अब जब आपका शिशु 10 महीने का हो गया है, तो आप शायद अब अपने बच्चे में कई बड़े-बड़े बदलावों को देख पाएंगी। और आप इस बात से अचंभित भी हो सकती हैं कि आपका बच्चा कितनी तेजी से हर काम को खुद से करने की कोशिश में आत्मनिर्भर बन रहा है। फिर चाहे दिनभर आपके पास घूमना हो, खेलना हो या आपसे बातें करनी की कोशिश करना हो। इतना ही नहीं 10 महीने का होते-होते आप अपने बच्चे के व्यक्तित्व को भी पहचानने लग जाएंगे- कि आपका बच्चा शांत और मृदु है, बहिर्गामी स्वभाव का, स्थिर और चुप रहने वाला है या साहसिक और जोखिम उठाने वाला।

आपका 10 महीने का बच्चा अब बहुत सक्रिय हो गया है। ऐसे में जब आपका शिशु रेंगते हुए या घुटने के बल चलते हुए इधर-उधर भाग रहा होगा या फर्नीचर के ऊपर चढ़ने की कोशिश कर रहा होगा तो जाहिर सी बात है कि आपको हर वक्त अपने शिशु के पीछे रहना होगा ताकि उन्हें कहीं से चोट न लग जाए। इस स्टेज के बच्चे जब बैठने की पोजिशन में होते हैं तो किसी चीज को पकड़कर खड़े होना सीख जाते हैं, किसी चीज को पकड़कर स्क्वॉट की पोजिशन में बैठना सीख जाते हैं। इसके अलावा आसपास मौजूद चीजों को पकड़-पकड़ कर चलने लग जाते हैं और पूरे घर में यहां वहां भ्रमण भी करते हैं। कुछ शिशु तो 10 महीने का होते-होते चलना भी सीख जाते हैं और जो बच्चे अभी चल नहीं पा रहे हैं, वे जल्द ही चलना शुरू कर देंगे।

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इस आर्टिकल में हम आपको बता रहे हैं कि 10 महीने के शिशु का वजन और लंबाई कितनी होनी चाहिए, उसमें किस तरह के शारीरिक और मानसिक विकास देखने को मिलते हैं, 10 महीने के शिशु को खाने में क्या-क्या देना चाहिए और उसे रोजाना कितनी देर सोना चाहिए।

  1. 10 महीने के बच्चे का वजन और लंबाई - 10 month baby weight and height in hindi
  2. 10 महीने के शिशु की गतिविधियां क्या होती हैं? - 10 month baby movements in hindi
  3. 10 महीने के बच्चे के दिमाग का विकास कैसे होता है? - 10 month baby brain development in hindi
  4. 10 महीने के बच्चे के बोलने की प्रक्रिया क्या होती है? - 10 month baby communication development in hindi
  5. 10 महीने के बच्चे का भोजन कैसा होना चाहिए? - 10 month baby food habits in hindi
  6. 10 महीने का बच्चा कितना सोता है ? - 10 month baby sleep habit in hindi
  7. सारांश
10 महीने के बच्चे का विकास कैसे करें? के डॉक्टर

जैसे-जैसे आपका शिशु हर महीने बड़ा और विकसित होने लगता है, किस दर से उसका वजन बढ़ रहा है यह उसके समग्र स्वास्थ्य और विकास का एक महत्वपूर्ण संकेत माना जाता है। आपके शिशु को जिस गति से बढ़ना चाहिए उसमें उस गति से विकास हो रहा है या नहीं यह जानने के लिए हर महीने पीडियाट्रिशन बच्चे का वजन, लंबाई और सिर के आकार की जांच करते हैं। 

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने जन्म से लेकर 2 साल की उम्र तक बच्चों का वजन और उसकी लंबाई कितनी होनी चाहिए इसका एक औसत चार्ट तैयार किया है। इसके मुताबिक 10 महीने का शिशु अगर लड़का है तो उसका औसत वजन 9.8 किलोग्राम और अगर लड़की है तो उसका औसत वजन 9 किलोग्राम के आसपास होना चाहिए। अगर शिशु की हाइट या लंबाई की बात करें तो 10 महीने का शिशु अगर बेबी बॉय है तो उसकी औसत हाइट 73 सेंटीमीटर और अगर बेबी गर्ल है तो औसत हाइट 71.5 सेंटीमीटर के आसपास होनी चाहिए।

