खाना पेट तक पेट की वॉल्व से होकर जाता है. यह वॉल्व खाने के अंदर जाते ही बंद हो जाती है, लेकिन कभी कबार ऐसा होता है कि यह वॉल्व तुरंत बंद नहीं हो पाती. इसके कारण पेट में बना हुआ एसिड खाने वाली नली तक पहुंच जाता है. इस कारण ही एसिडिटी बनती है. एसिडिटी के समय हृदय में जलन (हार्ट बर्न), खट्टी डकारें व पेट फूलना आदि समस्या होती है. अगर सप्ताह में दो बार से अधिक एसिडिटी होती है, तो दवाइयों का सेवन शुरू कर देना चाहिए.
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आज इस लेख में जानेंगे कि एसिडिटी में कौन-कौन सी दवाइयां लेनी चाहिए-