अक्सर पैरेंट्स अपने छोटे बच्चों की डाइट को लेकर ज्यादा सतर्क नहीं रहते। हां, पेरेंट्स यह सुनिश्चित करते हैं कि बच्चा भरपेट खाना खाये। लेकिन उनकी डाइट में एक ही जैसे आहार शामिल करते हैं। जबकि छोटे बच्चे के आहार में भिन्नता बनाई रखनी चाहिए ताकि उनका स्वास्थ्य बेहतर रहे और शारीरिक विकास सही ढंग से हो सके। चूंकि इस उम्र के बच्चों का पेट बहुत छोटा होता है, वे ज्यादा नहीं खा पाते। ऐसे में उनके आहार में पोषक तत्वों की भरमार बनाए रखना आवश्यक है।

(और पढ़ें - 2 साल के बच्चे को क्या खिलाएं)

बच्चों के लिए संतुलित आहार

  • छोटे बच्चों के लिए दूध आवश्यक होता है। जैसे ही बच्चे दूध के अलावा अन्य आहार खाने लगते हैं, वैसे ही पैरेंट्स बच्चों के लिए दूध में कटौती करने लगते हैं। यह सही नहीं है। दूध और दूध से बने अन्य उत्पाद कैल्शियम से भरपूर होते हैं। कैल्शियम हड्डियों के लिए उपयोगी तत्व है। अगर आपके बच्चे में कैल्शियम की कमी हो तो डाक्टर से संपर्क कर कैल्शियम के सप्लीमेंट ले सकते हैं। (और पढ़ें - 3 साल के बच्चे का डाइट चार्ट)
  • बच्चों के लिए मांसाहार में चिकन एक अच्छा विकल्प हो सकता है। चिकन में आसानी से अवशोषित होने योग्य आयरन होता है। आयरन रक्त में हीमोग्लोबिन की मात्रा बढ़ाता है और एनीमिया होने की आशंका को कम करता है। आयरन कई आहार विशेष में शामिल होते हैं। लेकिन इस बात का ध्यान रखें कि आयरन को पचाना आसान नहीं होता। अतः बच्चे को दिन में दो बार ही आयरन युक्त आहार दें। (और पढ़ें - बच्चों की देखभाल)
  • चिकन की ही तरह मछली भी बच्चों के लिए उपयोगी हो सकती है। इससे बच्चों को जरूरत अनुसार फैटी एसिड मिलता है जो प्रतिरक्षा तंत्र और कार्डियोवस्कुलर तंत्र को बेहतर करने में कारगर है।
  • छोटे बच्चों के लिए स्वस्थ तेल लेना भी आवश्यक होता है। बच्चों के लिए अलसी, अखरोट, सोयाबीन और अन्य नट्स से बने तेल का उपयोग करें।
  • गाजर में विटामिन ए भरपूर होता है। इसी तरह दूसरी सब्जियां जैसे पालक विटामिन ए का बेहतरीन स्रोत है। इसके साथ ही यह हड्डियों के लिए उपयोगी है।
  • विटामिन सी के लिए बच्चों को खट्टे फल खिलाएं। विटामिन सी की कमी से बच्चों में मसूड़ों की बीमारी और रक्त वाहिकाओं में समस्या हो सकती है। अपनी डाइट में अमरूद, आम, केला, टमाटर, पालक भी विटामिन सी के अच्छे स्रोत हैं।
  • मैग्नीशियम, पोटैशियम दोनों ही हृदयगति को सामान्य रखने के लिए जरूरी है। इसके साथ मांसपेशियों को बेहतर रखना भी आवश्यक है। इसलिए दो साल की उम्र के बच्चे की डाइट में केला जरूर शामिल करें।

एलर्जिक फ़ूड से रखें दूरी:
जिस तरह बच्चों को क्या खिलाना चाहिए, यह जानना जरूरी है। इसी तरह क्या नहीं खिलाना चाहिए भी उनके विकास के लिए महत्वपूर्ण है। बच्चे को ऐसी कोई चीज न खिलाएं जिससे उसे एलर्जी हो सकती है। दरअसल बच्चों को आसानी से किसी भी आहार विशेष से एलर्जी हो जाती है। अगर आपके परिवार में किसी सदस्य को किसी आहार विशेष से एलर्जी है, तो बेहतर है बच्चे को वह न दें। इसके अलावा बच्चे को ऐसे आहार भी न दें जिसके गले में अटकने की आशंका हो जैसे टाॅफी, पाॅपकाॅर्न, कच्ची सब्जियां, सख्त फल, साबुत अंगूर या नट्स

(और पढ़ें - बच्चों के लिए एक्सरसाइज)

कितनी मात्रा में खिलाएं
आमतौर पर बच्चे को पूरे दिन में तीन बार भारी मील देना चाहिए और दो या तीन बार स्नैक्स खिलाना चाहिए। लेकिन हर समय छोटे बच्चे इस नियम के अनुसार खाना नहीं खाते। इससे अक्सर मांएं परेशान हो जाती हैं। जबकि यह समस्या की बात नहीं है। आप बच्चे को भूख को महसूस करने दें। उसे जबरन खाना न खिलाएं। लेकिन बतौर पैरेंट्स आप समझने की कोशिश करें कि उसे कब भूख लग सकती है और कब नहीं। इसके बाद अपनी समझ के अनुसार बच्चे को खाना खिलाएं। अगर आपको लगे कि बच्चा अपनी जरूरत से कम खा रहा है तो बेहतर है एक बार डाॅक्टर से संपर्क करें।

यहां बताये गए डाइट प्लान को फॉलो कर अपने बच्चे को हेल्थी बना सकते हैं।

(और पढ़ें - 3 साल के बच्चे को क्या खिलाना चाहिए)

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