बच्चे के छह महीने का होने तक मां का दूध ही सबसे बेहतर माना जाता है। बच्चे को स्तनपान कराना मां और बच्चे दोनों के स्वास्थ्य पर सकारात्मक प्रभाव डालता है। हालांकि, स्तनों में दूध की कमी, चिकित्सीय समस्या व किसी अन्य कारण के चलते हर महिला बच्चे को सामान्य रूप से स्तनपान नहीं करवा पाती हैं। इस परिस्थिति में महिलाएं बच्चे को बोतल से ही दूध पिलाना शुरू करती हैं। इसके अलावा सामान्य अवस्था में भी महिलाएं अपने बच्चे के छह महीने का होने के बाद स्तनपान के साथ ही बोतल से भी पिला सकती हैं।
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अगर आप भी अपने बच्चे को बोतल से दूध पिलाने का विचार कर रहीं हैं तो इस लेख में आपको बच्चों को बोतल से दूध पिलाने के सही तरीके को विस्तार से बताया गया है। साथ ही इसमें आपको बच्चे को बोतल से दूध पिलाना कैसे शुरू करें, बच्चों को बोतल से दूध कितनी मात्रा में पिलाना चाहिए, बोतल से दूध पिलाने के फायदे, बच्चों को बोतल से दूध पिलाने के नुकसान और बच्चा बोतल से दूध न पिए तो क्या करें आदि विषयों को भी विस्तार से बताने का प्रयास किया गया है।
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