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याद रखें कि ये सिर्फ औसत वजन और हाइट है। अगर आपके शिशु का वजन या लंबाई इस औसत से कम या अधिक है तो घबराने की जरूरत नहीं क्योंकि इसका मतलब ये नहीं कि आपका शिशु जीवन भर ओवरवेट या अंडरवेट ही रहेगा। अगर आपका शिशु अपने नॉर्मल ग्रोथ चार्ट के हिसाब से बढ़ रहा है और पीडियाट्रिशन ने किसी तरह की कोई चिंता व्यक्त नहीं की है तो अपने बच्चे की हाइट और वेट की दूसरे बच्चों के साथ तुलना न करें। 

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10 महीने का होते-होते कुछ शिशुओं का वजन इस समय के आसपास पहले की तुलना में कुछ कम भी हो सकता है। ऐसा इसलिए क्योंकि इस दौरान बच्चे तेजी से बढ़ रहे हैं, वे पर्याप्त ठोस खाद्य पदार्थ नहीं खा रहे हैं जो आप उन्हें दे रही हैं क्योंकि उन्हें खाने की तुलना में खेलने में ज्यादा दिलचस्पी हो सकती है या फिर कभी-कभी बीमार होने की वजह से भी बच्चे का वजन कम हो जाता है।

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10 महीने के अधिकांश बच्चे अपने हाथों और घुटनों पर अच्छी तरह से क्रॉल करते (रेंगते) हुए पूरे घर में घूमने लग जाते हैं, लेकिन अगर आपका बच्चा अभी तक घुटने के बल चलना या क्रॉल नहीं कर रहा है, तो चिंता न करें। कुछ बच्चे कभी क्रॉल करना नहीं सीखते और वे सीधे चलने लग जाते हैं। इसके अलावा इस समय तक आपका बच्चा बिना किसी सहारे के खुद से आत्मविश्वास के साथ बैठना सीख जाता है, घर में रखे ढेर सारे फर्नीचर को पकड़-पकड़ कर चलने में सक्षम हो सकता है, जिसे क्रूसिंग या परिभ्रमण कहते हैं। 

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खड़े रहने की पोजिशन में रहते हुए बहुत से बच्चे कोई खिलौना लेने की कोशिश कर सकते हैं और यहां तक सीढ़ियां चढ़ने की कोशिश भी करने लगते हैं। इसलिए अब शिशु की सुरक्षा के बारे में आपको बहुत ज्यादा जागरूक रहने की जरूरत है। 10 महीने के आपके शिशु का कोऑर्डिनेशन यानी समन्वय में भी बहुत सुधार होने लगता है। इस उम्र में बच्चों को अपने छोटी से मुट्ठी या हाथों में छोटी-छोटी वस्तुओं को पकड़ने में काफी रुचि होती है। 10 महीने के शिशु में ये निम्नलिखित शारीरिक विकास देखने को मिलते हैं:

  • पेट के बल लेटे हुए खुद से बिना किसी की मदद के बैठने लगना
  • खड़े हुए पोजिशन से स्क्वॉट्स की पोजिशन में आना
  • जमीन पर बैठे हुए पोजिशन से किसी चीज या फर्नीचर को पकड़कर खड़ा होना
  • बिना किसी की मदद के खड़े होना
  • चलने के लिए कुछ कदम आगे बढ़ाना/सीढ़ियां चढ़ना
  • जो चीज शिशु को चाहिए उसकी तरफ इशारा करना या उसे लेने के लिए खुद ही वहां पहुंच जाना
  • फिंगर फूड्स को हाथों से पकड़कर खुद से खाना सीखना
  • हाथ हिलाते हुए बाय-बाय करना या फ्लाइंग किस करना 
  • दिनभर कुछ कुछ बोलते रहना और मामा, दादा जैसे शब्द को साफ-साफ बोलना
  • अपने खिलौनों, कप या कटोरियों का ढेर लगाना

