अपने बच्चे के जननांगों को किस तरह साफ करें?

अपने नवजात शिशु की देखभाल करना हर मां की सबसे पहली जिम्मेदार व खुशी होती है। शिशु के पैदा होने के बाद उसकी सेहत के लिए सभी बातों का ध्यान रखने में कभी-कभी उनके जननांगों को कहीं न कहीं नजरअंदाज कर दिया जाता है।

वैसे तो आप डॉक्टर के द्वारा सुझाई गई सभी बातों का ख्याल रखती हैं, लेकिन शिशु के जननांगों की साफ-सफाई के बारे में हम आमतौर पर बात नहीं कर पाते हैं। डॉक्टर आमतौर पर माता-पिता को बच्चे के डायपर बदलना, नहलाना और बच्चे के आस-पास के वातावरण को किस तरह साफ रखना है आदि बातें सिखाते हैं, लेकिन आप बच्चों के जननांगों के बारे में खुलकर बात नहीं कर पाते हैं।

ऐसा सिर्फ इसीलिए ही नहीं क्योंकि बच्चे के जननांग बहुत ही कोमल होते हैं और आपको सफाई करते समय उनकी अधिक देख-रेख करनी होती है बल्कि ऐसा इसीलिए भी है क्योंकि हमारे परिवारों में यौन स्वास्थ्य से संबंधित बात-चीत नहीं की जाती है।

लेकिन अब समय बदल गया है, इसलिए अब हमें शिशुओं के जेनिटल्स व उनकी साफ-सफाई के बारे में बातचीत शुरु करनी होगी ताकि उन्हें स्वस्थ व संक्रमण मुक्त रखा जा सके।

आज हम इसी बारे में आपको कुछ टिप्स देने वाले हैं, जिनके बारे में हमारे परिवारों में आमतौर पर बात नहीं की जाती है:

  • बच्चे के जननांग को साफ करने के लिए गुनगुने (हल्का गर्म) पानी, सौम्य लिक्विड बेबी क्लीन्ज़र, सेंसिटिव बेबी वाइप्स या स्वच्छ रुई के टुकड़े का प्रयोग करें। 
  • जल्दी-जल्दी और नियमित अंतराल पर नैपी/डायपर बदलते रहें, क्योंकि मल व यूरिन दोनों ही जननांग से चिपके रह सकते हैं जिससे त्वचा पर खुजली जलन और रैशेस हो सकते हैं। इस कारण से उनको संक्रमण भी हो सकता है। 
  • ऐसे साबुन और क्लीन्ज़र का प्रयोग न करें जिनमें अल्कोहॉल युक्त पदार्थ और परफ्यूम हो। 
  • हमेशा जननांगों के आस-पास की त्वचा को सूखा रखें और वहां पर कोई हल्की बेबी क्रीम लगाएं ताकि डायपर से रैशेस न हों।

इसके अलावा जननांगों का ख्याल रखने के लिए जिन आदतों को आप बच्चे के जन्म से उस के शुरुआती बचपन तक अपनाते हैं वही बातें जैसे-जैसे बच्चे बड़े होते हैं उन्हें भी सिखानी चाहिए। अगर आप अपने बच्चे को शुरुआत से ही ये आदतें सिखाएंगे तो आप यह सुनिश्चित कर सकते हैं कि आपके बच्चे युवावस्था में भी इन आदतों का पालन करेंगे और अपने बच्चों को भी भविष्य में ऐसी ही आदतें सिखाएंगे।

लड़कों के लिए

यदि आपके बेबी बॉय का खतना नहीं हुआ है, तो उसके जननांगों की देखभाल करना आमतौर पर आसान रहता है। इन मामलों में बच्चे के लिंग की ऊपरी चमड़ी (Foreskin) पूरी तरह से विकसित नहीं हो पाती और लिंग के अगले हिस्से (शिश्नमुंड) से पीछे की तरफ नहीं हट पाती है।

जैसे ही बच्चा दो साल का होता है तो यह विकास की प्रक्रिया शुरू होती है यह बेहतर होगा कि आप इस प्रक्रिया को तेज करने का प्रयास न करें क्योंकि इससे आप बच्चे को नुकसान पंहुचा सकते हैं। 

क्या करें?

