शिशु के स्वस्थ जीवन के लिए स्तनपान जरूरी है. एक्सपर्ट्स की मानें तो एक शिशु को उसके जन्म के छह महीने तक मां का दूध जरूर पिलाना चाहिए. इसके बाद भी शिशु को दूध पिलाना चाहिए, लेकिन साथ में ठोस पदार्थ भी देने की जरूरत है.

अब बच्चे को कितना दूध पिलाना चाहिए यह पूरी तरह से बच्चे पर निर्भर करता है. कुछ बच्चे कम दूध पीते हैं, कुछ लम्बे समय तक स्तनपान करते हैं. नवजात शिशु को हर दो-तीन घंटे में दूध पिलाना चाहिए. जब बच्चा दो महीने का हो जाए तो दिन में तीन-चार बार और छह महीने के बच्चे को चार से पांच बार दूध पिलाने की जरूरत होती है.

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इस लेख में जानेंगे कि बच्चे को कितनी बार दूध पिलाना चाहिए.

  1. बच्चे के भूखा होने के लक्षण
  2. बच्चे को कितनी बार स्तनपान कराएं?
  3. सारांश
बच्चे को कितनी बार दूध पिलाना चाहिए? के डॉक्टर

बच्चे को कितनी बार दूध पिलाना चाहिए, इससे पहले यह जानते हैं कि बच्चे को भूख लगी होने के लक्षण क्या होते हैं -

  • रोते हैं - बच्चे का रोना सबसे आम लक्षण है. अगर बच्चा लगातार और बेसमय रो रहा है, तो इसका मतलब है कि उसे भूख लगी है.
  • होंठों को चाटना - शिशु जब भूखा होता है, तब अक्सर वो होंठों को चाटना शुरू कर देता है. इसके साथ ही कभी-कभी जीभ को भी बाहर निकालने लग जाता है.
  • मुंह के अंदर हाथ डालना - अक्सर भूख लगने के समय बच्चे हाथ या पैर को मुंह के अन्दर डालना शुरू कर देते हैं. 
  • रूटिंग के जरिए - बच्चे रूटिंग के तरीके से भी भूखे होने के लक्षण को बताते हैं. इसमें वो अपनी मां के स्तनों को देखने के लिए जबड़ा, मुंह और सिर को हिलाते हैं. 
  • चीजों को चूसना - बच्चे जब भी भूखे होते हैं, तो अक्सर आसपास रखी चीजों को मुंह के अन्दर डालकर चूसना शुरू कर देते हैं.
  • अपना मुंह खोलना - भूख के कारण ज्यादातर बच्चे अक्सर अपना मुंह खोलना शुरू कर देते हैं. ऐसे लक्षण दिखने पर समझ जाना चाहिए कि बच्चा भूखा है.

(और पढ़ें - स्तनपान के फायदे)

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नवजात बच्चे के लिए मां का दूध सबसे अच्छा पोषण का जरिया माना जाता है. एक्सपर्ट्स के अनुसार, स्तनपान बच्चे और मां दोनों की अच्छी सेहत के लिए जरूरी है. बच्चा जैसे ही जन्म लेता है उसको भूख लगनी शुरू हो जाती है और अगले एक घंटे के अन्दर वह स्तनपान करना भी शुरू कर देता है.

  • एक नवजात बच्चे को शुरू के एक महीने, दिन में आठ से बारह बार दूध पिलाने की जरूरत होती है. शिशु को मां का दूध जल्दी पच जाता है, इसलिए नवजात को कम समय के अंतराल में भूख लगने लगती है.
  • बच्चे को छह महीने तक अच्छे तरीके से सिर्फ और सिर्फ मां का दूध ही देना चाहिए.
  • शुरू के हफ्तों में बच्चा ज्यादा स्तनपान की इच्छा करता है. जैसे कि हर आधे घंटे या एक घंटे के बीच में. नवजात बच्चे को कभी भी चार घंटे से ज्यादा समय तक भूखा नहीं रखना चाहिए.
  • जब बच्चा एक या दो महीने का हो जाए, तब उसको एक दिन में सात से नौ बार दूध पिलाना चाहिए. 
  • एक छह महीने के बच्चे को दिन में चार से पांच बार दूध पिलाने की जरूरत होती है. छह महीने के बाद जब बच्चा खाना शुरू कर देता है उसके साथ अगले दो साल तक स्तनपान करवाते रहना चाहिए. 
  • एक्सपर्ट्स के मुताबिक, मां को बच्चे के भूखा होने के लक्षण से पहले ही उसको स्तनपान करवा देना चाहिए क्योंकि ज्यादातर नवजात बच्चों को दो या उससे कम समय के अन्दर भूख लग जाती है क्योंकि बच्चों का पेट छोटा होता है.
  • बच्चे को एक साल की उम्र तक स्तनपान करवाया जाए ताकि उसके शरीर को मां के दूध में होने वाले सारे पोषक तत्व मिलते रहें.

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बच्चे को कितने समय तक स्तनपान करवाना चाहिए, यह पूरी तरह से मां और बच्चे पर निर्भर करता है. एक बच्चे को जन्म से लेकर छह महीने तक सिर्फ और सिर्फ मां का दूध ही पिलाना चाहिए. इसलिए, मां को नवजात बच्चे को दो घंटे या उससे कम समय के अंतराल में खुद ही स्तनपान करवा देना चाहिए. बच्चे को एक साल की उम्र तक स्तनपान करवाते रहना चाहिए. शिशु को कब और कितनी बार स्तनपान करवाएं, इस बारे में एक बार डॉक्टर से भी जरूर संपर्क करें.

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