शिशु को मसाज करना उनके स्वास्थ्य के लिए बहुत अच्छा माना जाता है। मसाज करने से उनकी हड्डियां मजबूत होती हैं, स्वास्थ्य समस्याएं जैसे कब्ज, कोलिक (शिशु की आंतों में हवा के कारण पेट में दर्द) आदि की परेशानी कम होती है। इस लेख में हम आपको शिशु मसाज करने के प्राकृतिक और बाहर मिलने वाले आवश्यक तेल के बारें में बता रहे हैं। इन तेलों की मदद से आप अपने शिशु की मालिश रोजाना कर सकते हैं।

(और पढ़ें - नवजात शिशु की मालिश)

तो आइये आपको बताते हैं नवजात शिशु की मालिश के लिए तेल -

 

  1. शिशु (बच्चे) की मालिश करने के लिए तेल कैसे लगायें - Bache (shishu) ki malish karne ke tel kaise lagaye
  2. बच्चों की मालिश के लिए सबसे अच्छा तेल - Bachho ki malish ke liye sabse acha tel
  3. बाजार में मिलने वाला बच्चों की मालिश का तेल - Bajar me milne wala bachhi ki malish ka tel
बच्चे की मालिश का तेल के डॉक्टर

बच्चे की मालिश करने के लिए तेल इस तरह लगायें -

  1. अपने बच्चे की त्वचा के अनुकूल तेल का चयन करें।
  2. बच्चे की त्वचा पर तेल लगाने से पहले "पैच टेस्ट" करें। पैच टेस्ट करने के लिए, तेल की थोड़ी मात्रा पैर या हाथ पर डालें। एक दिन तक उस तेल से होने वाले बदलावों पर ध्यान दें। अगर त्वचा पर किसी भी तरह के बदलाव (जैसे लालिमा, सूजन या छूने पर दर्द) दिखते हैं तो उस तेल से मसाज न करें। अगर ऐसा नहीं है तो आप उस तेल से मसाज शुरू कर सकते हैं।
  3. बच्चे की मालिश ऐसे कमरे में करें जो ठंडा न हो।
  4. नवजात शिशु की मालिश हल्के हाथों से करें।
  5. मसाज करते समय अपने बच्चे से बात करते रहें या गाना गायें।
  6. अगर आपके बच्चे की तबीयत खराब है तो मसाज न करें।
  7. मसाज करते समय शिशु का ध्यान रखें कि कही उसे किसी जगह मसाज करते समय असहजता या दर्द न महसूस हो रहा हो।

(और पढ़ें - बॉडी मसाज करने का तरीका)

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बच्चों की मालिश के लिए सबसे अच्छा तेल इस प्रकार है -

शिशु की मालिश सरसों के तेल से करें - Shishu ki malish sarso ke tel se kare

यह तेल सर्दियों में बच्चों के लिए काफी बेहतरीन है। सर्दियों में इस तेल से मसाज करने से बच्चे को थोड़ी गर्माहट महसूस होती है। आप सरसों के तेल में लहसुन, मेथी या हींग मिला सकते हैं, जिससे ठंड में उनकी प्रतिरोधक क्षमता बढ़ सके।

(और पढ़ें - बच्चों की इम्युनिटी बढ़ाने के उपाय

शिशु की मालिश के लिए सरसों के तेल के फायदे –

  • बच्चे को गर्माहट मिलती है -
    सर्दियों के दौरान, सरसों के तेल से मसाज करने से बच्चे को थोड़ी गर्माहट महसूस होती है। शिशु को सरसों के तेल से मसाज करने से उनकी हड्डियां मजबूत होती है और रक्त परिसंचरण उत्तेजित होता है। (और पढ़ें - नवजात शिशु को खांसी)
     
  • कफ और सर्दी -
    सरसों के तेल से रोजाना मसाज करने से बच्चे को सर्दी जुकाम नहीं होता। इस तेल में लहसुन मिलाने से इसकी तेज सुगंध बच्चे की नाक में जमाव को खोलने में मदद करती है। (और पढ़ें - नवजात शिशु को कफ)
     
  • अस्थमा से आराम मिलता है -
    सरसों के तेल में कपूर डालने से शिशु को अस्थमा की समस्या से आराम मिलता है। सरसों के तेल को कपूर के साथ गर्म करें और छाती पर पांच से सात मिनट तक मसाज करें।
     
  • अन्य समस्याओं के लिए लाभकारी -
    सरसों का तेल सिर की मसाज के लिए अच्छा होता है, मच्छरों के काटने से होने वाली सूजन को कम करता है और इसमें एंटीफंगल व एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं जो कई बीमारियों से लड़ने में मदद करते हैं। 

(और पढ़ें - सरसों के तेल के फायदे)

शिशु की मालिश करने के लिए बादाम का तेल लगायें - Shishu ki malish karne ke liye badam ka tel lagaye

