आमतौर पर लोगों को लगता है कि मोतियाबिंद केवल व्यस्कों या बुजुर्गों को ही होता है। लेकिन आपको बता दें कि अन्य रोगों की तरह ही बच्चों को मोतियाबिंद भी हो सकता है। सामान्यतः जन्म के समय बच्चे की दोनों आंखों के लेंस पारदर्शी होते हैं। आंखों के लेंस वस्तुओं को रेटिना में फोकस करता हैं, जिससे आंखों से चीजों को देख पाना संभव होता है। लेकिन कुछ बच्चों के आंखों के लेंस जन्म से सफेद रंग के धुंधले होते हैं, जिससे उनको चीजों को फोकस करने में मुश्किल होती है। इस स्थिति को ही मोतियाबिंद कहा जाता है। इसमें धुंधले लेंस प्रकाश को रेटिना तक पहुंचने से रोकते हैं और वस्तुओं को देख पाना मुश्किल हो जाता है। ये समस्या जन्म के बाद कुछ ही शिशुओं में देखने को मिलती है।
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इस लेख में आपको बच्चों में मोतियाबिंद के बारे में विस्तार से बताया गया है। साथ ही बच्चों में मोतियाबिंद के प्रकार, बच्चों में मोतियाबिंद के लक्षण, बच्चों में मोतियाबिंद के कारण, बच्चों में मोतियाबिंद से बचाव, बच्चों में मोतियाबिंद का परीक्षण और बच्चों के मोतियाबिंद का इलाज आदि विषयों पर भी आपको विस्तार से जानकारी दी गई है।
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