अगर आप अब तक यह सोच रहे थे कि शुगर की बीमारी यानी डायबिटीज खासकर टाइप 2 डायबिटीज जो लाइफस्टाइल से जुड़ी बीमारी है वह सिर्फ वयस्कों को होती है तो आप गलत हैं। युवाओं और यहां तक की बच्चों में डायबिटीज के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। नैशनल डायबिटीज स्टैटिस्टिक्स रिपोर्ट 2020 की मानें तो अमेरिका में 20 साल से कम उम्र के करीब 2 लाख 10 हजार बच्चों और किशोरों में डायबिटीज की बीमारी डायग्नोज हुई है। तो वहीं, नैशनल इंस्टिट्यूट ऑफ हेल्थ (एनआईएच) की मानें तो बच्चों में हर साल टाइप 1 डायबिटीज के मामले 1.8 प्रतिशत की दर से बढ़ रहे हैं और टाइप 2 डायबिटीज के मामले 4.8 प्रतिशत की दर से।
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दरअसल, डायबिटीज लंबे समय तक जारी रहने वाली एक ऐसी बीमारी है जिसमें शरीर की खाद्य पदार्थों को खासकर चीनी (कार्बोहाइड्रेट्स) को बदलकर शरीर के लिए ऊर्जा बनाने की क्षमता में कमी आ जाती है। अगर डायबिटीज का सही तरीके से इलाज न हो तो खून में ग्लूकोज की मात्रा बढ़ने लगती है जिससे रक्त वाहिकाएं, किडनी, आंख, तंत्रिका तंत्र, हृदय और कई और अंगों को भी गंभीर नुकसान होता है। डायबिटीज मुख्य रूप से 2 तरह का होता है- टाइप 1 डायबिटीज और टाइप 2 डायबिटीज और ये दोनों ही प्रकार वैसे तो किसी भी उम्र में हो सकते हैं लेकिन बच्चों में टाइप 1 डायबिटीज डायग्नोज होने का खतरा अधिक होता है। वैसे तो बच्चों और युवाओं में टाइप 2 डायबिटीज के मामले में बढ़ रहे हैं और इसकी वजह है मोटापा और गलत खानपान।
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डॉक्टरों की मानें तो अगर बच्चों में डायबिटीज के लक्षणों की पहचान शुरुआत में ही हो जाए तो इलाज आसान हो जाता है वरना उन्हें जीवन भर सेहत से जुड़ी कई और बीमारियां होने का जोखिम काफी बढ़ जाता है। तो आखिर बच्चों में डायबिटीज विकसित होने का कारण क्या है, इसके लक्षण क्या होते हैं और इसका इलाज किस तरह से हो सकता है, इस बारे में हम आपको इस आर्टिकल में बता रहे हैं।