घर में अकेला बच्चा सबका लाड़ला होता है। सबका प्यार उस पर इस कदर बरसता है कि हर किसी को वह कमजोर ही नजर आता है। लाड़-प्यार से सराबोर वो बच्चा देखते ही देखते मोटापे का शिकार हो जाता है। आपके घर में भी कई बड़े सदस्यों के बीच इकलौता बच्चा है तो ये आपके लिए सतर्क होने का वक्त है। क्योंकि आपके इकलौते बच्चे को मोटापा कभी भी अपने कब्जे में ले सकता है। न्यूट्रीशन एंड डायबिटीज में छपी एक रिसर्च के मुताबिक परिवार में दो या दो से ज्यादा बच्चों की तुलना में घर में अकेले बच्चे पर 50 प्रतिशत अधिक ओवरवेट (मोटापा) का खतरा है। इतना ही नहीं, बच्चों के जन्म में ज्यादा अंतर भी पहले बच्चे में ओवरवेट होने का कारण बन सकता है। हालांकि, इसकी कई अन्य वजहें भी हो सकती हैं, जैसे-
- बाहर की गतिविधियों में कम शामिल होना
- आउटडोर गेम (घर से बाहर खेलना) कम खेलना
- घर पर टीवी देखने में ज्यादा समय बिताना
- जंक फूड और बाहर का खाना
(और पढ़ें - बच्चों के लिए संतुलित आहार)
चीन में सन 1980 से 2016 तक एक ही बच्चे की पॉलिसी अपनाई गई थी। हाल में इस पर शोध किया गया। शोधकर्ताओं के पास इस लिहाज से काफी डाटा उपलब्ध था, जिसकी जांच की जा सकती थी। यहां के 2000 इकलौते बच्चों पर रिसर्च की गई, जिसमें सामने आया कि शहरी इलाकों में 36 फीसदी बच्चे (मेल) ओवरवेट और 43 प्रतिशत (मेल) मोटापे के खतरे में थे।
अकेले बच्चे में मोटापे का खतरा क्यों?
हेल्थ से जुड़ी इस रिसर्च के मुताबिक पता चला है कि दो या दो से अधिक बच्चों वाले परिवारों में, इकलौते बच्चे वाले परिवारों की तुलना में अधिक संतुलित आहार (हेल्दी फूड) लेने की आदतें होती हैं। अकेले बच्चे में हेल्दी फूड की आदत ना के बराबर होती है, जो कि मोटापे का कारण हो सकती है।
- 2 से 9 साल के 12,720 बच्चों पर अध्ययनकर्ताओं की शोध रिपोर्ट बताती है कि केवल 6 से 9 साल की उम्र के बच्चों का वजन 70 प्रतिशत अधिक था।
- जबकि, छोटे बच्चों में 32 प्रतिशत अधिक वजन होने की आशंका थी।
संतुलित आहार का ना होना है वजह
परिवार में अकेले बच्चों पर की गई ताजा रिसर्च के लिए माओं ने तीन दिन तक बच्चे को क्या खिलाया, इसका रिकॉर्ड रखा गया। जबकि, स्कूल में अध्यापकों ने इसकी पूरी जानकारी दी कि बच्चा स्कूल में क्या खाता है। इस दौरान माओं ने पारिवारिक पोषण और शारीरिक गतिविधि से जुड़ी एक प्रश्नावली में भी भाग लिया, जिसे परिवार की खान-पान की आदतों का पता लगाने के उद्देश्य से तैयार किया गया था। इससे निम्न बातों का पता चला-
- अकेले बच्चे के अंदर भाई-बहनों वाले बच्चों की तुलना में खाने-पीने की आदतें कम हेल्दी थीं।
- अध्ययन में यह भी पाया गया कि अकेले बच्चे की माओं में खुद के भी मोटे होने की अधिक आशंका थी।
बच्चे में मोटापे से हो सकती हैं गंभीर बीमारियां
