बच्चों के पेट में इन्फेक्शन या किसी बीमारी के हो जाने के कारण बच्चों को पानीदार दस्त होने लगते हैं. 2 दिनों से ज्यादा डायरिया होना एक गंभीर समस्या हो सकती है, जो आंतों में हुई किसी अन्य बीमारी के कारण भी हो सकते हैं. ज्यादा दस्त हो जाने के कारण शरीर में डिहाइड्रेशन की समस्या उत्पन्न हो जाती है, जिससे बचने के लिए ओआरएस का घोल बहुत ही उपयुक्त होता है. ऐसे में अगर ओआरएस घोल ना हो तो आप होममेड ओआरएस का घोल घर पर ही तैयार कर सकते हैं.

आज इस लेख में हम जानेंगे ओआरएस घोल के अभाव में डायरिया पीड़ित बच्चों को क्या खिलाना चाहिए.

  1. होममेड ओआरएस - Homemade ORS in Hindi
  2. डायरिया से पीड़ित बच्चों को क्या खिलाना चाहिए? - What should be fed to children suffering from diarrhoea in Hindi?
  3. डायरिया के दौरान क्या पीना चाहिए - What to drink during diarrhoea in Hindi
  4. डायरिया होने पर क्या न खाएं - Foods to avoid when the child has diarrhoea in Hindi
ओआरएस घोल के अभाव में डायरिया पीड़ित बच्चों को क्या खिलाना चाहिए? के डॉक्टर

अगर घर में ओआरएस घोल नहीं है, तो सबसे पहले आप घर पर ही ओआरएस का घोल तैयार करने की कोशिश करें. जो बहुत ही आसान है - 

  • 1 लीटर पानी
  • 6 चम्मच चीनी
  • ½ चम्मच नमक

एक लीटर साफ पानी में 6 चम्मच चीनी और आधा चम्मच नमक डाल कर अच्छे से मिलाएं. पानी में नमक और चीनी का अच्छे तरह से घुल जाने पर एक बोतल में डालें. पूरे दिन में घूंट-घूंट करके बच्चे को पिलाएं.

(और पढ़ें - ओआरएस और इलेक्ट्रॉल पाउडर के बीच का अंतर)

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छह महीने से कम के बच्चे के लिए मां का दूध या दूध से जुड़ी चीजें ही ज्यादा असरदार और फायदेमंद होती है. छह महीने से बड़ी उम्र के बच्चों को दस्त की शिकायत होने और ओआरएस घोल ना होने पर थोड़ी थोड़ी देर में कुछ न कुछ खिलाते रहना चाहिए. डायरिया के लिए कोई विशेष डाइट प्लान नहीं है. लेकिन इस समस्या में ब्रैट डाइट (केला, चावल, सेब की चटनी, टोस्ट; BRAT diet - Bananas, Rice, Applesauce, Toast) को एक अच्छा विकल्प माना जाता है. हालांकि डॉक्टर ब्रैट डाइट लेने की सलाह आमतौर पर सभी मरीजों को नहीं देते.

डायरिया के दौरान आप बच्चों को कुछ चीजें खिला सकते हैं, जैसे - 

इसके अलावा कुछ और भी बेहतर खाने के विकल्प है, जैसे -

केला 

केला फाइबर, पोटेशियम और पेक्टिन का एक अच्छा स्रोत हैं. यह बहुत ही नरम और आसानी से पचने वाला होता है. दस्त होने पर इलेक्ट्रोलाइट खो जाते है, केला कब्ज को रोकने के साथ-साथ आंतों में तरल को अवशोषित करने में भी मदद करता है और इलेक्ट्रोलाइट की कमी का भरपाई कर सकता है.

(और पढ़ें - दस्त की आयुर्वेदिक दवा)

चावल का पानी

बच्चों को दस्त होने पर चावल का पानी देना चाहिए, जो बहुत ही असरदार और उपयुक्त होता है. यह शरीर की डिहाइड्रेशन की समस्या को दूर करता है. साथ ही दस्त के समय को भी कम करने में सहायक होता है.

छाछ या दही

दही या छाछ में प्रोबायोटिक होता है, जो पेट में गुड बैक्टीरिया को बनाते है. इससे पेट से संबंधित समस्याएं दूर हो सकती है. कुछ रिसर्च के मुताबिक, प्रोबायोटिक्‍स में आधे या फिर दो दिनों में संक्रमण से पैदा हुए डायरिया को खत्‍म करने की क्षमता होती है. यह सात महीने की उम्र से बड़े बच्चे के लिए ही लाभकारी सिद्ध होता है.

(और पढ़ें - दस्त का होम्योपैथिक इलाज)

डाइट में बदलाव

अगर आपका बच्चा बहुत छोटा है और आप बच्चे को स्तनपान कराते हैं. साथ ही बच्चा अक्सर डायरिया की समस्या से पीड़ित रहता है. तो ऐसे में आपको अपने आहार में कुछ दिनों तक हल्की चीजों का सेवन करने की जरूरत है. यदि आपने ज्यादा मसालें वाला खाना और मिठाइयां खाई हैं तो इससे आपके स्तन के दूध पर भी फर्क पड़ सकता है, जिससे आपके बच्चे के पेट में दिक्कत हो सकती है और दस्त की समस्या भी उत्पन हो सकती है.

(और पढ़ें - स्तनपान के फायदे)

डायरिया से पीड़ित बच्चों को पूरे दिन में खूब सारा पानी पीना चाहिए. डायरिया से निजात पाने के लिए तरल पदार्थ का सेवन करना भी बहुत जरूरी है. बार-बार दस्त होने की वजह से शरीर में खनिजों और इलेक्ट्रोलाइट की कमी हो जाती है. जिसको पूरा करने के लिए खनिजों और इलेक्ट्रोलाइट युक्त तरल पदार्थ का सेवन करना चाहिए, जैसे -

(और पढ़ें - दस्त में क्या खाना चाहिए)

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डायरिया होने पर ऐसा कोई खाना न खाए, जो समस्या को घटाने की जगह और बढ़ा दे, जैसे -

डायरिया होने के दौरान आप बच्चें को घर ही हाइड्रेटेड रख सकती हैं. लेकिन कुछ दुर्लभ मामलों में दस्त सामान्य से अधिक समय तक रह सकता है या बच्चे को डायरिया से 24 घंटे होने के बाद भी राहत नहीं मिलती है, तो तुरंत ही बालरोग विशेषज्ञ से संपर्क करना सबसे अच्छा विकल्प है.

(और पढ़ें - नवजात शिशु के दस्त का इलाज)

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