जैसे ही बच्चे वीडियो गेम खेलने का नाम लेते हैं तो उनके माता-पिता नाराज हो जाते हैं, क्योंकि उन्हें लगता है कि वीडियो गेम खेलना सिर्फ समय की बर्बादी है और इससे बच्चों का नुकसान ही होता है। लेकिन शायद आप यह नहीं जानते होंगे कि कई रिसर्च में यह बात साबित हो चुकी है कि वीडियो गेम खेलना बच्चों के विकास में कई तरह से मदद कर सकता है। कई बार वीडियो गेम्स जीवन से जुड़े लाइफ स्किल्स सिखाने में भी मददगार साबित हो सकते हैं। 

वीडियो गेम्स अलग-अलग उद्देश्यों की पूर्ति के लिए बनाए जाते हैं। कुछ गेम्स जहां सिर्फ मनोरंजन करने और व्यक्ति को रिलैक्स करने के लिए बने होते हैं वहीं कई वीडियो गेम्स बेहद चुनौतीपूर्ण होते हैं जिनका मकसद मस्तिष्क का विकास करना होता है और वे सीखने के लिहाज से भी बेहतर माने जाते हैं। पैरंट्स होने के नाते अक्सर हमारा ध्यान सिर्फ इन वीडियो गेम्स से जुड़े खतरों की तरफ जाता है लेकिन हम इन गेम्स के संभावित फायदों को नजरअंदाज कर देते हैं। 

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लेकिन जैसा कि हम सभी जानते हैं कि किसी भी चीज कि अति बुरी होती है, फिर चाहे वह कितनी ही हेल्दी चीज क्यों न हो। कुछ ऐसा ही वीडियो गेम्स के साथ भी है। अगर आप सीमित समय तक और बच्चे की उम्र के हिसाब से सही वीडियो गेम का चुनाव करें तो यह बच्चे के लिए कई तरह से फायदेमंद हो सकता है। इस आर्टिकल में हम आपको वीडियो गेम खेलने के फायदे और नुकसान दोनों के बारे में बता रहे हैं।

  1. बच्चों के लिए वीडियो गेम खेलने के फायदे - Bacchon ke liye video game khelne ke fayde
  2. बच्चों के लिए वीडियो गेम खेलने के नुकसान - Bacchon ke liye video game khelne ke nuksan
  3. बच्चों को वीडियो गेम देते वक्त माता-पिता इन बातों का रखें ध्यान - Bacchon ko video game dete waqt parents rakhen in baaton ka dhyan

माता-पिता द्वारा स्वीकृत किए गए वीडियो गेम्स को अगर बच्चे लिमिट में रखकर खेलें तो इससे कई तरह से उनका शैक्षणिक, सामाजिक और शारीरिक विकास हो सकता है। रिव्यू ऑफ जनरल साइकॉलजी नाम के जर्नल में हाल ही में एक रिसर्च पेपर प्रकाशित किया गया है जिसमें हार्वर्ड मेडिकल स्कूल के अध्ययनों और पब्लिक स्कूल के 1 हजार बच्चों के लिए गए इंटरव्यू के सर्वे डेटा को शामिल किया गया। इस रिसर्च के आधार पर वीडियो गेम खेलना बच्चों के लिए क्यों अच्छा है, इसके कई फायदों के बारे में बताया गया है।

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वीडियो गेम के फायदे समस्या-सुलझाने की क्षमता बेहतर बनाने के लिए - Video game khelne ke fayde problem solving skills ke liye

वीडियो गेम खेलने से बच्चों के मस्तिष्क का विकास होता है। इसका कारण ये है कि ज्यादातर गेम्स में बच्चों को जीतने और आगे बढ़ने के लिए चीजों को खोजना होता है, प्लानिंग करनी होती है, मोल-तोल या व्यवस्थाएं करनी होती हैं और अलग-अलग दृष्टिकोण अपनाने की जरूरत पड़ती है। बहुत से वीडियो गेम्स में तो प्रॉब्लम-सॉल्विंग यानी समस्या को सुलझाने का अप्रोच भी होता है जिसमें कई तरह की रणनीति अपनाकर बच्चों को जीत के लिए आगे बढ़ने की जरूरत पड़ती है।

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वीडियो गेम के फायदे कम समय में बेहतर फैसले लेना सीखना - Video game khelne ke fayde sahi faisla lene ke liye