एक रिपोर्ट के मुताबिक बच्चों में मोटापा बढ़ने से कई गंभीर बीमारियां हो सकती हैं, जैसे:
- हाइपरलिपिडिमिया (रक्त में लिपिड का उच्च स्तर)
- हाइपरलिपिडेमिया के विभिन्न प्रकार हैं, जिनमें से सभी हृदय रोग संबंधी जोखिम को बढ़ा सकते हैं।
- हाई कोलेस्ट्रॉल और समय से पहले हार्ट अटैक की समस्या का सामना करना पड़ सकता।
- धमनियों में मौजूद खून में बहुत अधिक कोलेस्ट्रॉल इकट्ठा हो सकता है।
क्या कहते हैं विशेषज्ञ
मोटापे पर अमेरिकन एकेडमी ऑफ पीडियाट्रिक्स की अध्यक्ष नताली मुथ का कहना है कि
- अकेले बच्चे के पास खाने के ज्यादा विकल्प होते हैं, इसलिए उसमें मोटापा बढ़ने की आशंका अधिक है।
- बच्चा खेलने में कम एक्टिव होता है, क्योंकि उसके पास खेलने के लिए दूसरा कोई साथी नहीं रहता।
ये आशंकाएं हो सकती हैं, लेकिन अब भी शोधकर्ता परिवार में अकेले बच्चे के अंदर बढ़ते मोटापे की वजह और उसके कारणों पर अध्ययन कर रहे हैं।
खाने की प्लानिंग भी करती है प्रभावित
लुसियाना स्टेट यूनिवर्सिटी के पेनिंगटन बायोमेडिकल रिसर्च सेंटर की प्रमुख लेखिका चेल्सिया क्रैच (Chelsea Kracht) का मानना है कि अकेले बच्चे की मां अपने बच्चे के के लिए डाइट की प्लानिंग कैसे करती है, ये भी उसमें मोटापे का कारण हो सकता है। इस संदर्भ में निम्न बातें शामिल हो सकती हैं:
- एक से अधिक बच्चों के परिवार में माएं थोड़ा ज्यादा खाना बनाती हैं जिससे घर पर ही पर्याप्त और संतुलित आहार मिल जाता है।
- संतुलित आहार मिलने के बाद बच्चे घर से बाहर का खाना (फास्ट फूड) कम मात्रा में लेते हैं।
(और पढ़ें - फास्ट फूड खाने के नुकसान)
अकेले बच्चे का कम एक्टिव होना
ऑस्टिन के टेक्सास विश्वविद्यालय में मनोचिकित्सक टोनी फेल्बो परिवार में ऐसे किशोरों पर रिसर्च चल रही है जो कि अपने माता-पिता की इकलौती संतान हैं। उनकी रिसर्च के अनुसार परिवार में अकेला बच्चा, दो भाई-बहनों वाले बच्चों की तरह सक्रिय (एक्टिव) नहीं होता है जिसके कारण उसमें मोटापा बढ़ने का खतरा बढ़ जाता है।
- घर में अकेला बच्चा टीवी, कंप्यूटर, मोबाइल और फोन में गेम खेलने में ज्यादा वक्त बिताता है, जो उसमें मोटापे की एक वजह हो सकती है।
- साथ ही जैसे, दो भाई-बहन खेलने और कूदने में ज्यादा समय निकालते हैं, अकेले बच्चे के पास वो टाइम नहीं होता।
- अकेला बच्चा फास्ट फूड खाना ज्यादा पसंद करता है।
हालांकि, फेल्बो बताती हैं कि बच्चे के व्यवहार और इस स्थिति को बदला जा सकता है। अगर बच्चे में मोबाइल और टीवी देखने की आदत को कम किया जाए। साथ ही उसके फास्ट फूड खाने को थोड़ा नियंत्रित किया जाए।
खैर ये सच है कि वर्तमान में डेली रुटीन भी परिवार में अकेले बच्चे में मोटापे की एक बड़ी वजह हो सकती है। अगर डॉक्टर द्वारा दिए गए सुझाव के अनुरूप बदलाव किया जाए, तो बच्चों में तेजी से बढ़ती इस समस्या से निजात मिल सकती है।