सबसे पहले आप अपने हीमोग्लोबिन का टेस्ट करवाएं और उसकी रिपोर्ट हमे बताएं। आप अपने हीमोग्लोबिन को बढ़ाने के लिए अपनी डाइट में चुकुन्दर, पालक, अनार, गुड़ और किशमिश को शामिल करें। टैबलेट डेक्सोरेंज की एक गोली खाना खाने के बाद रोजाना 2 महीने तक लें।
आपका हीमोग्लोबिन बहुत ही कम है। आप डॉक्टर से मिलें। वह आपके हीमोग्लोबिन को बढ़ाने के लिए इंजेक्शन लगाएंगे। आपको पीरियड्स में ज्यादा ब्लीडिंग होती है तो इसके कारण को जानने के लिए डॉक्टर आपका पेल्विक अल्ट्रासाउंड, टीएसएच और प्रोलैक्टिन टेस्ट करेंगे।
नाखून के फटने के कई कारण हो सकते हैं जिसमे खून की कमी (हीमोग्लोबिन की कमी), हाइपोथायराइडिज्म और उम्र के बढ़ने के साथ भी नाखून फटने लग सकते हैं। आप अपने ब्लड की जांच करवाएं और उसकी रिपोर्ट हमे भेजें।
एनीमिया कई प्रकार का होता है जिसमे आयरन की कमी से होने वाला एनीमिया सबसे नॉर्मल है। इसको अच्छी डाइट और सप्लीमेंट्स लेने से पूरी तरह ठीक किया जा सकता है। एनीमिया के कुछ दूसरे प्रकार भी हैं जो आपको जिंदगीभर प्रभावित कर सकते है लेकिन ऐसा बहुत ही कम होता है।
कई बार खून की कमी की वजह से थकान महसूस हो सकती है लेकिन इसके लिए दवा लेने से पहले आप कुछ टेस्ट करवा लें जिसमे हीमोग्लोबिन, रैंडम ब्लड शुगर, थायराइड का टेस्ट करवा लें। इसकी रिपोर्ट के बारे में हमे बताएं ताकि हमे पता चल सके कि आपको यह समस्या क्यों है, उसी के आधार पर हम आपको सही सलाह और दवा बता पाएंगे।
आपने जो जानकारी हमें दी है उसके अनुसार आपके शरीर में हीमोग्लोबिन कम है। हीमोग्लोबिन को बढ़ाने के लिए डाइट में चुकंदर, पालक, गुड़ और किशमिश को शामिल करें। टैबलेट डेक्सोरेंज की एक गोली खाने के बाद 2 महीने के लिए रोज़ लें। आप अपने हीमोग्लोबिन की जांच भी करवा लें और इसकी रिपोर्ट हमें बताएं।
जी हां, पीरियड्स में ज्यादा ब्लीडिंग होने से शरीर में हीमोग्लोबिन की कमी हो सकती है।
नस के दबने के कारण हाथ और पैर की उंगलिया सुन्न पड़ सकती हैं। अगर आपको यह दिक्कत है तो हड्डी के डॉक्टर से मिलकर जांच करवा लें।
आपने जो रिपोर्ट हमे बताई है उसके अनुसार आपको हार्मोनल असंतुलन की समस्या है। हीमोग्लोबिन के स्तर को बढ़ाने के लिए आप टैबलेट डेक्सोरेंज की एक गोली खाना खाने के बाद 2 महीने के लिए लें। इस कोर्स के पूरे होने के बाद आप फिर से अपना हीमोग्लोबिन टेस्ट करवाएं और इसकी रिपोर्ट हमे बताएं। पीरियड्स की प्रॉब्लम के लिए आप अल्ट्रासाउंड पेल्विक, टीएसएच, प्रोलैक्टिन टेस्ट करवाकर इसकी रिपोर्ट डॉक्टर या हमे बताएं। रिपोर्ट के आधार पर ही डॉक्टर इसके इलाज के लिए सही उपाय बता सकेंगे।
एनीमिया खून की कमी की वजह से होता है लेकिन इससे जान को खतरा नहीं होता है। अगर किसी का हीमोग्लोबिन बहुत ही कम होता है तो यह उसके लिए जानलेवा भी साबित हो सकता है। युवाओं या अधिक उम्र के लोगों में यह प्रॉब्लम नॉर्मल बात है लेकिन वयस्कों की तुलना में युवा इसके इलाज से जल्दी उभर सकते हैं और वयस्कों के मुकाबले युवाओं की इम्युनिटी ज्यादा मजबूत होती है।
एनीमिया एक रक्त विकार है जो शरीर में खून की कमी ( हीमोग्लोबिन की कमी) की वजह से होता है। इसका मुख्य कारण शरीर में आयरन की कमी का होना है। डाइट में हरी सब्जियां और पौष्टिक आहार न लेने एवं ठीक तरह से अपने खान-पीन का ध्यान न रखने से शरीर में आयरन की मात्रा कम हो सकती है जिस वजह से हीमोग्लोबिन भी कम हो सकता है।
ब्लड प्रेशर के गंभीर मामलों में दिल की धड़कन तेज हो जाती है। ऐसी अवस्था में आपका हीमोग्लोबिन भी कम हो सकता है।