ज्यादातर वीडियो गेम्स रियल-टाइम में खेले जाते हैं और उनकी रफ्तार बेहद तेज होती है जिसमें बेहद कम समय में गेम खेलने वाले प्लेयर को जीतने के लिए या फिर गेम में आगे बढने के लिए तुरंत सही फैसले लेने होते हैं। ऐसा करने से बच्चों की निर्णय लेने या फैसले लेने की क्षमता बेहतर होती है और वे असल जिंदगी में- चाहे वह स्पोर्ट्स का मैदान हो या फिर कोई और परिस्थिति- दबाव के बीच बेहतर फैसले लेने में सक्षम हो जाते हैं। वीडियो गेम खेलते वक्त सिर्फ फैसले लेना ही नहीं बल्कि सही फैसले लेना भी जरूरी है। इसलिए वीडियो गेम खेलने वाले बच्चे, बेहद कम समय में सही फैसले लेने में भी सक्षम हो पाते हैं।

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वीडियो गेम के फायदे टीमवर्क सीखने में - Video game khelne ke fayde teamwork sikhne me

ज्यादातर वीडियो गेम्स इन दिनों ऑनलाइन खेले जाते हैं या फिर टीम बनाकर खेले जाते हैं जिसमें एक साथ कई प्लेयर्स शामिल होते हैं। इस तरह के गेम्स में शामिल होने से बच्चों को दूसरों के साथ टीमवर्क में काम करने, मिलजुलकर समस्याएं सुलझाने, जीत हासिल करने और बेहतर तरीके से कोऑर्डिनेट करके खेलने के लिए भी प्रोत्साहन मिलता है। कई बच्चे जिन्हें दोस्त बनाने में दिक्कत होती है वे भी वीडियो गेम खेलने के दौरान आसानी से नए दोस्त बना सकते हैं।

हाथ और आंख के बीच तालमेल बनाने में मदद करता है वीडियो गेम - Hath aur aankh me co-ordiantion sikhata hai video game

वीडियो गेम खेलने के दौरान बच्चे हाथ और आंख के बीच किस तरह से बेहतर तालमेल बिठाना है- यह भी सीख जाते हैं। रोजाना के जीवन से जुड़ी कई गतिविधियों को करने के लिए हाथ और आंख के बीच बेहतर तालमेल होना जरूरी है। साथ ही यह सभी तरह की स्पोर्ट्स ऐक्टिविटी और पजल्स सॉल्व करने में भी मदद करता है। यूनिवर्सिटी ऑफ टोरंटो की एक स्टडी में भी यह बात साबित हो चुकी है कि जो बच्चे वीडियो गेम खेलते हैं उनके हाथ और आंख के बीच का तालमेल उन बच्चों से बेहतर होता है जो वीडियो गेम नहीं खेलते।

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वीडियो गेम के फायदे बच्चों को क्रिएटिव बनाने में - Video game ke fayde bacchon ko creative banane me

क्रिएटिविटी रिसर्च जर्नल में प्रकाशित एक स्टडी में वीडियो गेम्स और क्रिएटिविटी के बीच लिंक पाया गया है। स्टडी में बताया गया है कि जो बच्चे ऐसे वीडियो गेम्स खेलते हैं जिसमें बहुत ज्यादा इंस्ट्रक्शन्स नहीं होते हैं उन्हें अपने हिसाब से चीजों को सोचने और गेम को खेलने की आजादी मिलती है जिससे उनके अंदर की क्रिएटिविटी बाहर आती है।

वीडियो गेम से बच्चों में विकसित होती है कॉम्प्टिशन की भावना - Video game ke fayde competition ki bhavna viksit karne me

वीडियो गेम खेलते वक्त अपने दोस्तों या साथ खेल रहे प्लेयर्स के साथ होड़ लगाना और कॉम्प्टिशन की भावना विकसित होना बेहद सामान्य सी बात है। कई अध्ययनों और सर्वे में भी यह बात सामने आ चुकी है कि वैसे बच्चे जो आउटडोर गेम्स में अच्छे नहीं हैं और बेहतर नहीं कर पाते हैं, वे भी वीडियो गेम खेलने के दौरान बेहतर कर पाते हैं जिससे उनकी प्रतिस्पर्धा की भावना बेहतर तरीके से अभिव्यक्त हो पाती है।

भले ही मनोरंजन के लिहाज से वीडियो गेम खेलना अच्छा हो लेकिन अगर इसकी लत लग जाए तो यह कई तरह की समस्याओं का कारण भी बन सकता है। वीडियो गेम खेलने का नकारात्मक असर बच्चे के शरीर और दिमाग के साथ ही उसके सामाजिक रिश्तों पर भी पड़ सकता है। ऐसे में वीडियो गेम की लत बच्चों के लिए कितनी नुकसानदेह हो सकती है, यहां जानें:

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वीडियो गेम खेलने का नुकसान बच्चे की सेहत पर - Video game khelne ke nuksan sehat par

अगर बच्चा शारीरिक गतिविधियों में शामिल होने की बजाए दिन भर एक ही जगह पर बैठकर वीडियो गेम खेलता रहे तो इसका उसकी सेहत पर कई तरह से नकारात्मक असर पड़ सकता है। लंबे समय तक एक ही जगह पर बैठे रहने और निष्क्रिय जीवनशैली अपनाने से बचपन में ही मोटापे की समस्या हो सकती है, मांसपेशियां और हड्डियों का जोड़ कमजोर हो सकता है और हाथ और उंगलियों में सुन्नता भी आ सकती है। इसके अलावा कई अध्ययनों में दिखाया गया है कि लंबे समय तक स्क्रीन पर देखने की वजह से आंखें भी कमजोर होने लगती हैं।

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वीडियो गेम खेलने का नुकसान मानसिक सेहत और व्यवहार पर - Video game khelne ke nuksan mansik sehat aur behaviour par

अगर कोई बच्चा पहले से ही डिप्रेशन, एंग्जाइटी या इस तरह के कई और मानसिक समस्याओं से पीड़ित हो तो उस बच्चे में वीडियो गेम की लत लगने का खतरा भी बढ़ जाता है जिसकी वजह से मानसिक सेहत से जुड़ी कई तरह की समस्याएं हो सकती हैं। कई बार अगर पैरंट्स ध्यान न दें कि बच्चे किस तरह का वीडियो गेम खेल रहे हैं तो बच्चे ऐसे गेम्स भी खेलने लगते हैं जिसमें हिंसा से जुड़ी चीजें होती हैं जिसकी वजह से बच्चों का व्यवहार भी आक्रामक हो जाता है। कई बार तो जब गेम में या फिर रियल लाइफ में उनके प्लान के हिसाब से चीजें नहीं होतीं तो बच्चे बहुत गुस्सा दिखाने लगते हैं और उन्हें कंट्रोल करना मुश्किल हो जाता है। 

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वीडियो गेम के नुकसान सामाजिक रिश्तों पर - Video game khelne ke nuksan samajik rishton par

वीडियो गेम का सबसे बड़ा नकारात्मक पहलू सामाजिक दूरी बनाना है। भले ही बहुत से गेम्स मल्टिप्लेयर गेम्स होते हों लेकिन इसमें बच्चे गेम के दौरान एक दूसरे से बहुत कम ही कनेक्ट हो पाते हैं। इस वजह से बच्चों के मन में अकेलापन आ जाता है जो उनकी मानसिक सेहत के लिए नुकसानदेह है। साल 2009 में ईरान में क्लास 2 के बच्चों पर की गई एक स्टडी में पाया गया कि जिन बच्चों में वीडियो गेम खेलने की लत थी उनमें दूसरे बच्चों की तुलना में सामाजिक स्किल्स कम थे और वे बच्चे ज्यादातर अकेले अपने कमरे में गेम खेलते हुए ही समय बिताते थे।

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  • बच्चों को तब तक वीडियो गेम न दें जब तक वे स्कूल जाना न शुरू कर दें यानी 4 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए वीडियो गेम सही नहीं माना जाता।
  • बच्चे के लिए वीडियो गेम खरीदने या उन्हें खेलने देने से पहले माता-पिता को गेम की रेटिंग, उम्र सीमा और उसके कॉन्टेंट की पूरी जानकारी होनी चाहिए।
  • माता-पिता को भी बच्चों के साथ वीडियो गेम खेलना चाहिए ताकि बच्चों के साथ पैरंट्स की बॉन्डिंग मजबूत हो जाए।
  • वीडियो गेम खेलने के समय को सुनिश्चित करें ताकि बच्चे को उसकी लत भी न लगे और वह गेम के चक्कर पढ़ाई और बाकी चीजों को इग्नोर न करे।
  • अगर बच्चे ऑनलाइन गेम्स खेल रहे हों तो वे अजनबियों से किस तरह की बातें कर रहे हैं और वे उनके साथ अपनी निजी जानकारी शेयर न करें, इसका भी ध्यान रखें।
  • इस बात को भी सुनिश्चित करें कि वीडियो गेम बच्चे के कमरे में नहीं बल्कि कॉमन एरिया में हो जहां से आप बच्चों के स्क्रीन पर नजर रख सकें।
  • घर के बाहर आउटडोर गेम्स खेलना और बाकी की शारीरिक गतिविधियों को भी बच्चों के रोजाना की ऐक्टिविटीज में शामिल करें।

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