शिशु के कान छिदवाना मां-बाप के साथ ही बच्चों के लिए भी बेहद ही मुश्किल भरा दौर होता है। कई तरह के स्वास्थ्य व रीति रिवाजों से संबंधित कारणों से जन्म के कुछ समय के बाद ही कई बच्चों के कान छिदवा दिये जाते हैं। अपने बच्चे को परेशानी में देखना हर मां-बाप के लिए मुश्किल होता है। भारत सहित दुनिया भर के कई समाज में कान छिदवाने की पंरपरा है। बच्चों के कान छिदवाने की पंरपरा सदियों से चली आ रही है। लड़कियों के साथ ही लड़कों के भी कान छिदवाए जाते हैं। कई मां-बाप बच्चे के कान छिदवाने के सही समय और उसकी देखभाल को लेकर काफी चिंतित रहते हैं।
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इस लेख में आपको कान छिदवाने के विषय में विस्तार से बताया गया है। साथ ही इस लेख में आपको कान छिदवाने का कारण, कान छिदवाने का सही समय, कान छिदवाने के फायदे, कान छिदवाने का तरीका, कान छिदवाने के बाद की देखभाल और कान छिदवाने के जोखिम कारक आदि के बारे में विस्तार से बताया गया है।
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