इसके लिए आप गैस्ट्रोएंटरोलॉजी सर्जन को दिखाएं। वो आपको कुछ टेस्ट करवाने के लिए कहेंगें जिसके बाद ही पता चल पाएगा कि आपको ये प्रॉब्लम क्यों हो रही है।
अगर आपको मल में खून आता है लेकिन दर्द नहीं होता है तो यह बवासीर के कारण हो सकता है और इसमें खून की मात्रा ज्यादा होगी। अगर आपको मल में खून आता है और दर्द भी होता है तो इसमें खून की मात्रा कम होगी जो फिशर (गुदा या गुदा नलिका में किसी प्रकार का कट या दरार बन जाती है) के कारण होता है। इस समय सिग्माइड कोलाइटिस जिसकी वजह से पेट के निचले हिस्से में दर्द और मरोड़ होती है, मल से रक्त आने का कारण हो सकता है। आप कब्ज पर ध्यान न दें। यह बबासीर या फिशर के कारण हो रहा है। सबसे बेहतर होगा कि आप इसकी जांच करवा लें। इसका पता लगाने के लिए शॉर्ट स्कोपी की जाती है। आप अपनी डाइट में सलाद शामिल करें और भोजन के साथ सलाद जरूर खाएं। आप ज्यादा पानी पिया करें। इन बातों का ध्यान रखने के अलावा आप डॉक्टर को भी दिखाएं और अपनी जरूरी जांच करवाएं।
आपको जांच करवाने की जरूरत है। बवासीर की जांच के लिए शॉर्ट स्कोपी करवा लें। इसकी रिपोर्ट आने के बाद ही इलाज किया जा सकेगा।
आप कोलोनस्कोपी करवा लें। इसके बाद ही पता चल पाएगा कि आपको ये प्रॉब्लम क्यों हो रही है। रिपोर्ट्स आने के बाद आप डॉक्टर को दिखाएं या हमसे संपर्क करें।
ऐसा लगता है कि आपको एनल फिशर हो गया है जिसमे टाइट मल आने की वजह से गुदा नलिका में कट या दरार पद जाती है। आपको सॉफ्ट मल के लिए कुछ अच्छे लैक्सेटिव की जरूरत है जिससे मल की वजह से घाव वाली जगह पर दर्द नहीं होगा। आप रात को खाने के बाद ईसबगोल भूसी गुनगुने पानी के साथ लें। आप त्रिफला चूर्ण भी ले सकते है। एनल स्पिंचटर को राहत देने के लिए कई तरह के ऑइंटमेंट भी हैं जो दर्द से आराम दिलाते हैं और फिशर को ठीक भी करते हैं। आप दिन में 3 बार सिट्ज बाथ लें। अगर इसके बावजूद प्रॉब्लम ठीक नहीं होती है तो हमसे संपर्क करें।
आप अपने बेटे को पीडियाट्रिशियन (बाल चिकित्सक) को दिखाएं और उसका स्टूल टेस्ट करवाएं।
यह गैस्ट्रोएन्टेराइटिस (पेट में इंफेक्शन) हो सकता है। इसके लिए आपको दवा लेनी पड़ेगी और सख्त नियमों को फॉलो करना पड़ेगा। आप पहले 1-2 दिन ओआरएस का पानी, एनर्जेल, नींबू पानी (नमक और चीनी के साथ), नारियल पानी और ब्लैक-टी अधिक पिएं। इसी के साथ आप सूप, दाल का पानी, काले चने का पानी भी पिएं। गैस पैदा करने वाले पेय पदार्थ, दूध, तीखी और ऑयली व तली हुई चीजों को न खाएं। मीट से बने पदार्थ, होटल का खाना, फास्ट फूड, ताजे फल और सब्जियों का सलाद न लें। आप पैकेटबंद जूस पी सकते हैं। 2 से 3 दिन के बाद आप अपनी डाइट में नरम चीजें जैसे खिचड़ी, ब्रेड, टोस्ट, इडली, ओट्स, दलिया, शीरा, कॉर्न फ्लेक्स और सूखे मेवों को शामिल कर सकते है।
आपको इंफ्लेमेटरी बाउल सिंड्रोम की वजह से ऐसा हो सकता है। आप जल्द से जल्द अपना कोलोनस्कोपी करवा लें और रिपोर्ट के साथ डॉक्टर से मिलें।
इन दोनों प्रॉब्लम्स का आपस में कोई लेना-देना नहीं है। आप सर्जन से अपनी जांच करवा लें। मल में खून आना कभी भी नॉर्मल नहीं होता है।