जन्म से लेकर शिशु के कम से कम 1 साल का होने तक उसका बहुत ज्यादा ध्यान रखने की जरूरत होती है। इस दौरान माता-पिता बच्चे की जितनी देखरेख करेंगे, उसके खानपान और स्वास्थ्य का ध्यान रखेंगे, बच्चे का शारीरिक और मानसिक विकास उतना ही बेहतर होगा। अगर आपके शिशु ने भी आठवें महीने में कदम रख दिया है तो आप महसूस करेंगी 8 से 9 महीने के इस सफर में आपको अपने बच्चे में विकास से जुड़ी कई नई चीजें नजर आएंगी।
आपके 8 महीने के शिशु ने अब घुटनों के बल चलना शुरू कर दिया है इसलिए वह घर में चारों तरफ घूमने और हर एक कॉर्नर में घुसने की कोशिश करने लगेगा। इस उम्र के बच्चे बेहद उत्सुक और जिज्ञासु होते हैं। उनके आसपास क्या हो रहा है इस पर उनकी पूरी नजर होती है। अगर आप बहुत ज्यादा गुस्सा करती हैं या चिल्लाती हैं तो आपको अपने व्यवहार पर नियंत्रण रखने की जरूरत है क्योंकि बच्चा भले ही अभी कुछ बोल न पाए लेकिन वह सब देख और सीख रहा है। बच्चे के 8वें महीने में आपको उसमें कई भावनाएं भी नजर आएंगी और एक चीज जो 8 महीने के बच्चे को सबसे ज्यादा परेशान करती है वह है- बिछड़ने की चिंता यानी separation anxiety। इसका मतलब है कि जैसे ही आप बच्चे को छोड़कर जरा भी उसकी नजरों से दूर होंगी वह रोना शुरू कर देगा।
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इस दौरान आप देखेंगी कि आपका बच्चा ताली बजाने लगेगा, वह खुद से बैठना तो सीख ही गया होगा अब वह किसी फर्नीचर या किसी और चीज के सहारे खड़े होने की भी कोशिश करने लगेगा, अपनी प्यारी सी आवाज में दिनभर कुछ न कुछ बड़-बड़ करता रहेगा। अभी भले ही शिशु के शब्द साफ न निकलें लेकिन वह बोलने और आपसे बातें करने की अपनी तरफ से पूरी कोशिश करेगा। इस उम्र के बच्चों को बातें करना, म्यूजिक सुनना, कहानियां सुनना, नर्सरी राइम्स सुनना और ब्लॉक्स बनाने से लेकर कई दूसरे तरफ के गेम्स खेलना भी पसंद आता है।
तो आखिर 8 महीने के शिशु के विकास से जुड़ी कौन सी अहम बातें हैं जो आपको पता होनी चाहिए, विकास से जुड़े अहम पड़ाव कौन-कौन से होते हैं, 8 महीने के शिशु का वजन कितना होना चाहिए, 8 महीने का बच्चा कितना सोता है, 8 महीने के शिशु को आप क्या-क्या खिला सकते हैं, इन सबके बारे में हम आपको इस आर्टिकल में बता रहे हैं।
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