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  • 10 महीने का शिशु रंगों को बेहतर तरीके से देखने और समझने लग जाता है
  • किसी खास चीज के स्वाद और चीजों की संरचना के प्रति अपनी पसंद-नापसंद भी विकसित करने लगता है
  • 10 महीने का शिशु जिज्ञासु हो जाता है और यह पता लगाने की कोशिश में रहता है कि कौन सी चीज कैसे काम करती है
  • साथ ही 10 महीने के शिशु में अलगाव की चिंता (सेपरेशन ऐंग्जाइटी) भी देखने को मिलती है
  • बच्चे के व्यक्तित्व में नए लक्षण भी दिखने लगते हैं
  • कुछ-कुछ शब्दों के अर्थ भी समझने लगता है जैसे- बाय-बाय कहने पर जूते की तरफ इशारा करना
  • एक शब्द वाले बेहद आसान वाक्यों या अनुरोध को समझने लगता है जैसे- गो (जाओ), सिट (बैठ जाओ), स्माइल (हंसो) आदि
  • इस उम्र के बच्चों को म्यूजिक से भी बहुत प्यार होता है और संगीत सुनते ही वे झूमने लग जाते हैं

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10 महीने के बच्चे बहुत अच्छे मिमिक यानी नकल करने वाले भी बन जाते हैं। आपने इस बात पर ध्यान दिया होगा कि आप जो भी करते हैं, जैसे करते हैं, बच्चा बिलकुल उसी तरह से उसे कॉपी करने की कोशिश करता है। फिर चाहे आपके द्वारा कंघी उठाकर बाल बनाना हो या फोन उठाना। इस समय आपका बच्चा आपके शब्दों को बहुत ध्यान से सुनता है और किस स्थिति में आप कैसी प्रतिक्रिया देते हैं उस पर बच्चे की पूरी नजर होती है। इसलिए आपको अपने व्यवहार को लेकर बहुत ज्यादा सतर्क रहने की जरूरत है। उदाहरण के लिए- अगर आप किसी उदास फिल्म को देखकर रोते हैं, तो आप देखेंगे कि आपके बच्चे के चेहरे पर भी उदासी आ जाती है।

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  • अगर आप हाथ उठाकर बाय-बाय करने के लिए वेव करो तो बच्चा भी वापस बाय-बाय करने लगता है
  • खुश होने पर ताली बजाना या आपकी किसी बात पर सहमत होने पर सिर हिलाना आदि 
  • 10 महीने के शिशु खुद को अपने नाम से पहचानने लग जाते हैं और अपना नाम पुकारे जाने पर प्रतिक्रिया भी देते हैं

आपके 10 महीने के शिशु को ठोस आहार खाते हुए अब 4 महीने से ज्यादा का समय हो चुका है, ऐसे में आप चाहें तो विभिन्न प्रकार के फल, सब्जियां, अनाज, दही और मीट को अपने शिशु के डेली डायट में शामिल कर सकती हैं जिससे खाने की चीजों को लेकर उनका स्वाद और पसंद का विस्तार होगा। हालांकि ध्यान रहे कि इस दौरान शिशु को ऐसी छोटी-छोटी चीजें बिलकुल न दें जिसे वे अपने गले में अटका सकते हैं जैसे- पॉपकॉर्न, किशमिश, सूखे मेवे, कैंडी या टॉफी, अंगूर आदि।

अब जब आपके बच्चे के कुछ दांत आ गए हैं, तो आप बच्चे को बिलकुल प्यूरी बनाकर चीजें खिलाने की बजाए थोड़ी मोटी या गाढ़ी चीजें खिला सकती हैं। इसके अलावा आप बच्चों को गाजर या सेब को लंबा-लंबा काटकर फिंगर फूड के रूप में दे सकती हैं। इन फिंगर फूड्स को बच्चे के हाथ में पकड़ा दें और उन्हें खुद से खाने दें, ऐसा करने से बच्चे को चीजों को हाथ में कसकर पकड़ने का अभ्यास भी होता है और साथ ही में भोजन को उठाकर और उसे मुंह में डालने के दौरान कोऑर्डिनेशन (समन्वय कौशल) का भी अभ्यास करने में मदद मिलती है। साथ ही आप चाहें तो बच्चे के हाथ में चम्मच भी पकड़ा सकती हैं जिससे वह खुद से भोजन उठाकर खाना सीख सकता है।

