क्या आपने अपना बीपी किसी डाक्टर से चेक करवाया था? आपको हाइपरटेंशन है या नहीं, इसका जांच के बाद ही पता चलेगा। आप फिजीशियन से संपर्क करें।
हाई ब्लड प्रेशर होने पर रक्त वाहिकाओं और हृदय पर अतिरिक्त दबाव बनता है। वक्त गुजरने के साथ दबाव बढ़ता जाता है, जिससे हृदयाघात और स्ट्रोक की आशंका बढ़ जाती है। हाई ब्लड प्रेशर से हार्ट और किडनी से संबंधित बीमारियां भी हो सकती हैं।
आपकी मेडिकल हिस्ट्री से यही लग रहा है कि आपको डायस्टोलिक ब्लड प्रेशर है। आप कार्डियोलॅाजिस्ट से संपर्क कर ईसीजी और 2 डी इकोकार्डियोग्राफी करवाएं। वे आपकी रिपोर्ट देखकर आपको आपकी समस्या बताएंगे।
अगर हाई ब्लड प्रेशर का समय रहते इलाज न किया जाए तो आपको कई तरह की गंभीर बीमारी हो सकती है। इसमें धमनी, हृदय, मस्तिष्क, किडनी और आंखों को नुकसान पहुंचना मुख्य रूप से शामिल हैं। इतना ही नहीं 50 साल से उम्र ज्यादा होने पर पुरुषों की शारीरिक संबंध स्थापित करने की क्षमता में गिरावट आती है। इसके अलावा आपको नींद न आने की समस्या भी हो सकती है।
आपने अपनी उम्र नहीं बताई और न ही अपनी ब्लड प्रेशर की रेंज। मेरे ख्याल से आपको ब्लड प्रेशर को रोकने के लिए कुछ और दवाईयों की जरूरत है। लेकिन बिना ब्यौरा जाने दवा बताना संभव नहीं है।
हाई ब्लड प्रेशर ऐसी बीमारी नहीं है जो एकाएक मरीज को हो जाए। हाई बीपी होने में महीनों बल्कि सालों लग जाते हैं। कुछ लोगों में इसके लक्षण जल्दी नजर आ जाते हैं, तो कुछ लोगों को इसके होने का देर से पता चलता है। हाई बीपी को कंट्रोल करने के लिए मरीज को डाक्टर से संपर्क करना चाहिए और उसकी दी दवाई को रेग्युलरली लेना चाहिए। बहरहाल जहां तक बात इस सवाल का है कि क्या इसे पूरी तरह ठीक किया जा सकता है? जवाब है हां, बशर्ते इसके अर्ली स्टेज में ही मरीज को पता चल जाए कि उसे हाई बीपी है और उसका ठीक तरह से इलाज किया जाए। इसके इतर जो लोग रेग्युलरली इस समस्या से जूझ रहे हैं, वे अपनी जीवनशैली को कंट्रोल करके हाई बीपी को नियंत्रण में रख सकते हैं।
मुझे लगता है आपने अपनी रेंज यहां सही नहीं लिखी है। बेहतर है आप एक बार नजदीकी डाक्टर के पास जाकर अपना बीपी चैक कराएं। इसके बाद ही आपके डोजेज के बारे में बताया जा सकेगा।
आमतौर पर नाक से खून ठंड या एलर्जी की वजह से निकलता है। लेकिन कभी-कभी अचानक बीपी के बढ़ जाने की वजह से भी नाक से खून निकल सकता है। इसके साथ ही कुछ और भी लक्षण नजर आते हैं जैसे सिरदर्द, सांस लेने में दिक्कत महसूस होना, एंग्जाइटी। ऐसा हो तो अपनी सिचुएशन को हल्के में न लें। तुरंत डॉक्टर को दिखाएं।
आप परेशान न हों। सामान्य बीपी 130/80 होता है। आपका बीपी सामान्य बीपी के रेंज से जरा सा ही ऊपर है। आपको किसी तरह की समस्या न हो, इसके लिए मुझे आपकी मेडिकल हिस्ट्री जाननी होगी जैसे प्रेगनेंसी के दौरान आपका बीपी कितना था? आप अपने खानपान में नमक की मात्रा कम रखें। हफ्ते में एक बार बीपी जरूर मापे। इस रिकॅार्ड को डाक्टर को दिखाएं।
हाई ब्लड प्रेशर को साइलेंट किलर भी कहा जाता है, क्योंकि लंबे समय तक इस बीमारी के लक्षण नजर नहीं आते। लेकिन अगर एकाएक आपको थकान होने लगे या सीने में दर्द होने लगे तो इन्हें हाई ब्लड प्रेशर के संकेत समझा जाना चाहिए और तुरंत इलाज करना चाहिए। अगर आप लंबे समय से इसकी दवाई ले रहे हैं, तो संभव है दवाओं के प्रभाव की वजह से आपको थकान हो रही है। जहां तक चक्कर आने की बात है, तो अमूमन लो ब्लड प्रेशर में चक्कर महसूस होते हैं।
आप अपने डाक्टर को ही अपनी समस्या बताएं, क्योंकि वे आपकी मेडिकल हिस्ट्री से परिचित हैं। वे आपको ठीक-ठीक और विस्तार से बता पाएंगे कि क्या करना चाहिए और क्या नहीं। साथ ही ऐसा होने की वजह से भी आप जान पाएंगी।
हाई ब्लड प्रेशर होने पर इसको कंट्रोल किए जाने के सभी उपाय आजमाने चाहिए जैसे-
