छह महीने से कम के बच्चे के लिए मां का दूध या दूध से जुड़ी चीजें ही ज्यादा असरदार और फायदेमंद होती है. छह महीने से बड़ी उम्र के बच्चों को दस्त की शिकायत होने और ओआरएस घोल ना होने पर थोड़ी थोड़ी देर में कुछ न कुछ खिलाते रहना चाहिए. डायरिया के लिए कोई विशेष डाइट प्लान नहीं है. लेकिन इस समस्या में ब्रैट डाइट (केला, चावल, सेब की चटनी, टोस्ट; BRAT diet - Bananas, Rice, Applesauce, Toast) को एक अच्छा विकल्प माना जाता है. हालांकि डॉक्टर ब्रैट डाइट लेने की सलाह आमतौर पर सभी मरीजों को नहीं देते.
डायरिया के दौरान आप बच्चों को कुछ चीजें खिला सकते हैं, जैसे -
इसके अलावा कुछ और भी बेहतर खाने के विकल्प है, जैसे -
केला
केला फाइबर, पोटेशियम और पेक्टिन का एक अच्छा स्रोत हैं. यह बहुत ही नरम और आसानी से पचने वाला होता है. दस्त होने पर इलेक्ट्रोलाइट खो जाते है, केला कब्ज को रोकने के साथ-साथ आंतों में तरल को अवशोषित करने में भी मदद करता है और इलेक्ट्रोलाइट की कमी का भरपाई कर सकता है.
(और पढ़ें - दस्त की आयुर्वेदिक दवा)
चावल का पानी
बच्चों को दस्त होने पर चावल का पानी देना चाहिए, जो बहुत ही असरदार और उपयुक्त होता है. यह शरीर की डिहाइड्रेशन की समस्या को दूर करता है. साथ ही दस्त के समय को भी कम करने में सहायक होता है.
छाछ या दही
दही या छाछ में प्रोबायोटिक होता है, जो पेट में गुड बैक्टीरिया को बनाते है. इससे पेट से संबंधित समस्याएं दूर हो सकती है. कुछ रिसर्च के मुताबिक, प्रोबायोटिक्स में आधे या फिर दो दिनों में संक्रमण से पैदा हुए डायरिया को खत्म करने की क्षमता होती है. यह सात महीने की उम्र से बड़े बच्चे के लिए ही लाभकारी सिद्ध होता है.
(और पढ़ें - दस्त का होम्योपैथिक इलाज)
डाइट में बदलाव
अगर आपका बच्चा बहुत छोटा है और आप बच्चे को स्तनपान कराते हैं. साथ ही बच्चा अक्सर डायरिया की समस्या से पीड़ित रहता है. तो ऐसे में आपको अपने आहार में कुछ दिनों तक हल्की चीजों का सेवन करने की जरूरत है. यदि आपने ज्यादा मसालें वाला खाना और मिठाइयां खाई हैं तो इससे आपके स्तन के दूध पर भी फर्क पड़ सकता है, जिससे आपके बच्चे के पेट में दिक्कत हो सकती है और दस्त की समस्या भी उत्पन हो सकती है.
(और पढ़ें - स्तनपान के फायदे)