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10 महीने के शिशु का पेट भरने और बेहतर विकास के लिए ठोस आहार के साथ ही ब्रेस्ट मिल्क या फॉर्मूला मिल्क की भी उतनी ही जरूरत होती है। लिहाजा दिनभर में 3 से 4 बार बच्चे को 6 से 8 आउंस मां का दूध या फॉर्मूला मिल्क भी जरूर दें तो वहीं ठोस आहार की बात करें तो 3 मील और 2 स्नैक्स को बच्चे की डायट में शामिल करें। अगर बच्चा भूखा न हो तो उसे जबरन खाना न खिलाएं। अगर बच्चा मुंह से खाना निकाल रहा हो, खाने की तरफ से सिर घुमा रहा हो या खाना दिए जाने पर अपना मुंह बंद कर रहा हो तो इसका मतलब है कि उसका पेट भर गया है।

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10 महीने के बच्चे को क्या खिलाएं

  • खट्टे फलों को छोड़कर सभी तरह के फल
  • सभी तरह की मौसमी सब्जियां
  • तूर दाल, मूंग दाल, चना दाल समेत सोयाबीन, राजमा आदि
  • गाय के दूध को छोड़कर सभी डेयरी उत्पाद जैसे- दही, चीज, पनीर आदि
  • अगर आप मांसाहारी हैं तो आप बच्चे को कीमा बना हुआ चिकन या थोड़ी सी मछली भी खिला सकते हैं
  • आप चाहें तो बच्चे के भोजन में हल्दी, हींग, जीरा, अदरक, लहसुन, सौंफ, मेथी, अजवायन, दालचीनी जैसे मसाले भी शामिल कर सकती हैं

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इस उम्र में, अधिकांश 10 महीने के बच्चे रोजाना करीब 14 घंटे की नींद लेते हैं, लेकिन अगर कुछ बच्चे 12 से 16 घंटे की नींद भी लेते हैं तो यह भी पूरी तरह से नॉर्मल है। 10 महीने के बच्चे एक बार भी दूध के लिए जगे बिना पूरी रात आराम से 11 से 12 घंटे की नींद ले सकते हैं। इसके अलावा दिन में कुल 1 या 2 घंटे की झपकी कम से कम 2 बार। बहुत कम ही बच्चे ऐसे होते हैं जो 10 महीने की उम्र से ही दिन में सिर्फ एक बार झपकी लेते हैं, इसलिए मानकर चलें कि ज्यादातर 10 महीने के बच्चे दिन में कम से कम 2 बार जरूर सोते हैं।

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10 महीने के बच्चे का विकास उनके शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक विकास को प्रोत्साहित करने वाली गतिविधियों के माध्यम से किया जा सकता है। इस उम्र में बच्चे तेजी से रेंगने, खड़े होने और छोटे कदम उठाने का प्रयास करते हैं, इसलिए उन्हें सुरक्षित और खुला स्थान दें। उन्हें खिलौने दें, जो उनकी पकड़ने, फेंकने और सजगता बढ़ाने में मदद करें। भाषा कौशल को प्रोत्साहित करने के लिए उनसे सरल शब्दों और इशारों में बात करें। कहानी सुनाना और गाने गाना भी उनकी सुनने और समझने की क्षमता को सुधारता है। सामाजिक विकास के लिए उन्हें परिवार के अन्य सदस्यों के साथ घुलने-मिलने दें। पौष्टिक भोजन और नियमित नींद उनके समग्र विकास के लिए महत्वपूर्ण हैं। सबसे जरूरी है, बच्चे के साथ धैर्य और प्यार से समय बिताना।

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