बच्चों के मुंह की सफाई उन्हें कई तरह की बीमारियों से बचा सकती है। बड़े बुजुर्ग हमेशा दिन में दो बार ब्रश करने की सलाह देते आए हैं। लेकिन कितने लोग जानते हैं बच्चों में दांत निकलने से पहले मुंह की सफाई करना उतना ही जरूरी है जितना कि दांत निकलने के बाद महत्वपूर्ण होता है। यदि शुरू से ही मुंह की सफाई का ध्यान रखा जाए, तो दांत से संबंधित कई परेशानियों से बचा जा सकता है।
जैसे बड़ों में दांत की सफाई न होने से कई तरह की परेशानियां हो सकती हैं, ठीक उसी तरह शिशुओं को भविष्य में दांत संबंधित किसी तरह की समस्या न हो, इसके लिए मौखिक देखभाल की आवश्यकता होती है।
कुछ माता-पिता मानते हैं कि दांत निकलने से पहले मौखिक सफाई आवश्यकता नहीं है। लेकिन विज्ञान यह मानता है कि बच्चों को शक्कर मिला हुआ दूध देने से दांतों में कीड़े (कैविटी) की समस्या हो सकती है। इसे 'बेबी बोटल टूथ डिके' नाम से जाना जाता है।
बेबी बोटल टूथ डिके का मतलब शिशु के दांतों में सड़न से है। इसे 'नर्सिंग बोटल कैरीज' भी कहा जाता है। इस रोग का जोखिम ज्यादातर ऐसे बच्चों में होता है जो दूध की बोतल मुंह में लगाकर सो जाते हैं। शिशुओं में इस तरह के समस्या एक या दो साल की उम्र तक देखी जा सकती है। ज्यादातर यह सड़न ऊपरी सामने वाले दांतों में देखी जाती है, लेकिन गंभीर मामलों में यह निचले दांतों में भी फैल सकती है।
शुरुआत में यह कैविटी दांतों की सतह पर सफेद रंग के धब्बों की तरह दिखाई दे सकती है, लेकिन दुर्लभ मामलों में सड़न वाले हिस्से हल्के भूरे रंग के नोटिस किए गए हैं। यदि इस समस्या का इलाज न किया जाए, तो यह कैविटी दांतों की जड़ों को भी प्रभावित कर सकती है। इस प्रकार दांतों के विकास में भी समस्या आ सकती है।
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