सेहतमंद रहने के लिए पोषण बहुत जरूरी होता है लेकिन महिलाओं के जीवन में दो स्‍टेज ऐसे आते हैं, जब उनके लिए पोषण बाकियों से ज्‍यादा जरूरी होता है। ये दो स्‍टेज हैं प्रेग्‍नेंसी और ब्रेस्‍टफीडिंग। नौ महीने तक अच्‍छी डाइट लेना जरूरी होता है क्‍योंकि इस समय मां के शरीर से ही बच्‍चे को ऑक्‍सीजन, पोषक तत्‍व और इम्‍यूनिटी मिलती है।

इसी तरह डिलीवरी के बाद भी हेल्‍दी डाइट लेनी होती है। इससे मां के शरीर को ताकत मिलती है और नवजात शिशु की देखभानल एवं पोषण के लिए शरीर को एनर्जी मिलती है। स्‍तनपान करवाने वाली मांओं के दूध से ही बच्‍चे को इंफेक्‍शनों से बचने के लिए इम्‍यूनिटी और पोषण मिलता है।

इसलिए स्‍तनपान करवाने वाली मांओं को पर्याप्‍त मात्रा में प्रोटीन, हेल्‍दी फैट्स, कार्बोहाइड्रेट्स, फल, सब्जियां, डेयरी उत्‍पाद और नट्स और बीज खाने चाहिए। प्रोटीन के लिए अंडे खाएं। रोजाना एक अंडा या दो अंडों के सफेद भाग को हर किसी को खाना चाहिए। स्‍तनपान करवाने वाली मांओं को भी यह खाना चाहिए।

हालांकि, कुछ मामलों में शिशु को कुछ खाद्य पदार्थों से एलर्जी हो सकती है। शिशु को होने वाली एलर्जियों में से एक मां द्वारा अंडा खाने पर होने वाली एलर्जी भी है।

  1. स्‍तनपान करवाते समय अंडे खाने के फायदे - Benefits of eggs in breastfeeding diet in hindi
  2. ब्रेस्‍टफीडिंग के समय अंडे खाने के नुकसान
  3. ब्रेस्‍टफीडिंग के दौरान अंडा खाने से जुड़ी सावधानियां

अंडा प्रोटीन, फोलिक एसिड, कोलिन, विटामिन ए, विटामिन डी, विटामिन ई, विटामिन बी कॉम्‍प्‍लेक्‍स, खनिज पदार्थ जैसे कि कैल्शियम, फास्‍फोरस, सिलेनियम, जिंक और बायोएक्टिव तत्‍व जैसे कि ल्‍यूटिन और जीएक्‍जेंथिन होता है।

अंडे में पोटैशियम भी होता है जो कि शरीर में इलेक्‍ट्रोलाइट को संतुलित करने के लिए जरूरी खनिज पदार्थ है। रिसर्च में ससामने आया है कि थोड़ा भी ज्‍यादा पोटैशियम का सेवन करने या सोडियम हल्‍का कम लेने से प्रेग्‍नेंसी में हार्ट डिजीज का खतरा कम होता है और हड्डियों को नुकसान कम पहुंचता है।

रिसर्च में यह भी सामने आया है कि नई मांओं का ब्रेस्‍टफीडिंग के दौरान 3 से 5 पर्सेंट बोन मास का नुकसान होता है। यह स्‍तनपान बंद करवाने पर ठीक होता है।

पहले माना जाता था कि अंडे की जर्दी सेहत के लिए ठीक नहीं होती है और इससे खाने से हार्ट की बीमारियां हो सकती है। अंडे का सफेद हिस्‍सा या अंडे की जर्दी - इन दोनों में से क्‍या बेहतर है, इसे लेकर कई सालों से बहस चल रही है।

हालांकि, हाल ही में हुई रिसर्च में सामने आया है कि अंडे खाने का संबंध हार्ट की बीमारियों से नहीं होता है।

रोज एक अंडा खाने से स्‍तनपान करवाने वाली मां और उसके शिशु को निम्‍न लाभ मिलते हैं :