जब तक बच्चे की फोरस्किन पूरी तरह विकसित नहीं होती, आप शिशु के लिंग और स्कॉर्टम (अंडकोष की थैली) को नहलाते व डायपर बदलते समय ठीक तरह से धो कर पोंछ सकते हैं। ऐसा आप गुनगुने पानी, हल्का साबुन और सेफ क्लीन्ज़र का प्रयोग करते हुए कर सकते हैं। इसके बाद त्वचा को ठीक तरह से पोंछ कर सूखने के बाद वहां डॉक्टर द्वारा सुझाई गई कोई भी क्रीम लगा दें।

इस शुरुआती अवस्था में, यह ध्यान रखना जरूरी है कि कहीं पेनिस की फोरस्किन यूरिन से तो नहीं भरी है, पेशाब करते समय फूल जाती है या इसमें लालिमा, खुजली या सूजन तो नहीं होती है। अगर ऐसा कुछ हो रहा है, तो यह स्थिति चिंताजनक है, इनमें से कोई भी लक्षण महसूस होने पर जितना जल्दी हो सके डॉक्टर से बात कर लें।

जब आपके बच्चे की फोरस्किन पूरी तरह विकसित हो जाती है तो आपको पेनिस साफ करने के कुछ सही तरीके अपनाने होते हैं। नीचे कुछ निर्देश दिए गए हैं जिनका आप पालन कर सकते हैं और अपने बेटे को सीखा सकते हैं ताकि भविष्य में वह भी इन बातों का ध्यान रखे:

  • आराम से व सावधानी से फोर स्किन को पीछे करें
  • फोर स्किन के नीचे किसी हल्के साबुन और पानी से सफाई करें 
  • इसके बाद इसे पूरी तरह साफ पानी से धोएं  
  • आराम से इसे पोंछे
  • पेनिस के अगले हिस्से पर फोर स्किन को फिर से आगे कर दें

क्या न करें?

जब तक बच्चे की फोर स्किन पूरी तरह से विकसित न हुई हो उसे पेनिस का अगला सिरा साफ करने के लिए पीछे करने की कोशिश न करें, क्योंकि इस अवस्था में आप त्वचा को वापस पीछे नहीं कर पाएंगे। इसके अलावा ऐसा करने से दर्द, ब्लीडिंग और यहां तक कि त्वचा में क्षति भी हो सकती है।

जननांगों को साफ करने के लिए ऐसे साबुन का उपयोग न करें जिनमें अल्कोहॉल या परफ्यूम हो। ऐसा इसीलिए क्योंकि इनके प्रयोग से जलन, खुजली और संक्रमण हो सकता है। 

बच्चे के जननांगों को धोने के लिए गर्म पानी का इस्तेमाल बिलकुल न करें। 

लड़के (जिनका खतना हो चुका है)
खतना (Circumcision) एक सर्जिकल प्रक्रिया है, जिसमें लिंग के अगले हिस्से को ढकने वाली चमड़ी को पूरी तरह से हटा दिया जाता है। यह प्रक्रिया पूरी दुनिया में धार्मिक, सांस्कृतिक या स्वच्छता संबंधी कारणों से की जाती है। यह बच्चे के जन्म के तुरंत बाद या दो से तीन हफ्ते में किया जाता है। इसमें ज्यादा समय नहीं लगता है, इस प्रक्रिया को दर्दरहित बनाने के लिए बच्चे को एनेस्थीसिया दिया जाता है।

बच्चों में क्लॉटिंग (खून के थक्के जमाना) का स्तर शुरुआत के तीन हफ़्तों में अधिक होता है, जिससे वे इस प्रक्रिया में हुई ब्लीडिंग को आसानी से नियंत्रित कर पाते हैं। खतना से हुए घाव को एक कॉटन पैड से ढक दिया जाता है और यह एक हफ्ते या दस दिन में स्वयं ही ठीक हो जाता है।