बादाम का तेल विटामिन ए, विटामिन बी1, विटामिन बी6 और विटामिन ई और एंटीऑक्सीडेंट से समृद्ध होता है। यह शिशु की त्वचा और बालों दोनों के लिए अच्छा होता है। यह सभी उम्र के बच्चों के लिए बेहतरीन माना जाता है। इससे शिशु की त्वचा चमकदार होने के साथ-साथ कोमल भी बनती है।

(और पढ़ें - बादाम के फायदे)

शिशु की मालिश के लिए बादाम का तेल के फायदे –

  • रूखी त्वचा के लिए -
    बादाम के तेल में कई फैटी एसिड और विटामिन जैसे विटामिन ए व विटामिन ई होते हैं। इसके गुण शिशु की रूखी त्वचा के लिए बहुत ही अच्छे हैं। बादाम का तेल खासकर सर्दियों के दौरान पपड़ीदार त्वचा के लिए बेहद फायदेमंद है।
     
  • त्वचा की लालिमा दूर होती है -
    बादाम के तेल में उर्सोलिक (ursolic) और ओलिक एसिड होता है जो त्वचा की सूजन को दूर करता है और त्वचा की कोशिकाओं का इलाज करता है। यह खुजली की समस्या को भी कम करता है।
     
  • शिशु को अच्छे से सोने में मदद मिलती है -
    बादाम के तेल में आराम देने के गुण होते हैं जो शिशु की मांसपेशियों में आए खिचाव से राहत दिलाते हैं। रिलैक्स बेबी लम्बे समय तक अच्छे से सो पाएगा तो सोने से पहले बादाम के तेल को मालिश करने के लिए जरूर इस्तेमाल करें।
     
  • अन्य समस्याओं के लिए लाभकारी -
    बादाम का तेल बच्चे की पलकों को खूबसूरत बनाता है, त्वचा की सूजन को दूर करता है और इससे हड्डियां भी मजबूत होती हैं।

(और पढ़ें - बादाम के तेल के फायदे)

तिल के तेल से शिशु की मालिश करें - Til ke tel se shishu ki malish kare

तिल के तेल में एंटी बैक्टीरियल और सूजनरोधी गुण होते हैं। इससे रूखी त्वचा सुरक्षित रहती है। इस तेल को नहाने के बाद लगाने से बच्चे की त्वचा का पराबैंगनी किरणों से बचाव होता है।

बच्चे की मालिश के लिए तिल के तेल के फायदे –

  • विषाक्त पदार्थ साफ होते हैं -
    तिल का तेल नवजात शिशु के लिए बेहद फायदेमंद है। यह शरीर से विषाक्त पदार्थों को साफ करता है। इस प्रकार के गुण किसी-किसी तेलों में ही पाए जाते हैं।
     
  • कब्ज को ठीक करता है -
    तिल का तेल तेजी से कब्ज से राहत दिलाने में मदद करता है। ज्यादातर स्तनपान करने वाले शिशुओं को मल त्याग करने में परेशानी होती है। लेकिन तिल के तेल से मसाज करने से रोजाना मल त्यागने में आसानी होती है। (और पढ़ें - स्तनपान के फायदे)
     
  • इसमें सूजनरोधी गुण होते हैं -
    तिल का तेल सूजन का इलाज करने में मदद करता है क्योंकि इसमें स्वस्थ फैटी एसिड होते हैं।
     
  • अन्य समस्याओं के लिए लाभकारी -
    यह तेल सर्दियों के दौरान बच्चे को गर्माहट देता है, इसमें एंटी बैक्टीरियल गुण होते हैं साथ ही पराबैंगनी किरणों से शिशु की त्वचा सुरक्षित रहती है।

(और पढ़ें - तिल के तेल के फायदे)

अरंडी के तेल को बच्चों को मालिश करने के लिए उपयोग में लायें - Arandi ke tel ko bachho ko malish karne ke liye upyog me laye

अरंडी का तेल बच्चों की रूखी त्वचा के लिए अच्छा होता है। यह बच्चे के बालों के लिए भी अच्छा होता है। अरंडी के तेल से सिर की त्वचा पर मसाज करने से बालों को मोटा करने में मदद मिलती है। जब आप इस तेल से बच्चे की मालिश करें तो आँखों और होंठों से बचाते हुए मालिश करें। यह शिशु की हड्डियों को भी बढ़ाने में मदद करता है।

छोटे बच्चों की मालिश के लिए अरंडी के तेल के फायदे –

  • प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है -
    रोजाना अरंडी के तेल से बच्चे की मालिश करने से उनकी प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है और इससे संक्रमण से लड़ने में भी मदद मिलती है।
     
  • कब्ज के लिए लाभकारी -
    अरंडी का तेल बच्चे की कब्ज की समस्या को भी दूर रखता है।
     
  • बालों को बढ़ाता है -
    अरंडी का तेल शिशु के बालों को बढ़ाने में मदद करता है क्योंकि इसमें विटामिन ई होता है। अरंडी का तेल सिर की त्वचा में रक्त परिसंचरण को भी बढ़ावा देता है, साथ ही बैक्टीरिया व फंगल इन्फेक्शन से बचाता है।
     
