बच्चों के पैदा होने के बाद माता पिता को उनकी परवरिश के लिए कई मुश्किलों से गुजरना पड़ता है। बड़े बच्चे अपनी परेशानी को साफ तौर से माता पिता को बता सकते हैं, लेकिन छोटे बच्चे अपनी परेशानी को केवल रोकर ही बताने का प्रयास करते हैं। बच्चे को होने वाली किसी भी समस्या में माता पिता जल्द ही परेशान हो जाते हैं। बच्चों की त्वचा बेहद ही संवेदनशील होती है और छोटे होने के कारण उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता भी कमजोर होती है, ऐसे में बच्चे को संक्रमण होने संभावना अधिक होती है। यदि बाहरी मौसम बच्चे के लिए प्रतिकूल हो तो उसकी त्वचा पर रैशज और इंफेक्शन होने लगता है, इनको ही फोड़े फुंसी कहा जाता है। 

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बच्चों में होने वाली इस आम समस्या को ध्यान में रखते हुए आपको इस लेख में बच्चों के फोड़े फुंसी के बारे में बताया जा रहा है। साथ ही आपको बच्चों के फोड़े फुंसी के लक्षण, बच्चों के फोड़े फुंसी के कारण, बच्चों का फोड़े फुंसी से बचाव, बच्चों के फोड़े फुंसी का इलाज और बच्चों के फोड़े फुंसी का घरेलू उपाय आदि के बारे में  भी विस्तार से बताया गया है। 

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  1. बच्चों के फोड़े फुंसी का इलाज - Baccho ka fode funsi ka ilaj
  2. बच्चों के फोड़े फुंसी के लक्षण - Baccho ke fode funsi ke lakshan
  3. बच्चों के फोड़े फुंसी का कारण - Baccho ke fode funsi ka lakshan
  4. बच्चों का फोड़े फुंसी से बचाव - Baccho ka fode funsi se bachav
  5. बच्चों के फोड़े फुंसी का घेरलू उपाय - Baccho ke fode funsi ka gharelu upay

अगर बच्चे का फोड़ा गंभीर हो जाए या उसमें से पस न निकलें, तो ऐसे में आपको अपने बच्चे को डॉक्टर के पास ले जाकर मेडिकल ट्रीटमेंट शुरू करना चाहिए। फोड़े फुंसी का मेडिकल ट्रीटमेंट दो तरह से किया जाता है, जिसको आगे बताया गया है।

  • एंटीबायोटिक्स:
    इस प्रक्रिया में डॉक्टर आपके बच्चे को फोड़े फुंसी पर लगाने के लिए एंटी-इंफेक्टिव क्रीम देते हैं। अगर कई फोड़े फुंसी बड़े होने लगे और दर्द करने लगें तो डॉक्टर बच्चे को एंटीबायोटिक्स देते हैं। अगर डॉक्टर की दवाओं का पूरा कोर्स करने से पहले ही फोड़े फुंसी ठीक हो जाएं तो भी आपको दवाएं निर्धारित समय तक खानी चाहिए। एंटीबायोटिक के इस्तेमाल से भी बच्चे के फोड़े फुंसी ठीक नहीं होता है तो इनका चीरा लगाकर इलाज किया जाता है। 
    (और पढ़ें - एंटीबायोटिक दवा लेने से पहले ज़रूर रखें इन बातों का ध्यान)
     
  • सर्जरी:
    फोड़े फुंसी को ठीक करने के लिए बेहद ही हल्का कट लगाकर सर्जरी की जाती है। लेकिन इसमें बच्चे को ज्यादा परेशान न हो इसलिए उसको एनेस्थीसिया दिया जाता है। इसमें डॉक्टर फोड़े पर चीरा लगाकर पस को बाहर निकालते हैं। इसके बाद फोड़े से निकलने वाले तरल को सोखने के लिए चीरे की जगह पर रूई को लगाया जाता है। इस दौरान डॉक्टर बच्चे को नसों के माध्यम से एंटीबायोटिक्स दे सकते हैं। सर्जरी पूरी होने के बाद आप बच्चे को घर ले जा सकते हैं। लेकिन आपको नियमित रूप से चीरे की पट्टी को बदलते रहना चाहिए और उन्हें सुखा भी रखना चाहिए। 
    (और पढ़ें - सर्जरी से पहले की तैयारी)

बच्चे के सिर पर होने वाले फोड़े फुंसी का इलाज

कई कारणों के चलते बच्चों की खोपड़ी (स्कैल्प) पर फोड़े फुंसी हो जाते हैं। इस तरह के फोड़े फुंसी को ठीक करने के लिए निम्नलिखित उपाय करें।