आप परेशान न हों। आप जो रेंज बता रही हैं, वो सामान्य है। आप दवाई लेती रहें। इसके साथ-साथ जॅागिंग और वॅाकिंग करें। यदि कोई और समस्या हो तो फिजिशियन से कंसल्ट करें।
हाई ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने के लिए आपको अपनी जीवनशैली में ही बदलाव करना होगा। रेग्युलर एक्सरसाइज करें और हमेशा शारीरिक रूप से सक्रिय रहने की कोशिश करें।
आप बीपी को नेचुरली कंट्रोल करने के लिए काफी कुछ कर सकते हैं जैसे रोजाना वॅाक करें, फास्ट फूड, जंक फूड न खाएं। अपने खाने में नमक की मात्रा कम करें। इस सबके बावजूद मैं आपको सलाह दूंगा कि नियमित दवा जरूर लें। क्योंकि जीवनशैली में जरा भी उतार चढ़ाव होने पर समस्या बढ़ जाएगी।
हाई बीपी को कंट्रोल करने के लिए सोडियम नमक के बजाय पोटैशियम नमक लें। पोटैशियम में मौजूद तत्व ब्लड प्रेशर को कम करने में सहायक है। लेकिन जिन लोगों को किडनी से संबंधित समस्या है, उन्हें यह नमक इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। इसी तरह अगर आप हाई बीपी की वजह से कोई दवा ले रहे हैं, तो पोटैशियम नमक का सेवन करने से पहले डाक्टर से सलाह जरूर ले लेनी चाहिए।
देखिए शारीरिक और मानसिक बदलाव की वजह से हर समय बीपी रेंज बदलता रहता है। बीपी की सामान्य रेंज 90/60 से 140/90 है। अगर आपका बीपी लगातार 140/90 से ज्यादा है और आराम करने के बावजूद इसमें कमी नहीं आ रही है, तो आपको हाइपरटेंशन यानी बीपी है। सबसे पहले तो आप एक इलेक्ट्रॅानिक बीपी मशीन ले लें और एक हफ्ते तक लगातार अलग-अलग सिचुएशन में अपना बीपी मेजर करें। अगर आराम करने के बावजूद बीपी की रीडिंग ज्यादा आती है तो आपको दवा लेनी होगी।
आपकी दी गई जानकारी पर्याप्त नहीं है। साथ ही आपकी मेडिकल हिस्ट्री जानना भी जरूरी है। तभी आपका पूरा इलाज किया जा सकेगा।
देखिए सिर चकराना कई वजहों से हो सकता है, अनियंत्रित बीपी इसकी एक वजह है। आपने यहां अपनी पत्नी का बीपी रेंज नहीं बताया इसलिए यह कहना मुश्किल है कि उन्हें हाईबीपी है या नहीं। इसके साथ ही वे कई बीमारियों के लिए दवा भी ले रही हैं। मैं आपको यही सलाह दूंगा कि एक बार अपने डाक्टर से मिल लें, उन्हें ही अपनी पत्नी की स्थिति से अवगत कराएं। वे आपको सही उपचार बता पाएंगे। इस बीच आप उनके खानपान का पूरा ध्यान रखें। खाने में नमक कम दें, हरी सब्जियां खिलाएं, तीखे खाने से दूर रखें, डाइट में तराल पदार्थ की मात्रा बढ़ाएं, डाइट हमेशा हल्की रखें और पूरा आराम करने को कहें।
आप सबसे पहले अपनी दवाएं जाकर डाक्टर को दिखाएं। मेरे ख्याल से आपकी दवा बदलनी होगी। इसके साथ ही आपकी मेडिलक हिस्ट्री के बारे में जानने के बाद ही पता चल पाएगा कि कहीं समस्या कुछ और तो नहीं है।
बीपी की नॅार्मल रेंज 90/60 से 140/90 होती है। इससे कम या ज्यादा होने पर बीपी असामान्य होता है। खैर, आपकी उम्र ज्यादा है। वैसे भी उम्र बढ़ने के साथ-साथ बीपी का खतरा बढ़ जाता है। अगर आपने अपना ब्लड प्रेशर कंट्रोल नहीं किया तो कई समस्याएं जैसे हार्ट स्ट्रोक, हार्ट अटैक, हार्ट फैलियर, किडनी डिजीज हो सकते हैं। इससे बचने के लिए एक हफ्ते तक अपने बीपी का रिकॅार्ड रखें। इसे अपने फिजिशियन को दिखाएं। संभव है वह आपको कुछ टेस्ट जैसे ईसीजी, ईको आदि के लिए कहें। आपकी मेडिकली हिस्ट्री और नई रिपोर्ट के आधार पर ही आपकी समस्या का समाधान हो पाएगा।
आपकी चिंता वाजिब है। लेकिन सिर्फ एक रीडिंग से यह तय नहीं हो जाता कि आपको हाईबीपी है। अलग-अलग स्थिति-परिस्थितियों में बीपी मापने से कभी कम या कभी ज्यादा रीडिंग आ सकती है। आप सबसे पहले डाक्टर के पास जाकर अपना बीपी चेक कराएं। इस बीच अपने खाने में नमक कम रखें, नियमित एक्सरसाइज करें। अगर बीपी हाई निकलता है तो एंटीहाइपरटेंसिव मेडिसिन के जरिए बीपी को कंट्रोल किया जाएगा।