  • अन्य समस्याओं के लिए लाभकारी -
    अगर आपके बच्चे के पेट में दर्द है तो इस तेल से मालिश करने से बच्चे को राहत मिलेगी, क्योंकि इसमें सूजनरोधी गुण होते हैं। यह तेल एलर्जी से भी आपके बच्चे को दूर रखता है।

(और पढ़ें - अरंडी के तेल के फायदे)

बाजार में मिलने वाला बच्चों की मालिश का तेल इस प्रकार है -

बच्चे के मालिश का तेल है जॉनसन बेबी आयल - Bachhe ke malish ka tel hai Johnson baby oil

नवजात शिशु की त्वचा से मॉइस्चर दोगुनी तेजी से कम होता है और ऐसे उनकी त्वचा रूखी होने लगती है। जॉनसन बेबी आयल में विटामिन ई होता है जो खासतौर पर नवजात शिशुओं के लिए अच्छा होता है। यह तेल बच्चे की त्वचा को पोषित करके उन्हें कोमल व मुलायम बनाता है। इसके अलावा इस तेल से मसाज करने से आपके बच्चे से लम्बे समय तक सुगंधित खुशबू आती रहती है। जॉनसन बेबी आयल से मसाज करने से आपके बच्चे की त्वचा चिपचिपी नहीं होती। अगर आपके बच्चे को डायपर रैश या सूजन की समस्या है तो इस तेल को न लगायें।

(और पढ़ें - विटामिन ई के फायदे)

शिशु मालिश के लिए डाबर लाल तेल से मालिश करें - Shishu malish ke liye dabur lal tel se malish kare

डाबर लाल तेल में शंखपुष्पी, माशा, रतनजोत, कपूर, सरल तेलम, तिल तेलम होता है। डाबर लाल तेल आयुर्वेदिक बेबी मसाज आयल है। इसमें मौजूद इन सामग्रियों से बच्चों को कई फायदे मिलते हैं। डाबर लाल तेल से मसाज करने से शिशु की हड्डियां और मांसपेशियां मजबूत होती हैं। यह तेल बच्चे को शारीरिक व मानसिक रूप से स्वस्थ रखने में मदद करता है। 

बच्चों की मालिश के लिए हिमालय के तेल का प्रयोग करें - Bachho ki malish ke liye Himalaya ke tel ka istemal kare

हिमालय बेबी मसाज तेल में जैतून का तेल, विटामिन ई होता है जो बच्चे की त्वचा को पोषित, सुरक्षित और मुलायम रखता है। यह तेल सर्दियों में भी नवजात शिशु की त्वचा की रंगत को सुधारता है। हिमालय से बेबी मसाज करने से बच्चों का विकास भी अच्छे से होता है।

(और पढ़ें - baby growth chart in hindi)

बच्चे की मालिश के लिए जैतून के तेल का इस्तेमाल करें - Bachhe ki malish ke liye nariyal ke tel ka istemal kare

जैतून का तेल बच्चों की मालिश के लिए बहुत ही लोकप्रिय तेल है। जैतून का तेल बच्चों की त्वचा को कोमल व स्वस्थ बनाता है।

(और पढ़ें - जैतून के फायदे)

जैतून के तेल से बच्चे की मालिश करने के फायदे –

  • डायपर के रैशेस का इलाज करता है -
    जैतून का तेल इलाज करने के साथ-साथ आपके बच्चे को डायपर रैश से दूर रखता है। जैतून का तेल बच्चे की संवेदनशील त्वचा को मल-मूत्र के कारण प्रभावित नहीं होने देता, क्योंकि इसे लगाने से मल-मूत्र त्वचा के सीधे सम्पर्क में नहीं आता। इस तरह डायपर रैशेस की समस्या को दूर रखने में मदद मिलती है। (और पढ़ें - डायपर रैश के उपाय)
     
  • अंगों को साफ करता है -
    जैतून का तेल शिशु की नाभि और नाक को साफ करने के लिए जाना जाता है। जैतून का तेल काफी चिकना और मुलायम होता है, जिससे इन अंगों में जमा गंदगी को साफ करने में मदद मिलती है।
     
  • त्वचा को ठीक करता है -
    नवजात शिशु की त्वचा काफी संवेदनशील होती है और जैतून का तेल त्वचा को सुरक्षित रखता है। जैतून का तेल त्वचा की कोशिकाओं को ठीक करता है, जो कई कारणों जैसे पैराबैंगनी किरणें और प्रदूषण से खराब हो जाती हैं। 
     
  • अन्य समस्याओं के लिए लाभकारी –
    जैतून का तेल शिशु के होंठ, कब्ज और नाखून को स्वस्थ रखने में भी फायदेमंद माना जाता है।

(और पढ़ें - जैतून के तेल के फायदे)

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