  • बच्चे के स्कैल्प (खोपड़ी) को रबिंग अल्कोहल (एक प्रकार की दवा) से साफ करके संक्रमण रहित बनाएं, रबिंग अल्कोहल बच्चों की त्वचा के लिए नुकसानदायक नहीं होता है। कई बार साधारण इंफेक्शन में केवल रबिंग अल्कोहल के उपयोग से ही फोड़े ठीक हो जाते हैं। 
    (और पढ़ें - जानिए कैसे कर सकते हैं अल्कोहल का इस्तेमाल)
     
  • कई बार गर्मी और मौसम की वजह से बच्चे की स्कैल्प पर कई फोड़े फुंसी हो जाते हैं। इस स्थिति में बच्चे के सिर पर नारियल का तेल लगाएं, क्योंकि इस तेल में ठंडक और नमी बनाएं रखने का गुण होता है। जिसके कारण यह गर्मी की वजह से बच्चों में होने वाले फोड़े फुंसी को दूर करने में सहायक होता है।   

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बच्चों और शिशुओं में होने वाले फोड़े फुंसी के लक्षणों को आगे विस्तार से समझाया गया है।

  • बच्चे की त्वचा पर कठोर लाल गांठ दिखने लगती है। (और पढ़ें - फोड़े फुंसी का इलाज)
  • बच्चे के शरीर में उभरी गांठ का आकार बढ़ना और उसमें दर्द होना। (और पढ़ें - चर्बी की गांठ का इलाज)
  • कई बार गांठ के बीच में सफेद या पीले रंग का निशान (मुंह) दिखाई देता है, इस हिस्से में पस जमा होने की वजह से ऐसा होता है। ये फोड़ा या फुंसी अपने आप भी पस को बाहर कर सकता है। (और पढ़ें - डाउन सिंड्रोम का इलाज)
  • बच्चे की त्वचा में पहले फोड़े की जगह के आसपास अन्य फोड़े और फुंसी हो सकते हैं।
  • बच्चे के शरीर का तापमान बढ़ जाता है और उसको तेज बुखार हो जाता है। (और पढ़ें - बुखार कम के घरेलू उपाय)
  • फोड़े फुंसी की गांठ के आसपास के हिस्से में सूजन आ जाती है। (और पढ़ें - सूजन कम करने के घरेलू उपाय)

बच्चे के फोड़े फुंसी होने पर डॉक्टर के पास कब जाएं

निम्निलिखित स्थिति में आपको फोड़े फुंसी होने पर बच्चे को जल्द से जल्द डॉक्टर के पास ले जाना चाहिए।

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बच्चों में फोड़े फुंसी तब होते हैं, जब त्वचा में मौजूद पसीने वाले छिद्र और बालों की जड़ें स्टेफिलोकोकस ऑरियस (Staphylococcus aureus) नामक बैक्टीरिया द्वारा संक्रमित हो जाती हैं। इसके अलावा कुछ स्वास्थ्य स्थितियां ऐसी हैं जिसमें बच्चे को फोड़े फुंसी होन की संभावना बढ़ जाती है। इन स्थितियों को बारे में आगे जानें-

इसके अलावा कुछ दवाएं ऐसी होती हैं जिनके सेवन से बच्चे की रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर हो जाती है। इसलिए बेहतर होगा कि आप बच्चे को कोई भी दवा देने से पहले उसके साइड इफेक्ट के बारे में पता होना चाहिए। 

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कुछ उपायों को अपनाकर आप बच्चे की त्वचा में होने वाले फोड़े फुंसी की समस्या को कम कर सकते हैं। इन उपायों को आगे विस्तार से बताया गया है।

  • आपको बच्चे की साफ सफाई पर पूरा ध्यान देना होना। बच्चे की त्वचा को रोजाना साफ करने से उनमें फोड़े फुंसी होने की संभावना काफी हद तक कम हो जाती है। (और पढ़ें - बच्चों के दांत निकलने की उम्र)
  • बच्चे को संतुलित और स्वस्थ आहार दें, क्योंकि स्वस्थ आहार ना लेने के कारण भी बच्चे को फोड़े फुंसी की समस्या होने लगती है। (और पढ़ें - पौष्टिक आहार के फायदे)
  • बच्चे की देखभाल करते समय आपको भी अपने हाथों को थोड़े-थोड़े समय पर धोते रहना चाहिए।
  • बच्चों के बिस्तर की चादर, उनका तौलिया और अन्य कपड़ों को गर्म पानी में धोना चाहिए, ताकि उनमें मौजूद कीटाणु अच्छी तरह से हट जाएं। (और पढ़ें - बेबी को सुलाने के तरीके)

