शरीर में केवल खून के जरिए ही ऑक्सीजन पहुंचता है। खून में लाल रक्त कोशिकाएं होती हैं, जिसमें हीमोग्लोबिन होता है। हीमोग्लोबिन एक आयरन युक्त प्रोटीन है जो फेफड़ों में ऑक्सीजन के सूक्ष्म अणुओं से चिपक जाता है और बाद में यह रक्त केशिकाओं में परिवर्तित हो जाता है। बता दें, किसी भी अंग में यदि पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन या प्रोटीन नहीं पहुंचता है, तो वह अंग सही से कार्य करने में असमर्थ हो जाता है। ऐसी ही एक स्थिति है एनीमिया, जिसमें शरीर में लाल रक्त कोशिकाओं की गुणवत्ता या संख्या कम हो जाती है। इस बीमारी से पीड़ित व्यक्ति में ऑक्सीजन युक्त रक्त की कमी हो जाती है, ऐसे में निम्न लक्षणों को देखा जा सकता है।

यदि एनीमिया गंभीर नहीं है तो यह एक आम स्थिति हो सकती है। ऐसा ज्यादातर उन महिलाओं में देखा जाता है, जो विशेष रूप से मासिक धर्म और गर्भावस्था की स्थिति से गुजर रही होती हैं। एनीमिया की यह स्थिति घबराने वाली नहीं है, क्योंकि आयरन युक्त भोजन और आयरन सप्लीमेंट की मदद से इस बीमारी को आसानी से ठीक किया जा सकता है। कभी-कभी, एनीमिया कई अंतर्निहित गंभीर स्थितियों का संकेत हो सकता है, जैसे पेट में अल्सर में रक्तस्राव होना, गुर्दे की बीमारी या ऑटोइम्यून हेमोलिटिक एनीमिया जैसा किसी प्रकार का ऑटोइम्यून रोग। 

अक्सर, शरीर में आयरन की कमी के कारण लोग एनीमिक हो जाते हैं। इस स्थिति को आयरन की कमी से होने वाली एनीमिया के रूप में जाना जाता है।

शरीर को लाल रक्त कोशिकाओं और हीमोग्लोबिन बनाने के लिए आयरन की आवश्यकता होती है। यह शरीर के विभिन्न अंगों तक ऑक्सीजन पहुंचाने के लिए आवश्यक है। शरीर में आयरन की आवश्यकता को पूरा करने के लिए आहार में कुछ बदलाव की जरूरत है। इसके अलावा आहार में आयरन, प्रोटीन, फोलेट (विटामिन बी 9) और विटामिन बी 12 से भरपूर भोजन को शामिल किया जाना चाहिए। मूल रूप से ऐसे दो प्रकार के आयरन होते हैं, जो खाद्य स्रोतों से प्राप्त होते हैं - हेमी आयरन और नॉन-हेमी आयरन।

हेमी आयरन मांस, मुर्गी और समुद्र से प्राप्त होने वाले भोजन से मिलता है और नॉन-हेमी आयरन पौधे के स्रोतों से प्राप्त होता है। हेमी आयरन अधिक आसानी से प्राप्त होता है और यह शरीर द्वारा अच्छी तरह से अवशोषित भी हो जाता है।

  1. एनीमिया में क्या खाना चाहिए - Diet for anemia in Hindi
  2. एनीमिया के लिए अन्य आहार - Other foods for anemia in Hindi
  3. एनीमिया में क्या नहीं खाना चाहिए और परहेज - what to avoid with anemia in Hindi
एनीमिया में क्या खाना चाहिए, क्या न खाएं और परहेज के डॉक्टर

एनीमिया से ग्रसित इंसान में खून की कमी हो जाती है। जिसे इन आहार के सेवन से पूरा किया जा सकता है। इस लेख में उन्हीं आहार का वर्णन किया गया है, जिसके रोजाना उपयोग से एनीमिया की समस्या से छुटकारा पाने में मदद मिल सकती है। तो चलिए जानते हैं उन आहार के बारे में - 

हरी पत्तेदार सब्जियां - Green vegetables help with anemia in Hindi

हरी पत्तेदार सब्जियां नॉन-हेमी आयरन का एक समृद्ध स्रोत होती हैं। इसलिए शरीर में हीमोग्लोबिन के स्तर को बढ़ाने और एनीमिया से छुटकारा पाने के लिए नियमित रूप से इसका सेवन किया जाना चाहिए। इस सब्जियों के उपयोग से एनीमिया की समस्या को दूर करने में मदद मील सकती है। इस लिए आप इन सब्जियों को अपने आहार में जरूर उपयोग करें - 

