जन्म के बाद हर मां-बाप अपने बच्चे को हंसते, बोलते और चलते देखना चाहते हैं। पहले वर्ष में, शिशु के विकास के दौरान उसका चलना, बोलना और दांत निकलना एक अहम प्रक्रिया मानी जाती है। चलना सीखने की प्रक्रिया में शिशु सबसे पहले घुटनों के बल पर ही चलना सीखता है। शिशु अपने आप ही घुटनों के बल पर चलना सीख जाते हैं। घुटनों के बल पर चलने से शिशु अपने हाथ और पैरों की मदद से खुद के शरीर का संतुलन बनना और आगे बढ़ना सीखता है। इससे शिशु के हाथ व पैरों की मांसपेशियां मजबूत होने लगती हैं।
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इस लेख में आपको शिशु के घुटनों पर चलने के विषय में बताया जा रहा है। साथ ही आपको, शिशु अपने घुटनों पर चलना कब शुरू करता है, शिशु के घुटनों पर चलने के प्रकार, घुटनों के बल पर चलने से शिशु को होने वाले फायदे, शिशु को घुटनों के बल चलना कैसे सिखाएं और घुटनों के बल पर चलने के बाद के चरण के बारे में भी विस्तार से बताया गया है।
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