्राइवेट अस्पताल में इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। इस मामले में उल्लेखनीय तथ्य यह है कि पीड़ित ने हाल में कोई विदेश यात्रा नहीं की थी। वे दिल्ली और जयपुर से ट्रेन में यात्रा करके सूरत आए थे। बताया गया है कि बुजुर्ग पहले से अस्थमा और किडनी की बीमारी से भी जूझ रहे थे।
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थम गए रेल के पहिए
मीडिया में आई खबरों के मुताबिक, कुछ लोगों की गैर-जिम्मेदाराना रवैये की वजह से कोरोना संक्रमण का कम्युनिटी स्तर पर फैलने का खतरा बढ़ गया है। इसी के चलते भारतीय रेलवे ने 31 मार्च तक सभी यात्री ट्रेनों का परिचालन बंद करने का फैसला किया है। जिन यात्रियों ने पहले से टिकटें बुक की हुई हैं, वे 21 जून, 2020 तक अपने टिकट के पैसे वापस ले सकते हैं। इस रेल कर्फ्यू में सभी लंबी दूरी की ट्रेनें, एक्सप्रेस और इंटरसिटी ट्रेनें भी शामिल हैं। हालांकि, माल गाड़िया चलती रहेंगी ताकि देशभर में कहीं भी फल-सब्जियों और खाद्यान की कमी न हो।
मेट्रो सेवाएं भी बंद
केंद्र सरकार ने देशभर में सभी मेट्रो सेवाओं को भी 31 मार्च तक के लिए बंद करने का फैसला किया है। सरकार के इस फैसले से उन शहरों में भी लॉकडाउन जैसी स्थिति हो सकती है, जहां इसकी घोषणा नहीं की गई है। खबरों के मुताबिक, दिल्ली, नोएडा, लखनऊ, कोलकाता, कोच्चि और बेंगलुरु जैसे शहरों में मेट्रो के पहिए 31 मार्च तक रुके रहेंगे।
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दिल्ली-एनसीआर समेत कई राज्य लॉकडाउन
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली के सातों जिलों में लॉकडाउन की घोषणा कर दी है। इसके साथ ही राजधानी में धारा 144 भी लागू कर दी गई है। एनसीआर में शामिल उत्तर प्रदेश के दो जिले गौतमबुद्ध नगर (नोएडा-ग्रेटर नोएडा) और गाजियाबाद के अलावा उत्तर प्रदेश के 13 अन्य जिलों में भी लॉकडाउन की घोषणा की गई है। वहीं, हरियाणा में पड़ने वाले एनसीआर के दो जिले फरीदाबाद और गुड़गांव को भी लॉकडाउन कर दिया गया है।
दिल्ली से पहले उत्तराखंड, राजस्थान, पंजाब और उत्तर प्रदेश सहित देशभर के 97 जिलों में लॉकडाउन की घोषणा की जा चुकी है। वहीं, पंजाब और उत्तर प्रदेश के बाद अब पश्चिम बंगाल और उत्तराखंड में भी अंतरराज्यीय बस सेवाएं स्थगित कर दी गई हैं।