पालक जैसी कुछ हरी पत्तेदार सब्जियों में ऑक्सलेट होता है जो नॉन-हीम आयरन को अवशोषित करने में बाधा उत्पन्न करता है। ऐसे में इन हरी पत्तेदार सब्जियों के साथ विटामिन-सी लिया फायदेमंद होता है, क्योंकि यह पेट में आयरन के बेहतर अवशोषण में मदद करता है। नींबू को विटामिन सी का सबसे बढ़िया स्रोत माना जाता है, ऐसे में यदि कोई व्यक्ति सलाद के पत्तों पर थोड़ा नींबू का रस निचोड़ का खाता है तो यह लाभकारी साबित हो सकता है।

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बीन्स - Beans good for anemia in Hindi

बीन्स प्रोटीन का एक समृद्ध स्रोत है। इनमें फोलेट की मात्रा बहुत अधिक होती है। ये फोलेट शरीर में बहुत अधिक लाल रक्त कोशिकाओं को बनाने में मदद करते हैं। जिससे शरीर में हीमोग्लोबिन स्तर को बढ़ाता है। एनीमिया से छुटकारा पाने के लिए हमें अपने आहार में इन फलियों का उपयोग करना चाहिए। जैसे - 

  • किडनी बीन्स (राजमा)
  • सोयाबीन चिकी (छोले)
  • लोबिया
  • पिंटो बीन्स (राजमा की तरह दिखने वाला बीन्स)
  • ब्लैक बीन्स (काले छोले)

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साबुत अनाज - Whole grains help in anemia in Hindi

साबुत अनाज असंसाधित अनाज होते हैं, जिनमें अनाज के सभी तीन भाग होते हैं। जैसे चोकर, जर्म और अन्तर्बीज। अनाज का बाहरी भाग कठोर खोल की तरह होता है, जिसे चोकर कहा जाता है। यह शरीर को फाइबर, विटामिन बी, आयरन, पोटेशियम, मैग्नीशियम और एंटीऑक्सीडेंट प्रदान करता है। यह सभी खून के हीमोग्लोबिन के स्तर को बढ़ाने में मदद करते हैं। एनीमिया की समस्या में इन आयरन से भरपूर साबुत अनाज का उपयोग अपने आहार में जरूर करना चाहिए। जैसे - 

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बीज और सूखे मेवे - Which nuts and seeds are best for anemia in Hindi

विभिन्न नट और बीजों में आयरन की पर्याप्त मात्रा होती है। यही कारण है कि एनीमिया से पीड़ित लोगों के लिए नट व बीज को अपने आहार में शामिल करने की सलाह दी जाती है। एनीमिया की समस्या को खत्म करने के लिए आप को भी इस आयरन युक्त नट और बीजों का सेवन करना चाहिए। जैसे - 

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ऑर्गन मीट - Organ meat help anemia in Hindi

जो लोग मांसाहारी हैं उन्हें एनीमिया की समस्या से छुटकारा पाने के लिए अपने आहार में ऑर्गन मीट का सेवन करना चाहिए। क्योंकि लिवर आयरन और फोलेट का भंडार माना जाता है जो एनीमिया से पीड़ित व्यक्ति में हीमोग्लोबिन के स्तर को बढ़ाने में मदद करता है। इसलिए आप अपने आहार में इन ऑर्गन का मांस का उपयोग जरूर करें। जैसे - 

  • मुर्गे की कलेजी
  • टर्की पक्षी के पैर
  • बकरी की हड्डी

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समुद्री भोजन - Best seafood for anemia in Hindi

जो लोग समुद्री भोजन का सेवन करते हैं उन्हें एनीमिया की समस्या में समुद्री भोजन का सेवन जरूर करना चाहिए। क्योंकि ज्यादातर मछली जो हम खाते हैं उनमें आयरन होता है। हालांकि कुछ समुद्री भोजन ऐसे भी है जिसमे आयरन नहीं होता है, जैसे साल्मन लेकिन इसमें कैल्शियम पाया जाता है। कैल्शियम शरीर में आयरन के बेहतर अवशोषण में मदद करता है। इसलिए एनीमिया के मरीज को अपने आहार में समुद्री भोजन का उपयोग करना चाहिए। जैसे - 

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एनीमिया के मरीज के लिए अन्य खाद्य पदार्थ

