वैसे तो बच्चों का कान बहना एक सामान्य समस्या है लेकिन इसे साधारण समझकर हल्के में नहीं लेना चाहिए वरना बच्चे को गंभीर नुकसान हो सकता है। नवजात शिशुओं और छोटे बच्चों को वैसे भी वयस्कों की तुलना में कान से जुड़ी समस्याएं और संक्रमण ज्यादा होते हैं। फिर चाहे कान में दर्द हो, कान में संक्रमण हो या फिर कान बहना। साधारण भाषा में समझें तो जब कान से किसी तरह के तरल पदार्थ का रिसाव होने लगता है तो इसे कान बहना कहते हैं और मेडिकल भाषा में कान बहने की समस्या को otorrhea कहा जाता है।
ज्यादातर मौकों पर कान से जो रिसाव होता है वह ईयरवैक्स या कान का मैल होता है। यह एक तरह का तेल है जिसका हमारे शरीर में प्राकृतिक रूप से उत्पादन होता है। कान का मैल या वैक्स इस बात को सुनिश्चित करता है कि किसी तरह की धूल, बैक्टीरिया या कोई अन्य पदार्थ कान में न जाए। कान से निकलने वाला वैक्स रूपी रिसाव तो कान की हिफाजत करता है। लेकिन अगर कान से पस, मवाद, खून या पानी जैसा कोई तरल पदार्थ निकलने लगे तो यह किसी गंभीर समस्या का संकेत हो सकता है।
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नवजात शिशु या बच्चों का कान बहना कोई जन्मजात बीमारी नहीं है और इसके होने के कई कारण हो सकते हैं। इस आर्टिकल में हम आपको बता रहे हैं कि बच्चों में कान से होने वाला रिसाव कितने तरह का होता है, बच्चों के कान बहने का कारण क्या है, इसका लक्षण और इलाज क्या है, इस बारे में यहां जानें।