बच्चेदानी में भ्रूण को सभी पोषक तत्व गर्भनाल द्वारा मिलते हैं लेकिन जन्म लेने के बाद इसकी जरूरत नहीं रहती है इसलिए इसे हटा दिया जाता है। जब शिशु पैदा होता है तो उसके शरीर को मां से जोड़ने वाली गर्भनाल को काट दिया जाता है।
इसके कटने से मां या शिशु किसी को भी तकलीफ नहीं होती है क्योंकि गर्भनाल में कोई नस नहीं होती है। गर्भनाल के कटने के बाद इसका एक छोटा सा टुकड़ा शिशु के शरीर से जुड़ा रह जाता है, जो कि कुछ समय बाद खुद ही टूट कर गिर जाता है।
गर्भनाल पर क्लैंप या टाई (विशेष प्रकार के उपकरण) लगाकर उसे काटा जाता है और जो हिस्सा बच जाता है उसे अम्बिलिकल स्टंप (नाभि ठूंठ) कहते हैं। इसकी लंबाई आमतौर पर 2 से 3 से.मी होती है।
जब तक यह अम्बिलिकल स्टंप नहीं गिर जाती, तब तक इसका ख्याल रखना जरूरी होता है। यहां हम आपको शिशु की अम्बिलिकल स्टंप का ध्यान रखने के कुछ विशेष टिप्स बता रहे हैं।