बच्चे के फोड़े फुंसी के बाद की देखभाल

  • बच्चे के शरीर पर होने वाले नए फोड़े के किसी भी संकेत पर नजर रखें।
  • बच्चे की त्वचा के फोड़े को अच्छी तरह से साफ करें। (और पढ़ें - बच्चे के देर से चलने की पहचान कैसे करें)
  • बच्चे के फोड़ों की नियमित ड्रेसिंग करें और उसकी गंदी पट्टी को कूड़े में डालें।
  • यदि बच्चे के फोड़े से पस, रक्त या अन्य तरल आने लगें तो ऐसे में आप घबराएं नहीं, इसको आप रूई से साफ करें। फोड़े फुंसी को साफ करने के लिए आप आधा कप पानी लें उसमें दो चार बूदें एंटीसेप्टिक लिक्विड की डालकर मिश्रण तैयार करें और फिर रूई को इस मिश्रण में भिगोकर बच्चों को फोड़े फुंशी को अच्छी तरह से साफ करें।

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कई बार बच्चे को बार-बार फोड़े फुंसी होने लगते हैं। यदि यह स्थिति किसी अन्य संक्रमण से संबंधित हो तो आपको बच्चे की त्वचा में बार-बार होने वाले फोड़े फुंसी से घबराना नहीं चाहिए। बार-बार होने वाले फोड़े संक्रामक हो सकते हैं, क्योंकि त्वचा पर रहने वाले बैक्टीरिया एक बच्चे से दूसरे में आसानी से फैल सकते हैं। यदि परिवार के किसी सदस्य को फोड़े फुंसी की समस्या हो तो इससे उस घर के बच्चों को भी संक्रमण फैल सकता है।  

बच्चों में होने वाले अधिकतर फोड़े फुंसी अपने आप ही ठीक हो जाते हैं। लेकिन आप इसके ठीक होने की प्रक्रिया को निम्नलिखित घरेलू उपायों से कम कर सकते हैं।

  • फोड़े को दबाएं:
    फोड़े और फुंसी के पस को बाहर निकालने के लिए आप उसकी गर्म सिकाई करें। किसी मुलायम कपड़े को गर्म या गुनगुने पानी में भिगोकर कुछ मिनटों के लिए फोड़े पर रखें। इससे फोड़े में होने वाला दर्द कम होने और पस को बाहर आने में मदद मिलती है। इस प्रक्रिया को दिन में दो तीन बार दोहराएं। इसके बाद आप अपने हाथों को अच्छी तरह से धोएं। (और पढ़ें - बच्चों मे अस्थमा का इलाज)
     
  • बच्चे की साफ सफाई पर ध्यान दें:
    संक्रामक होने की वजह से फोड़े फुंसी तेजी से फैलते हैं। अगर आप बच्चे की त्वचा के फोड़े से पस को बहता हुआ देखें तो उसको एंटीसेप्टिक से साफ करें। फोड़े को अच्छी तरह से धोकर सूखा लें और बाद में उसे पट्टी से ढक दें। इससे फोड़े का अन्य जगह पर फैलने से बचाव होता है और बच्चा बार-बार फोड़े को नहीं छू पाता है। (और पढ़ें - 6 महीने के बाद बच्चे के आहार चार्ट)
     
  • फोड़े फुंसियों पर शहद लगाएं:
    शहद एक प्राकृतिक एंटीसेप्टिक का कार्य करता है। पके हुए फोड़े या बहने वाले फोड़े पर शहद लगाने से संक्रमण का खतरा कम हो जाता है। (और पढ़ें - बच्चों के पेट में कीड़े का इलाज)
     
  • खिचड़ी (porridge remedy):
    खिचड़ी या ब्रेड का लेप भी फोड़ों के घरेलू उपाय में शामिल किया जाता है। खिचड़ी को किसी कपड़े में बांधकर गर्म पानी में भिगोकर फोड़े पर लगाएं। इससे फोड़े की जलन कम होती है और वह तेजी से ठीक होता है। 
     
  • हल्दी:
    हल्दी में एंटीसेप्टिक गुण मौजूद होते हैं। इसलिए बच्चे के फोड़े फुंसी को ठीक करने के लिए उसके ऊपर हल्दी के पाउडर को लगाना चाहिए। (और पढ़ें - हल्दी दूध बनाने की विधि)
     
  • प्याज और लहसुन का जूस:
    माना जाता है फोड़े के फूटने के बाद उसमें प्याज और लहसुन का जूस लगाना चाहिए। इससे फोड़े के बैक्टीरिया नष्ट होते हैं और ठीक होने की प्रक्रिया में तेजी आती है। 

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