सेहतमंद रहने के लिए पोषण बहुत जरूरी होता है लेकिन महिलाओं के जीवन में दो स्टेज ऐसे आते हैं, जब उनके लिए पोषण बाकियों से ज्यादा जरूरी होता है। ये दो स्टेज हैं प्रेग्नेंसी और ब्रेस्टफीडिंग। नौ महीने तक अच्छी डाइट लेना जरूरी होता है क्योंकि इस समय मां के शरीर से ही बच्चे को ऑक्सीजन, पोषक तत्व और इम्यूनिटी मिलती है।
इसी तरह डिलीवरी के बाद भी हेल्दी डाइट लेनी होती है। इससे मां के शरीर को ताकत मिलती है और नवजात शिशु की देखभानल एवं पोषण के लिए शरीर को एनर्जी मिलती है। स्तनपान करवाने वाली मांओं के दूध से ही बच्चे को इंफेक्शनों से बचने के लिए इम्यूनिटी और पोषण मिलता है।
इसलिए स्तनपान करवाने वाली मांओं को पर्याप्त मात्रा में प्रोटीन, हेल्दी फैट्स, कार्बोहाइड्रेट्स, फल, सब्जियां, डेयरी उत्पाद और नट्स और बीज खाने चाहिए। प्रोटीन के लिए अंडे खाएं। रोजाना एक अंडा या दो अंडों के सफेद भाग को हर किसी को खाना चाहिए। स्तनपान करवाने वाली मांओं को भी यह खाना चाहिए।
हालांकि, कुछ मामलों में शिशु को कुछ खाद्य पदार्थों से एलर्जी हो सकती है। शिशु को होने वाली एलर्जियों में से एक मां द्वारा अंडा खाने पर होने वाली एलर्जी भी है।