खतना में ज्यादा कोई खतरा नहीं होता लेकिन आपको अपने बच्चे के जननांगों का ज्यादा ध्यान रखना होता है। यहां कुछ ध्यान रखने योग्य बातें बताई गई हैं:

क्या करें?
डायपर या नैपी को नियमित रूप से बदलते रहें क्योंकि लंबे समय तक यूरिन या मल के साथ संपर्क होने पर खतने से हुआ घाव संक्रमित हो सकता है।

बच्चे के जननांग को हल्के गर्म पानी और एक साफ कॉटन बॉल के प्रयोग से साफ करें। डॉक्टर से पूछ कर ही घाव पर क्रीम या पेट्रोलियम जेली (वेसिलीन) लगाएं।

खतना के बाद दर्द से राहत के लिए सिर्फ वही दर्द निवारक लें, जिनकी सलाह डॉक्टर द्वारा दी गई है। इसमें आमतौर पर स्तनपान, बच्चों के लिए बनी दर्द निवारक दवाएं और सेंसिटिव टोपिकल क्रीम शामिल होती हैं।

यदि खतना के बाद आपको निम्न में से कोई भी लक्षण दिखाई देते हैं तो तुरंत डॉक्टर को सूचित करें:

  • लगातार ब्लीडिंग होना
  • बुखार 
  • पस से भरे फफोले
  • पेशाब का रंग हरा होना 
  • खतना होने के छह से आठ घंटों के बाद तक ठीक से पेशाब न कर पाना
  • खतना के तीन दिन के बाद लिंग के अगले सिरे पर लालिमा बढ़ना  

क्या न करें?
ऐसे साबुन का प्रयोग न करें जिनमें अल्कोहॉल या परफ्यूम मौजूद हो। ऐसे उत्पादों के प्रयोग से जलन, खुजली और यहां तक कि त्वचा पर चकत्ते भी पड़ सकते हैं गंभीर मामलों में संक्रमण भी हो सकता है। 

खतना के बाद त्वचा पर परत जमना, हल्की ब्लीडिंग या पीला पदार्थ निकलना सामान्य है। हालांकि इसमें चिंता करने की कोई बात नहीं है लेकिन पेनिस को साफ करते समय ध्यान दें। इसे लगातार और तेजी से न रगड़ें।

यदि शिशु समय से पहले पैदा हुआ है, तो उसका सर्कम्सिशन नहीं करवाना चाहिए। 

यदि बच्चे में जन्म से ही लिंग संबंधी कोई असामान्यता है, तो भी उसका खतना नहीं करवाना चाहिए। ऐसा इसलिए क्योंकि बाद में की जाने वाली सर्जरी में डॉक्टर को फोरस्किन की आवश्यकता पड़ सकती है। 

लड़की के लिए

शिशु अवस्था के दौरान लड़कियों के जननांग बहुत ही कोमल होते हैं। आपको उनकी अधिक देख-रेख करनी होगी और इस बात का ध्यान रखें कि वहां किसी भी तरह से चोट न लगे।

जन्म के बाद से कुछ हफ्तों तक बेबी गर्ल के जेनिटल में कुछ समस्याएं हो सकती हैं, जैसे योनि के बाहरी हिस्से (लेबिया) में सूजन या लालिमा होना। लेबिया के बीच में हल्की गुलाबी रंग की ऊभरी हुई त्वचा भी होती है, जिसे हीमेनल टैग कहते हैं। जैसे-जैसे बच्ची की उम्र बढ़ती है, हीमेनल टैग धीरे-धीरे गायब हो जाता है।

शिशु लड़की के जननांग को साफ करते समय निम्न बातों का ध्यान रखें:

