'डायमंड प्रिंसेस' क्रूज शिप में चार और भारतीयों के नए कोरोना वायरस 'सीओवीआईडी-19' से संक्रमित होने की पुष्टि हुई है। जापान स्थित भारतीय दूतावास ने रविवार को यह जानकारी दी। इसके साथ ही योकोहामा बंदरगाह पर खड़े इस क्रूज शिप में कोरोना वायरस से संक्रमित भारतीयों की संख्या 12 हो गई है। बता दें कि ये सभी शिप के चालक दल के सदस्य हैं।
वहीं, जिन भारतीयों में वायरस नहीं मिला है, उन्हें जल्दी ही भारत भेजने की बात की गई है। इस बारे में दूतावास ने कहा है कि ऐसे भारतीय नागरिकों को मेडिकल जांच के अंतिम परिणाम सामने आने के बाद स्वदेश भेज दिया जाएगा। अधिकारियों के मुताबिक, शिप में सवार सभी लोगों की जांच रिपोर्ट 25-26 फरवरी तक आ जाएगी। बता दें कि डायमंड क्रूज शिप में सवार यात्रियों में से 691 के कोरोना वायरस से संक्रमित होने की पुष्टि हो चुकी है। इनमें से तीन की मौत हो गई और 36 मरीजों की हालत गंभीर बनी हुई है।
(और पढ़ें - कोरोना वायरस को रोकने के लिए दिल्ली में होटल-गेस्टहाउसों का दौरा कर रहे स्वास्थ्य अधिकारी)
दक्षिण कोरिया, इटली और ईरान में स्वास्थ्य संकट
उधर, चीन के बाद नए कोरोना वायरस ने दक्षिण कोरिया, इटली और ईरान में बड़ा स्वास्थ्य संकट पैदा कर दिया है। रविवार को इन तीनों देशों में कोरोना वायरस से न सिर्फ नई मौतें हुईं, बल्कि संक्रमित लोगों की संख्या में भी इजाफा देखा गया। दक्षिण कोरिया की बात करें तो यह रिपोर्ट लिखे जाने तक यहां नए कोरोना वायरस के 763 मामलों की पुष्टि हो चुकी थी। बीते 24 घंटों में 163 नए मामले सामने आए हैं। वहीं, मरने वालों की संख्या दो से सात हो चुकी है। हालात ज्यादा बिगड़ते देख दक्षिण कोरिया की सरकार ने पूरे देश में हाई अलर्ट की घोषणा कर दी है। राष्ट्रपति मून जे-इन ने कहा है कि आने वाले दिन उनके देश के लोगों के लिए मुश्किल भरे हो सकते हैं।
कुछ ऐसे ही हालात इटली में देखने को मिल रहे हैं। बीते दो दिनों में यहां कोरोना वायरस के नए मामलों की संख्या 10 से सीधे 132 हो गई है। ताजा रिपोर्टों के मुताबिक, यहां अब तक तीन लोगों की मौत हो चुकी है। इटली के स्वास्थ्य अधिकारियों ने कहा है कि यह यूरोप में कोरोना वायरस के चलते पैदा हुआ पहला बड़ा स्वास्थ्य संकट है। मीडिया रिपोर्टों में इटली के लॉम्बार्डी जिले में वायरस के सबसे अधिक फैलने की खबर है। बताया जा रहा है कि इस क्षेत्र के तहत दस शहरों के करीब 50,000 लोगों को घरों में ही रहने की हिदायत दी गई है। हालात देखते हुए प्रशासन ने स्कूल बंद कर दिए हैं और वहां के चर्चित कैथलिक उत्सव 'वेनिस कार्निवल' के आखिरी दो दिनों का जश्न रद्द कर दिया है। इसके अलावा कई प्रकार के व्यापार व्यवहार, संग्रीत कार्यक्रम और फुटबॉल मैचों से जुड़े इवेंट भी रद्द कर दिए गए हैं।
(और पढ़ें - कोरोना वायरस के चलते भारत में दवा संकट पैदा होने की आशंका कितनी सही है?)
उधर, कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप के चलते ईरान में भी हालात दक्षिण कोरिया और इटली जैसे हैं। यहां वायरस से मरने वालों का आंकड़ा चार से बढ़ कर आठ हो गया है। वहीं, 43 मामलों की पुष्टि हो चुकी है। अंतरराष्ट्रीय मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक, स्वास्थ्य संकट के मद्देनजर ईरान की सरकार ने 14 प्रांतों के स्कूलों, विश्वविद्यालयों और सांस्कृतिक केंद्रों को बंद करने का आदेश दिया है। वहीं, पाकिस्तान और तुर्की ने ईरान में कोरोना वायरस के असर को देखते हुए उसके साथ लगने वाली सीमा को अस्थायी रूप से बंद कर दिया है। तुर्की ने तो ईरान से आने वाली उड़ानों पर भी पाबंदी लगा दी है।
चीन में नए मामलों में फिर इजाफा, शी जिनपिंग को अब बीजिंग की चिंता
वहीं, कोरोना वायरस के केंद्र चीन में रविवार को 150 से ज्यादा नई मौतें सामने आईं। मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक, शनिवार को यह संख्या 97 रही थी। लेकिन रविवार को इसमें फिर बढ़ोतरी देखी गई। इसके साथ चीन में सीओवीआईडी-19 से मरने वालों की संख्या 2,500 से ज्यादा हो गई है। वहीं, पूरी दुनिया में इस जानलेवा विषाणु से संक्रमित लोगों का आंकड़ा तेजी से 80,000 की संख्या की ओर बढ़ रहा है। अभी तक 79,561 लोग कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए हैं। इनमें 77,000 से ज्यादा अकेले चीन में हैं। इनमें से करीब 11,500 की हालत गंभीर बनी हुई है, हालांकि 24,000 से ज्यादा लोगों की जान बचा ली गई है।
(और पढ़ें - कोरोना वायरस जैसे संक्रामक रोग पुरुषों के लिए ज्यादा घातक क्यों होते हैं?)
कुछ अंतरराष्ट्रीय मीडिया रिपोर्टों की मानें तो अब चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग को कोरोना वायरस के राजधानी बीजिंग में फैलने का डर है। इस संबंध में रविवार को उन्होंने अपनी सरकार के एक लाख 70 हजार से ज्यादा अधिकारियों के साथ कॉन्फ्रेंस की। इसमें जिनपिंग ने अधिकारियों से कहा कि वे वायरस को बीजिंग में फैलने से रोकने के प्रयासों में कोई कोताही न बरतें। मौजूदा कोरोना वायरस को अब तक का सबसे बड़ा स्वास्थ्य संकट बताते हुए चीनी राष्ट्रपति ने अधिकारियों से कहा कि हालात अभी भी भयानक और जटिल हैं, जिनसे निपटने के लिए और ज्यादा प्रयास करने की जरूरत है।