  • अंडे सभी नौ तरह के एमीनो एसिडों से युक्‍त होते हैं जो शरीर को ताकत देते हैं और शिशु की मांसपेशियों के विकास को बढ़ावा देते हैं।
  • अंडे में ओमेगा-3 फैटी एसिड भरपूर होते हैं और इसमें कोलिन, फोलेट और फास्‍फोरस एवं जिंक जैसे खनिज पदार्थ होते हैं। ये बच्‍चे के दिमाग के विकास में मदद कर सकते हैं।
  • अंडे में बहुत ज्‍यादा पोषण होता है जो इम्‍यूनिटी को बढ़ाने का काम करते हैं।
  • इसमें ल्‍यूटिन और जीएक्‍जेंथिन भी होता है जो आंखों के विकास में मदद करता है और मैक्‍यूलर डिजेनरेशन (उम्र बढ़ने के साथ आंखों की रोशनी कम होना) को दूर रखता है।
  • अंडे कैल्शियम और फास्‍फोरस का बेहतरीन स्रोत है जिससे हड्डियों को मजबूती मिल सकती है और बच्‍चे की स्‍वस्‍थ हड्डियों का विकास होता है।
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अंडे बहुत पौष्टिक होते हैं और इन्‍हें खाने से शिशु के सही विकास में मदद मिल सकती है लेकिन कुछ मामलों में बच्‍चे को अंडे से फूड एलर्जी हो जाती है। जब मां द्वारा खाई गई कुछ चीजों जैसे कि गाय का दूध, सोया फूड, गेहूं, कॉर्न, ओट्स, अंडे, नट्स, मछली और शैलफिश के प्रति शिशु सेंसिटिव हो, तो उसे इस तरह की एलर्जी हो जाती है।

यदि शिशु में निम्‍न लक्षण दिख रहे हैं, तो हो सकता है कि उसे फूड एलर्जी हो :

अगर शिशु में इनमें से कोई भी लक्षण दिख रहा है, तो तुरंत डॉक्‍टर को बताएं और जिस चीज से एलर्जी हुई है, उसे खाना बंद कर दें। साल 2009 के जरनल पीडियाट्रिक्‍स में प्रकाशित एक स्‍टडी का कहना है कि अगर शिशु अंडे के प्रति सेंसिटिव यानि संवेदनशील है तो उसे अंडे की एलर्जी से मध्‍यम से गंभीर एक्जिमा हो सकता है।

किस तरह की एलर्जी हुई है, इसका पता लगाने के लिए आमतौर पर स्किन प्रिक टेस्‍ट किया जाता है। अगर अंडे से एलर्जी हुई है, तो मां को स्‍तनपान करवाने तक अंडे का सेवन बंद करना होता है।

अगर शिशु को अंडे से सेंसिटिविटी नहीं है, तो आप स्‍तनपान के दौरान अंडे खा सकती हैं। हालांकि, अंडे खरीदते, पकाते और खाते समय आपको निम्‍न सावधानियां बरतनी होंगी :

  • हमेशा ताजा अंडे ही खरीदें। इन पर एगमार्क ग्रेडिंग या FSSAI द्वारा प्रमाणित होने चाहिए।
  • गंदे या जिन पर क्रैक पड़ा हो, ऐसे अंडे न खरीदें। ये दूषित हो सकते हैं और साल्‍मोनेला और लिस्‍टेरिओसिस जैसे बैक्‍टीरियल इंफेक्‍शन कर सकते हैं।
  • खरीदने के बाद दो घंटों के अंदर अंडों को फ्रिज में रख दें लेकिन फ्रिज में इन्‍हें अलग डिब्‍बे में बाकी चीजों से दूर रखें।
  • प्रेग्‍नेंसी और ब्रेस्‍टफीडिंग के दौरान कच्‍चा या आधा फ्राई अंडा न खाएं। इससे साल्‍मोनेला और लिस्‍टेरिओसिस जैसे बैक्‍टीरियल इंफेक्‍शन हो सकते हैं।
  • ब्रेस्‍टफीडिंग के समय सख्‍त उबले हुए अंडे खाएं। अंडा फ्राई करना है, तो इसे ऑलिव ऑयल या किसी अन्‍य हेल्‍दी प्‍लांट ऑयल में ही पकाएं।
  • पके हुए अंडों को फ्रिज में न रखें या ब्रेस्‍टफीडिंग के दौरान स्‍टोर कर के रखे हुए पके हुए अंडे न खाएं।

संदर्भ

  1. Nemours Children’s Health System [Internet]. Jacksonville (FL): The Nemours Foundation; c2017. Breastfeeding FAQs: Your Eating and Drinking Habits
  2. Davis, Karla L. and Scranton, Stephen E. Effect of Maternal Egg Consumption on Breast Milk Ovalbumin Concentration. Pediatrics, November 2009, 124 (Supplement 2) S120-S121.
  3. American College of Allergy, Asthma and Immunology [internet]. Arlington Heights, Illinois, US; Is it safe to eat eggs while nursing?
  4. National Health Service [Internet]. Hertfordshire. UK; Breastfeeding and diet
  5. Harvard T.H Chan. Harvard Medical School [Internet]. Harvard University, Cambridge. Massachusetts. USA; Eggs.
  6. Food Safety and Standards Authority of India [Internet]. Ministry of Health and Family Welfare. Government of India. New Delhi. India; FSSAI issues egg safety guidance note, busting myth about plastic eggs
  7. Sir Peter Gluckman, Mark Hanson, Chong Yap Seng, and Anne Bardsley. Potassium in pregnancy and breastfeeding. In "Nutrition and Lifestyle for Pregnancy and Breastfeeding". Oxford University Press; published online: Jan 2015.

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