क्या करें?
जन्म के बाद कुछ दिनों तक आपको नवजात की योनि से पदार्थ निकलता दिखाई देगा। ये पदार्थ माता के हार्मोन के कारण होता है। यह आमतौर पर साफ या हल्का सा रक्त जैसा हो सकता है। इसके बारे में चिंता करने की जरूरत नहीं है। हालांकि आपको पानी और एक रुई से इसे साफ करना होगा ताकि यह चिपक कर संक्रमण न फैलाए।

बच्ची के जननांग को हमेशा आगे से लेकर पीछे तक साफ करें, ऐसा नहलाते समय या डायपर बदलते समय भी करें। यदि आप गुदा से योनि की तरफ साफ कर रहे हैं, तो इससे बैक्टीरिया योनि में जा सकते हैं जिससे संक्रमण व त्वचा संबंधी अन्य समस्याएं हो सकती हैं।

हर बार जब बच्चा पॉटी करता है या जब भी आप डायपर बदलते हैं तो उसके जननांगों को गर्म पानी और साफ कॉटन बाल से साफ करें।

यदि बच्चे ने नहाने से तुरंत पहले ही पॉटी की है तो उसे नहलाने से पहले ठीक तरह से साफ करें। इससे संक्रमण का खतरा नहीं रहेगा विशेषकर अगर आप नहलाने के लिए गुनगुने पानी का प्रयोग कर रहे हैं।

क्या न करें?
अपनी बेटी के जननांग को गर्म पानी से साफ न करें, इससे वेजाइनल माइक्रोफ्लोरा (योनि में मौजूद अच्छे बैक्टीरिया) नष्ट हो सकता है और जननांग का प्राकृतिक संतुलन खराब हो सकता है। जननांग की सफाई के लिए एक सौम्य, बिना साबुन या झाग के लिक्विड क्लीनर का प्रयोग करें, जब तक कि डॉक्टर सही तरीका न बता दें।

यदि मल या पेशाब योनि के आस-पास कहीं लगा रह गया है तो इसे किसी साफ कपड़े या बिना परफ्यूम की वाइप से साफ करें। हर बार साफ टिशू या वाइप का प्रयोग करें। लेबिया को साफ करें। यदि मल लेबिया या योनि के अगले भाग में लगा रह गया है तो लेबिया साफ करने से पहले योनि के बीच की जगह को एक वाइप का प्रयोग कर के साफ कर दें। हमेशा जननांग से गुदा की तरफ से साफ करना शुरु करें, जिससे कि योनि में बैक्टीरिया नहीं जाएंगे। 

यदि योनि से निकलने वाला पानी शुरुआत के हफ्तों तक नहीं रुकता है और इसमें से बदबू आने लगती है तो तुरंत डॉक्टर को बुलाएं क्योंकि यह संक्रमण का संकेत हो सकता है।

यदि आपको लगता है कि बच्ची के लेबिया का कोई हिस्सा या वे पूरी तरह से आपस में जुड़े हुए हैं और केवल यूरिन निकलने का रास्ता है तो इसके बारे में चिंता करने की जरूरत नहीं है। इस स्थिति को लेबिया फ्यूज़न कहते हैं और जैसे-जैसे आपकी बच्ची प्यूबर्टी की उम्र तक पहुचंती है यह ठीक हो जाता है।

लेबिया को बल पूर्वक खोलने की कोशिश न करें क्योंकि इससे दर्द हो सकता है और एक चिंताजनक स्थिति पैदा हो सकती है। यदि आपकी बच्ची ठीक तरह से पेशाब नहीं कर पा रही है तो अपने पेडिअट्रिशन से मिलें।

बच्ची के डायपर बदलते समय या उसे नहलाते समय जननांगों को ज्यादा  रगड़ कर न धोएं। इससे जलन व खुजली हो सकती है और जननांगों में प्राकृतिक माइक्रोफ्लोरा के संतुलन की कमी हो सकती है।

अपने बच्चे के जननांगों को किस तरह साफ करें के डॉक्टर
Dr. Pritesh Mogal

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