अब जब आपका शिशु चार महीने का हो गया है तो आप उस के साथ पहले से अधिक समय खेलने में व्यतीत कर रही होंगी। अब शिशु न केवल आपकी शारीरिक गतिविधियों से आकर्षित हो रहा होगा, बल्कि अब वह आपकी आवाज के प्रति भी हंसकर या अजीब-अजीब आवाजों से प्रतिक्रिया दे रहा होगा। शिशु इस समय तक और अधिक सक्रिय हो जाता है।
यह आपके और शिशु दोनों के लिए विकास का मजेदार दौर है। शिशु का विकास ठीक से हो, इसके लिए उसके खेलने का समय बढ़ाएं। उसे एक ऐसा वातावरण दें, जहां वह ठीक तरह से खेले और खाए। अब वह रात को आराम से सोएगा और बार-बार खाने के लिए नहीं उठेगा। इससे आपको भी पर्याप्त नींद मिल पाएगी। शिशु अब भी दूध से एंटीबॉडीज और पोषक तत्व ले रहा है, इसलिए स्तनपान करवाते रहें।
शिशु में विभिन्न रोगों के खिलाफ प्रतिरोधक क्षमता विकसित हो, इसके लिए समय पर टीकाकरण बहुत जरूरी है। चार महीने में आपके शिशु को रोटावायरस, पोलियो, डिप्थीरिया, टिटनेस और व्हूपिंग कफ के लिए दूसरी खुराक दी जाएगी। इस बात का ध्यान रखें कि वैक्सीन का कोई रिएक्शन न हो और शरीर पर किसी भी तरह के चकत्ते होने पर तुरंत डॉक्टर को दिखाएं।
यदि आप कामकाजी महिला हैं तो अब शिशु को अपने बिना रहने की आदत डालने में आसानी होगी। शिशु को थोड़े-थोड़े समय के लिए छोड़कर इसकी आदत डाल सकती हैं। इससे शिशु को सेपरेशन एंग्जायटी कम होगी और आप आसानी से काम पर जा सकेंगी। चौथे महीने में शिशु के विकास से जुड़ी सभी बातें जो आपको जाननी चाहिए इस लेख में बताई गई हैं।