छोटे बच्चे और शिशु बहुत जल्दी थक जाते हैं। थकान होने पर वे आसानी से सो नहीं पाते। ऐसे में जरूरी है कि आप अपने बच्चे या शिशु की थकान के लक्षणों को पहचानें ताकि थकान से उबरने और नींद लेने में आप उसकी मदद कर सकें। ऐसी स्थिति में वह बस रो रहा होता है। हालांकि ज्यादातर अभिभावक समझ जाते हैं कि उनका बच्चा भूख की वजह से रो रहा है या थकान की वजह से। लेकिन हर बार मां या पिता के लिए शिशु के चिड़चिड़े होने की वजह जानना मुश्किल हो जाता है। कई बार इस वजह से पैरेंट्स परेशान हो जाते हैं कि उनका बच्चा खाने के लिए रो रहा है, लेकिन वह खाना नहीं खा रहा। इस तरह के लक्षण बताते हैं कि आपका बच्चा थका हुआ है। इसी तरह और भी लक्षण हैं, जिन्हें जानना जरूरी है।
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थकान के लक्षण:
- थकान होने पर बच्चे लगातार अशांत रहते हैं। (और पढ़ें- बच्चों को चुप कराने का तरीका)
- थकान की वजह से उनके पीठ में दर्द होने लगता है।।
- बच्चे थकान की वजह से सभी तरह की गतिविधियों जैसे दूध पीना, खेलना आदि से दूर हो जाते हैं।
- थकान होने पर बच्चों का व्यवहार बदल जाता है जैसे वे जिद्दी या चिड़चिड़े हो जाते हैं। (और पढ़ें- बच्चों में चिड़चिड़ेपन के कारण)
- नए जन्में शिशु सामान्यतः लंबे समय तक सोते हैं और बमुश्किल पूरे दिन में 45 मिनट तक जागते हैं। थकान होने पर वे एक से डेढ़ घंटे तक जागे रहते हैं। इसके साथ ही उनमें कान खींचना, उबकाई लेना, ध्यान लगाने में समस्या आना, उंगली चूसना जैसे लक्षण भी नजर आते हैं। (और पढ़ें- नवजात शिशु को सुलाने के तरीके)
- विशेषज्ञों का मानना है कि थोड़े बड़े बच्चे थकान महसूस करने पर असामान्य व्यवहार करने लगते हैं। उनके लिए एक जगह बैठना मुश्किल हो जाता है। वे हिलते-डुलते हैं क्योंकि वे सोने की कोशिश कर रहे होते हैं। उनका कहना है कि बच्चों का शरीर उत्तेजक रसायन जैसे कोर्टिसोल और एड्रेलिन का उत्पादन करता है जो उन्हें जगाए रखने की कोशिश करता है।
- छोटे बच्चे अमूमन अपने पैरेंट्स की सभी बातें मानते हैं। लेकिन थकान होने की वजह से आप देखेंगे कि उसके नखरे बढ़ गए हैं।
आप क्या करें:
जैसे ही आप गौर करें कि बच्चे में थकान की वजह से पलकें बंद हो रही हैं, वह आंखें रगड़ रहा है तो जितना जल्दी हो उसे सुलाने की कोशिश करें। अगर आप उसे सुलाने में देरी करेंगे तो वक्त गुजरने के साथ-साथ उसकी थकान और बढ़ जाएगी। इससे उसे संभालना आपके लिए मुश्किल हो जाएगा। इसके लिए आप उसे उसके बिस्तर पर ले जाएं। खिलौने आदि बच्चे से दूर रखें। कमरे में शांति बनाए रखें। कमरे के पर्दे गिरा दें और दरवाजें बंद कर लें। अगर बच्चे को अंधेरे में सोने की आदत है तो कमरे की बत्ती बुझा दें। इस तरह कमरे में शांति से बच्चे को थकान से दूर रहने और जल्दी सोने में मदद मिलेगी। इस दौरान कोशिश करें कि घर के किसी हिस्से से बच्चे के कान तक आवाज न आए। अगर किसी के काम करने की वजह से घर में शोर हो रहा है, तो उस काम को बंद करने को कहें। थकान के कारण बच्चे को सोने से पहले कुछ देर की शांति चाहिए होती है। तभी वह चैन की नींद ले पाएगा।
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थकान की वजह से बच्चे काफी परेशान रहते हैं। अतः बच्चे में थकान के लक्षण दिखने पर तुरंत उसे सुलाने की कोशिश करें।