नवजात शिशु अपनी किसी भी जरूरत के लिए रोना शुरू कर देते हैं। मां शिशु के रोते ही पहचान जाती है कि उसको भूख लगी है या उसको सोना है। शिशु का रोना एक सामान्य प्रक्रिया है, लेकिन सही तरह से खाने और पूरी नींद लेने के बाद भी आपके शिशु का लगातार रोना चिंता का विषय हो सकता है। इस तरह का व्यवहार किसी अन्य तरह की परेशानी जैसे कोलिक या दांत निकलने का भी संकेत हो सकता है।
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इस तरह की समस्या तीन सप्ताह से लेकर तीन माह तक के शिशु को हो सकती है। अधिकतर माता-पिता शिशु के पेट में समस्या का कारण कोलिक और गैस को ही मानते हैं। शिशु की इस परेशानी के उपाय में माता-पिता कई वर्षों से ग्राइप वाटर का ही प्रयोग करते आए हैं। लेकिन कई लोगों को यह मालूम ही नहीं होता कि ग्राइप वाटर होता क्या है? इसके अलावा कई माता-पिता के मन में यह भी सवाल आता है कि क्या ग्राइप वाटर के इस्तेमाल से होने शिशु को फायदा होगा।
आप सभी लोगों की इस परेशानी को दूर करने के लिए इस लेख में आपको ग्राइप वाटर के बारे में विस्तार से बताया जा रहा है। साथ ही इसमें आपको ग्राइप वाटर क्या है और कैसे बनता है, ग्राइप वाटर के फायदे, ग्राइप वाटर शिशु को कैसे दें, ग्राइप वाटर कब देना चाहिए और ग्राइप वाटर के नुकसान के बारे में भी विस्तार से बताया गया है।
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