विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने पांच वर्ष से कम उम्र के बच्चों के स्वास्थ्य के संबंध में नए दिशानिर्देश जारी किए हैं। डब्ल्यूएचओ ने कहा है कि पांच वर्ष से कम उम्र के बच्चों को टीवी या अन्य इलेक्ट्रॉनिक स्क्रीन्स के सामने कम समय बिताना चाहिए या उन्हें पालने में और एक ही जगह पर अधिक समय के लिए नहीं छोड़ा जाना चाहिए। बच्चों के विकास के लिए उन्हें अच्छी नींद और ज्यादा समय तक सक्रिय रूप से खेलना चाहिए।
इस पर डब्ल्यूएचओ के डायरेक्टर ने कहा, 'लोगों को स्वस्थ रखने का मतलब यह है कि बचपन से ही उनमें ऐसी आदतें डालनी चाहिए, जो उनके स्वास्थ्य के लिए बेहतर हों।' उन्होंने कहा, 'बचपन एक ऐसा समय होता है जब बच्चों का विकास तेजी से होता है। ऐसे में परिवार की अच्छी जीवनशैली की आदतें डालकर बच्चों के स्वास्थ्य को बेहतर किया जा सकता है।'
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अच्छी नींद से बच्चे रहेंगे स्वस्थ्य
डब्ल्यूएचओ के विशेषज्ञों के एक समूह ने पांच वर्ष से कम उम्र के बच्चों की शारीरिक गतिविधियों, आलसी व्यवहार और उनकी नींद के संबंध में नए दिशानिर्देश बनाए हैं। उन्होंने अधूरी नींद, अधिक स्क्रीन देखना और एक ही जगह बैठने में बिताए गए समय का बच्चों पर प्रभाव का विश्लेषण किया। साथ ही विशेषज्ञों के समूह ने शारीरिक गतिविधियां बढ़ाने से होने वाले फायदों के साक्ष्यों की समीक्षा भी की।
इस पर डब्ल्यूएचओ में गैर-संचारी रोगों की निगरानी और जनसंख्या आधारित रोकथाम के लिए कार्यक्रम प्रबंधक ने कहा, ‘शारीरिक गतिविधियां बढ़ाने, बैठने के समय में कमी और युवा बच्चों में अच्छी नींद सुनिश्चित करने से उनकी शारीरिक, मानसिक स्वास्थ्य और खुशी में सुधार होगा और इससे बचपन में मोटापा और भविष्य में इससे संबंधित होने वाली बीमारियों की रोकथाम भी होती है।’
कम खेलने-कूदने से बच्चों को हुआ नुकसान
शारीरिक गतिविधियों के लिए मौजूदा दिशानिर्देश को हासिल न कर पाने की वजह से हर साल दुनियाभर में 50 लाख मृत्यु होती हैं। फिलहाल, 23 पर्सेंट वयस्क और 80 पर्सेंट किशोर शरीरिक रूप से सक्रिय नहीं है। यदि जीवन की शुरुआत में ही शारीरिक गतिविधियों, आलसी बर्ताव और नींद लेने की आदत को सही कर दिया जाए तो इससे बचपन, किशोरावस्था और प्रौढ़ावस्था में आदतें डालने में मदद मिलेगी।
इस पर डब्ल्यूएचओ में चाइल्डहूड ओबेसिटी और फिजिकल एक्टिविटी केंद्र की एक डॉक्टर ने कहा कि हमें बच्चों के जीवन में खेल दोबारा वापस लाने की जरूरत है। उन्होंने कहा, ‘नींद को सुरक्षित रखते हुए यह बैठे रहने के समय को खेलने के समय में तब्दील करने के बारे में है।’
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दिनचर्या में अपनाएं अच्छी आदतों
आपको यह सुनिश्चित करना होगा कि बच्चे पूरी नींद लें। उन्हें ज्यादा समय तक बैठे रहने या टीवी देखने के बदले खेलने का ज्यादा समय दिया जाए। बच्चों के लिए यह बेहद ही महत्वपूर्ण है कि वह खाली समय आपके साथ गुजारें, जिसमें वह कहानी, संगीत और पहेली सुलझाने जैसे कार्य करें और टीवी या इलैक्ट्रॉनिक स्क्रीन से दूर रहें।
कमिशन ऑफ एंडिंग चाइल्ड ओबेसिटी ने शारीरिक गतिविधियों, गतिहीन व्यवहार और बच्चों की नींद से उनके स्वास्थ्य पर पड़ने वाले प्रभावों का अध्ययन किया था। उसने इस संबंध में स्पष्ट दिशानिर्देशों जारी करने की मांग की थी। बच्चों के शुरुआती पांच वर्षों तक इन सिफारिशों को लागू करने से उनके मानसिक और शारीरिक विकास में मदद मिलेगी।
क्या हैं डब्ल्यूएचओ के दिशानिर्देश?
1 वर्ष से कम आयु वाले बच्चों के लिए
- दिनभर में शारीरिक रूप से विभिन्न तरीकों से कम से कम 30 मिनट तक सक्रिय रहना, विशेषकर फर्श पर ज्यादा देर तक खेलना।
- एक घंटे से ज्यादा देर तक न बैठाना, ( उदाहरण के लिए झूले, ऊंची कुर्सियों और देखरेख करने वाले की गोद में ) जब बैठाया जाए तो देखरेख करने वाले के साथ पढ़ने और कहानी सुनाने के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए।
- 0-3 महीने के बच्चों को 14-17 घंटे और 4-11 महीने के बच्चों को 12-16 घंटे अच्छी नींद लेनी चाहिए, जिसमें नींद की झपकियां भी शामिल हैं।
1-2 वर्ष की आयु वाले बच्चों के लिए
- कम से कम 180 मिनट तक दिनभर अलग-अलग तरह की किसी भी शारीरिक गतिविधियों में समय बिताएं। इन्हें पूरे दिन के हिसाब से अपनाना है। ज्यादा की जाएं तो बेहतर हैं।
- 1 घंटे से ज्यादा देर तक न बैठना (झूले, ऊंची कुर्सियों या देखरेख करने वाले की गोद या पीठ पर उक्त समय से ज्यादा देर तक न रहना) या इससे ज्यादा के देर तक बैठना।
- इस उम्र के बच्चों को टीवी या वीडियो गेम खेलने की सलाह नहीं दी जाती है। दो वर्ष की आयु वाले बच्चे के लिए गतिहीन समय 1 घंटे से ज्यादा नहीं होना चाहिए, यदि इससे कम हो तो बेहतर है। इस समय में देखरेख करने वाले के साथ पढ़ना और कहानी सुनने को प्रोत्साहित किया जाता है।
- कम से कम 11-14 घंटों की अच्छी नींद लेना, जिसमें नींद की झपकियां और नियमित नींद और उठने का समय शामिल है।
3-4 वर्ष के बच्चों के लिए
- विभिन्न प्रकार की शारीरिक गतिविधियों में 180 मिनट बिताना। यह पूरे दिन के लिए है। इससे ज्यादा समय के लिए की जाएं तो बेहतर हैं।
- 1 घंटे से ज्यादा गतिहीन समय यानि टीवी या बैठने का समय पूरे दिन में 1 घंटे से ज्यादा नहीं होना चाहिए।