एनीमिया से ग्रसित व्यक्ति में हीमोग्लोबिन के स्तर को बढ़ाने में निम्न खाद्य पदार्थ मदद कर सकते हैं :

टोफू : टोफू सोया मिल्क से बनने वाला एक उत्पाद है, जिसमें पर्याप्त मात्रा में आयरन होता है। टोफू प्रोटीन से भी भरपूर होता है और इसमें वसा की मात्रा काफी कम होती है। टोफू के लगभग आधा कप (126 ग्राम) में 3.4 मिलीग्राम आयरन होता है। लेकिन बेहतर आयरन अवशोषण के लिए इसे विटामिन सी के साथ लिया जाना चाहिए।

गन्ना : गन्ने में भी आयरन होता है और इसीलिए यह खून में हीमोग्लोबिन के स्तर को बढ़ाने में मदद कर सकता है। (और पढ़ें - गन्ने के जूस के फायदे)

पीनट बटर : पीनट बटर न केवल शरीर को आयरन प्रदान करता है बल्कि इसके अवशोषण को भी बेहतर बनाता है, जिससे शरीर का हीमोग्लोबिन बढ़ता है।

गर्भावस्था के दौरान एनीमिया की दिक्कत होना काफी सामान्य है। भ्रूण के विकास के लिए पोषण (nutrition) और ऑक्सीजन की आपूर्ति जरूरी होती है, ऐसे में मां के शरीर में खून की कमी होने का खतरा होता है। गर्भवती महिलाओं में हीमोग्लोबिन के स्तर को बढ़ाने के लिए इन खाद्य पदार्थों को आहार में सुरक्षित रूप से शामिल किया जा सकता है। जिन माताओं में 10 ग्राम प्रति डेसीलीटर से भी कम हीमोग्लोबिन का स्तर है, उन्हें एनीमिक माना जाता है। ऐसे में गर्भवती महिलाओं को अपने आहार में नट्स को जरूर शामिल करना चाहिए, क्योंकि वे प्रोटीन, आयरन और एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होते हैं। गर्भकाल के दौरान जो महिलाएं डायबिटीज से ग्रस्त हैं उन्हें गन्ने का सेवन करने से पहले अपने चिकित्सक से सलाह लेनी चाहिए।

(और पढ़ें - गर्भावस्था में डायबिटीज का कारण)

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कुछ ऐसे खाद्य और पेय पदार्थ हैं जो शरीर में आयरन के अवशोषण को रोक सकते हैं। इसलिए उन खाद्य पदार्थों का सेवन एनीमिया में नहीं करना चाहिए। जैसे -

  • फाइटेट (Phytate) युक्त खाद्य पदार्थों: फाइटेट (Phytate) युक्त खाद्य पदार्थों जैसे फलियों और कुछ प्रकार के साबुत अनाज का सेवन करने से रक्तधारा में आयरन का अवशोषण करना मुश्किल हो सकता है। 
  • टैनिन (Tanin) युक्त खाद्य पदार्थों: टैनिन युक्त खाद्य पदार्थ जैसे कॉफ़ीग्रीन टीकाली चाय और अंगूर भी शरीर द्वारा आयरन के अवशोषण में समस्याएं ला सकते हैं। 
  • ग्लूटेन (Gluten) युक्त खाद्य पदार्थों: एनीमिया से पीड़ित कुछ लोगों को ग्लूटेन खाद्य पदार्थों जैसे पास्ता, जौ, गेहूं, अनाज, और जई (ओट्स) के कारण समस्याएं होती हैं। यदि आपको ग्लूटेन से किसी भी प्रकार की असहिष्णुता है तो यह आपके पाचन तंत्र में समस्याएं उत्पन्न कर सकता है जैसे आपके आंतो को फोलिक एसिड और आयरन का अवशोषण करने में समस्याएं हो सकती हैं। 
  •  कैल्शियम युक्त खाद्य पदार्थों: कैल्शियम युक्त खाद्य पदार्थ जैसे दूध, दही, और पनीर शरीर के आयरन का अवशोषण करने के प्रक्रिया में समस्याएं ला सकता है। 
  • शराब: जिन लोगों को फोलेट की कमी के कारण एनीमिया हुआ हो उन्हें शराब के सेवन को पूरी तरह बंद या बहुत कम करना चाहिए क्योंकि यह शरीर को फोलेट का अवशोषण नहीं करने देता है। (और पढ़ें: शराब की लत से छुटकारा पाने के असरदार तरीके)
Dr. Dhanamjaya D

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