बधाई हो आपका नवजात शिशु अब 7 महीने का हो गया है और बाकी पैरंट्स की तरह आप भी अपने शिशु के बढ़ने के हर एक पल को पूरी शिद्दत के साथ जी रहे होंगे और अपने शिशु में होने वाले छोटे से छोटे बदलाव को भी महसूस कर रहे होंगे। 7 महीने का होते-होते आपका शिशु बड़ी ही तेजी से बढ़ने लगता है। फिर चाहे वह साइज में हो, शारीरिक गतिविधियों में हो या फिर अपने पैरंट्स और आसपास की दुनिया से परस्पर बातचीत करने की क्षमता हो।
आपके शिशु को ठोस आहार खाते हुए अब 1 महीने का समय हो चुका है, बावजूद इसके अब भी मां का दूध यानी ब्रेस्टमिल्क या फिर फॉर्मूला मिल्क ही शिशु के आहार और पोषण का मुख्य स्त्रोत है। जहां तक संभव हो अपने शिशु को अलग-अलग तरह की चीजें खिलाना शुरू करें ताकि ठोस आहार के प्रति उनका टेस्ट विकसित हो सके। लेकिन गाय या बकरी का दूध, शहद, नमक, चीनी, मक्खन और फलों का जूस जैसी चीजें अब भी शिशु को बिलकुल न दें। नट्स, सीड्स, कच्ची गाजर या सेब का टुकड़ा जैसी चीजें शिशु को खाने के लिए न दें क्योंकि ये उनके गले में फंस सकता है और चोकिंग की समस्या हो सकती है।
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7 महीने का होते-होते आपको अपने शिशु के मुंह के अंदर जबड़े के निचले हिस्से में बिलकुल बीच में पहला दांत भी अंकुरित होता नजर आएगा। लेकिन अगर आपके शिशु में अब तक दांत निकलने की प्रक्रिया शुरू नहीं हुई है तब भी परेशान होने की कोई बात नहीं है क्योंकि बहुत से बच्चों में 12 महीने का होने के बाद पहला दांत नजर आता है। अगर आपके 7 महीने के बच्चे का दांत निकल रहा हो तो आप उसे टीथिंग रिंग दे सकती हैं ताकि उसकी पीड़ा और कष्ट कुछ कम हो जाए।
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यह एक ऐसा समय है जब अपने बच्चे को बढ़ते हुए देखना आपके लिए बेहद रोमांचक अनुभव हो सकता है। 4 से 7 महीना- ये वो समय होता है जब बच्चे में सबसे ज्यादा अहम बदलाव नजर आते हैं। ऐसे में 7 महीने के शिशु का वजन कितना होना चाहिए, शिशु का मानसिक और शारीरिक विकास किस तरह से होता है, 7 महीने के शिशु की आहार से जुड़ी जरूरतें क्या-क्या होती हैं इस बारे में हम आपको इस आर्टिकल में बता रहे हैं।