कहा जाता है कि स्वस्थ रहने के लिए अच्छी नींद लेना बहुत जरूरी होता है। यह बात वयस्कों से ज्यादा शिशु के लिए महत्वपूर्ण होती है। नवजात शिशु अपने दिन का अधिकतर समय सोने में बिताते हैं। शिशु इस दौरान लगातार नहीं, बल्कि थोड़ी-थोड़ी अवधि में सोता है। इसके कारण शिशु के माता-पिता की नींद ही नहीं बल्कि पूरी दिनचर्या प्रभावित होती है।
आपका शिशु अच्छे से सोए इसके लिए आपको कुछ नियम तय करने होंगे जिन्हें "बेड टाइम रूटीन" कहा जाता है।
इससे आपके शिशु को ये जानने में मदद मिलेगी कि अब उसके सोने का समय है। बेड टाइम रूटीन की मदद से शिशु खिलखिलाते चेहरे के साथ उठता है। इससे आपका शिशु चिड़चिड़ा नहीं होगा और आप भी दिन के अन्य कार्य ठीक तरह से कर पाएंगें।
शिशु के दो माह का होने पर आप उसके लिए स्लीप रूटीन यानी सोने का एक निर्धारित समय बना सकते हैं। बेड टाइम रूटीन में शिशु को सुलाने की कोशिश ज्यादा देर तक नहीं करनी चाहिए। इसके लिए लगभग 20 से 30 मिनट काफी होते हैं।
शिशु को सही समय पर सुलाने के लिए गर्म पानी से नहलाने, लोरी सुनाने और मालिश करने जैसे तरीकों का इस्तेमाल कर सकते हैं। इससे बच्चे को आराम मिलता है और वो जल्दी सो जाता है। ये सभी चीजें शिशु को समय पर नींद लाने में मदद करती हैं।
नियमित और अनुशासित बेड टाइम रूटीन एक अच्छी आदत भी है जो कि भविष्य में आपके बच्चे के लिए लाभदायी साबित होगी।
इस लेख में हम आपको बेड टाइम रूटीन से जुड़ी कुछ जरूरी बातें बताने जा रहे हैं। इनकी मदद से आपको शिशु को सही समय पर सुलाने में मदद मिलेगी।
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