बच्चों का रोना वैसे तो सामन्य बात होती है। बच्चा छोटा हो या बड़ा अगर वो रोता नहीं है तो आमतौर पर लोग ये समझ लेते हैं कि बच्चा अस्वस्थ है। रोने के माध्यम से ही बच्चा अपनी जरूरतों को अपने माता-पिता को बता सकता है। एक शिशु पूरी तरह से अपनी मां पर आश्रित रहता है। उसे भूख और नींद लगती है तो या वो तब रोता है और जब उसे घूमना होता है। कभी-कभी तो बच्चा इतना ज्यादा रोता है कि समझ नहीं आता वो क्या चाहता है उसे किस चीज की जरूरत है?
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भला हंसते-मुस्कुराते बच्चे किसे अच्छे नहीं लगते। अगर बच्चा मुस्कुराता रहे तो सबकुछ अच्छा लगता है। लेकिन कई मामलों में बच्चे रात को गहरी नींद से जगकर रोने लगते हैं ऐसे में बच्चे की परेशानी के साथ माता-पिता की दिक्क्तें बढ़ जाती हैं। बच्चों के साथ माता-पिता को भी जगना पड़ता है और इससे उन्हें भी थकान, अनिद्रा जैसी समस्याएं घेर लेती हैं। इन दिक्क्तों से बचने के लिए यह जानना बहुत जरूरी है कि बच्चे रात को रोते क्यों हैं? अगर आपका बच्चा भी रात को जगकर रोता है तो कारण जानने के लिए यह लेख पढ़ें।