बच्चे के सही शारीरिक विकास के लिए मां-पिता का चिंतित होना आम बात है। इस दौरान बच्चे को सभी पौषक तत्व प्रदान करने के लिए माता-पिता को उसकी डाइट के लिए एक विशेष योजना तैयार करनी चाहिए ताकि बच्चे का संपूर्ण विकास हो सके।

तीन साल के बच्चे को यदि सभी पोषक तत्व सही और उचित मात्रा में न मिलें तो उसको कई तरह के रोग होने की संभावनाएं बढ़ जाती हैं। ऐसे में आपको बच्चे की रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करने व पूर्ण पोषण प्रदान करने के लिए डॉक्टर की उचित सलाह लेनी चाहिए।

अधिकतर माता पिता के समक्ष आने वाली इस समस्या को ध्यान में रखते हुए, इस लेख में “तीन साल के बच्चे का भोजन चार्ट” के बारे में विस्तार से बताया गया है। आप अपने बच्चे का डाइड चार्ट बनाने के लिए myUpchar पर डॉक्टर से घर बैठे सलाह ले सकती हैं। 

  1. 3 साल के बच्चे का भोजन चार्ट - 3 saal ke bache ka bhojan chart

सोमवार

 (और पढ़ें - दूध और शहद पीने के फायदे)

मंगलवार

  • सुबह नाश्ते से पहले - एक कप दूध, बादाम, एक चम्मच शहद या गुड़
  • नाश्ते के समय - इडली और नारियल की चटनी
  • नाश्ते के बाद - फल या टमाटर का सूप
  • दोपहर - वेजिटेबल पुलाव
  • दोपहर के खाने के बाद - आम
  • शाम का खाना - मिक्स वेजीटेबल और रोटी
  • सोने से पहले - शहद या गुड़ के साथ एक कप दूध

 (और पढ़ें - बेबी को सुलाने के तरीके)  

बुधवार

  • सुबह नाश्ते से पहले - एक कप दूध, सूखे मेवे, एक चम्मच शहद या गुड़
  • नाश्ते के समय - पोहा
  • नाश्ते के बाद - फलों का जूस, 
  • दोपहर - दाल और चावल, घी,  
  • दोपहर के खाने के बाद - रागी या बेसन का लड्डू
  • शाम का खाना - कद्दू की सब्जी, दाल और रोटी
  • सोने से पहले - शहद या गुड़ के साथ एक कप दूध

(और पढ़ें - मसालेदार खाना खाने से होने वाले दर्द का उपचार)

गुरूवार

  • सुबह नाश्ते से पहले - एक कप बनाना शेक, एक चम्मच शहद या गुड़
  • नाश्ते के समय - दलिया
  • नाश्ते के बाद - फल या टमाटर का सूप
  • दोपहर - मिक्स वेज और दाल, चावल,
  • दोपहर के खाने के बाद - बेसन का लड्डू या तरबूज
  • शाम का खाना - अंडे की सब्जी और रोटी
  • सोने से पहले - शहद या गुड़ के साथ एक कप दूध

(और पढ़ें - शिशु की कब्ज का इलाज)

शुक्रवार

  • सुबह नाश्ते से पहले - एक कप दूध, सूखे मेवे, एक चम्मच शहद या गुड़
  • नाश्ते के समय - मूंग दाल का चीला
  • नाश्ते के बाद - फलों का जूस
  • दोपहर - लौकी और चने की दाल, घी
  • दोपहर के खाने के बाद - वेजिटेबल कटलेट
  • शाम का खाना - आलू मटर का परांठा और दही
  • सोने से पहले - शहद या गुड़ के साथ एक कप दूध

(और पढ़ें - परांठे में कितनी कैलोरी होती है)

शनिवार

  • सुबह नाश्ते से पहले - एक कप दूध, एक चम्मच शहद या गुड़
  • नाश्ते के समय - फ्रेंच टोस्ट
  • नाश्ते के बाद - फल या टमाटर का सूप
  • दोपहर - रोटी, घी और आलू गाजर की सब्जी
  • दोपहर के खाने के बाद - गाजर का सूप
  • शाम का खाना - दाल और परांठा
  • सोने से पहले - शहद या गुड़ के साथ एक कप दूध

(और पढ़ें - खाना खाने का सही समय)

रविवार

  • सुबह नाश्ते से पहले - एक कप मैंगो शेक, एक चम्मच शहद या गुड़
  • नाश्ते के समय - फ्रूट चना सलाद
  • नाश्ते के बाद - फलों का जूस
  • दोपहर - खिचड़ी, घी या दही
  • दोपहर के खाने के बाद - फ्रूट सलाद
  • शाम का खाना - मटर पनीर की सब्जी, रोटी और घी
  • सोने से पहले - शहद या गुड़ के साथ एक कप दूध

(और पढ़ें - फल खाने के सही समय)

आगे आपको बच्चे की डाइट चार्ट में शामिल कुछ रेसिपी को बनाने के बारे में बताया गया है।

  • पनीर सैंडविच :
    पनीर सैंडविच बच्चों और बड़ों दोनों को ही खूब पसंद आते हैं। इनको बनाना बेहद ही आसान होता है। इनको बनाने के लिए ब्रेड और पनीर के साथ शिमला मिर्च, टमाटर और सेंडविच सॉस की जरूरत होती है।

    सबसे पहले एक बर्तन में कद्दूकस किया हुआ पनीर, बारीक कटी हुई प्याज, टमाटर और शिमला मिर्च को मिलाएं। इसके बाद इसमें नमक और सेंडविच सॉस अच्छी तरह से मिला लें। जब मिश्रण तैयार हो जाए, तो ब्रेड के दो पीस के बीच में मिश्रण को लगाते हुए ब्रेड को दोनों ओर से सेंक लें। आपका पनीर सैंडविच बनकर तैयार है। इसको आप बच्चों की मनपंसद चटनी या सॉस के साथ खाने के लिए दे सकती हैं।
    (और पढ़ें - हरे प्याज के फायदे)
     
  • पोहा :
    ज्यादातर बच्चों को पोहा खूब पंसद आता है। इसे बनाने के लिए आप सबसे पहले पोहा को किसी छननी में डाल कर धो लें। इसके बाद एक कढ़ाई लें और उसको गैस पर रखकर तेल डालें। जब तेल गर्म हो जाए तो उसमें जीरा, हींग, राई, कढ़ी पत्ता, प्याज और साबूत लाल मिर्च को डालकर चलाएं।

    इसके बाद इसमें बारीक कटे हुए आलू और नमक को मिला कर पका लें। आलू पकने के बाद इसमें हल्दी और पोहा डाल कर दो से तीन मिनट तक मिलाते हुए पकाएं। अंत में इसके ऊपर नींबू का रस और बारीक कटा हुआ हरा धनिया डाल दें। आपका पोहा बनकर तैयार हैं।

(और पढ़ें - नींबू के फायदे)

सम्बंधित लेख

8 महीने के बच्चे का विकास, द...

Dr. Pradeep Jain
MD,MBBS,MD - Pediatrics
25 वर्षों का अनुभव

10 महीने के बच्चे का विकास क...

Dr. Pradeep Jain
MD,MBBS,MD - Pediatrics
25 वर्षों का अनुभव

नवजात शिशु अंगड़ाई क्यों लेत...

Dr. Pradeep Jain
MD,MBBS,MD - Pediatrics
25 वर्षों का अनुभव
ऐप पर पढ़ें