वात रोग में डाइट, एक्सरसाइज और लाइफस्टाइल को ध्यान में रखकर समस्याओं का इलाज किया जाता है. आयुर्वेद के अनुसार शरीर तीन ऊर्जाओं से बना होता है, इसमें वात, पित्त और कफ शामिल होते हैं. प्रत्येक व्यक्ति में इन तीनों दोषों का संयोजन होता है, लेकिन आमतौर पर एक दोष ही प्रमुख होता है. ऐसे में दोष के आधार पर ही पूरी डाइट और लाइफस्टाइल निर्भर करती है. जब किसी व्यक्ति के शरीर में वात दोष प्रमुख होता है, तो वात रोग पैदा होने लगते हैं. ऐसे में इसे संतुलित करने के लिए सही खाद्य पदार्थों को डाइट में शामिल करना जरूरी होता है.

आज इस लेख में आप वात रोग होने पर क्या खाना चाहिए और क्या नहीं, इस बारे में विस्तार से जानेंगे -

(और पढ़ें - वात, पित्त व कफ असंतुलन के लक्षण)

 
  1. वात रोग क्या है?
  2. वात दोष के लक्षण
  3. वात रोग में क्या खाना चाहिए?
  4. वात रोग में क्या नहीं खाना चाहिए?
  5. सारांश
वात रोग में क्या खाएं व क्या नहीं? के डॉक्टर

वात दोष वायु और आकाश, इन दो तत्वों से मिलकर बना है. आयुर्वेद के अनुसार वात नर्वस सिस्टम से संबंधित होता है. इसके साथ ही वात सांस लेने और परिसंचरण को भी नियंत्रित करता है. वात स्वभाव में ठंडा, सूखा और खुरदरा होता है. वात प्रधान वाले लोग ऊर्जावान, रचनात्मक और लचीले होते हैं. इतना ही नहीं वात वाले लोगों का वजन नियंत्रित रहता है. त्वचा ड्राई और बाल काफी अच्छे होते हैं.

अगर किसी में निम्न प्रकार के लक्षण नजर आते हैं, तो इसे वात दोष माना जा सकता है -

वैसे तो वात प्रधान वाले लोगों में ये लक्षण दिखते ही हैं. लेकिन जब वात असंतुलित हो जाता है, तो ये लक्षण काफी बढ़ जाते हैं. ऐसे में व्यक्ति को जोड़ों में दर्द अधिक हो सकता है. साथ ही ब्लड सर्कुलेशन से संबंधित दिक्कतें भी हो सकती हैं, लेकिन जब वात संतुलन में रहता है, तो ये समस्याएं अधिक परेशान नहीं करती हैं. ऐसे में वात को संतुलित रखने के लिए सही डाइट ली जानी चाहिए.

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आयुर्वेद के अनुसार जब पाचन अच्छा रहता है, तो व्यक्ति का स्वास्थ्य भी सही रहता है. वात बढ़ने पर गैस और कब्ज की समस्या हो सकती है. इसलिए, शरीर में वात बढ़ने या कम होने पर ऐसे खाद्य पदार्थ खाने की सलाह दी जाती है, जो इसे संतुलित करने में मदद कर सकते हैं. आपको बता दें कि वात वाले लोगों को कफ बढ़ाने वाले खाद्य पदार्थों का सेवन करना चाहिए. वात दोष में खाए जाने वाले फूड्स में शामिल हैं -

फलों का सेवन करें

वात वाले लोगों को फलों का सेवन अधिक मात्रा में करना चाहिए. जामुनआड़ूआमखरबूजाकेला और एवोकाडो वात को संतुलित करने में मदद कर सकते हैं. छाछ, गर्म चाय और गर्म पानी पीने से भी वात संतुलन में रह सकता है.

(और पढ़ें - पित्त दोष क्या है और संतुलित करने के उपाय)

नट्स और सीड्स लें

अगर शरीर में वात दोष बढ़ जाता है, तो आप नट्स और सीड्स को अपनी डाइट का हिस्सा बना सकते हैं. बादामकाजूपिस्तासूरजमुखी के बीजकद्दू के बीज और शाहबलूत का सेवन कर सकते हैं. ये नट्स और सीड्स वात को संतुलित करने में मदद कर सकते हैं.

अनाज खाना है जरूरी

वात दोष वाले लोगों के लिए चावलजईक्विनोआ और गेहूं का सेवन करना फायदेमंद हो सकता है. अगर वात बढ़ गया है, तो आप खाना बनाने के लिए घीएवोकाडो ऑयलकोकोनट ऑयलतिल का तेल या फिर ऑलिव ऑयल का उपयोग कर सकते हैं.

सब्जियों का सेवन

वात दोष बढ़ने पर आप अपनी डाइट में सब्जियां शामिल कर सकते हैं. गाजरचुकंदरशकरकंद और हरी पत्तेदार सब्जियां वात को संतुलित कर सकती हैं. इसके अलावा, अदरकतुलसीतेजपत्तादालचीनीजायफललौंगअजमोद और हल्दी जैसे मसाले भी वात वाले लोगों के लिए फायदेमंद होते हैं.

(और पढ़ें - कफ दोष का इलाज)

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वात दोष बढ़ने पर व्यक्ति को इन खाद्य पदार्थों का सेवन नहीं करना चाहिए -

ठंडी चीजें न खाएँ

वात वाले लोगों को ठंडे खाद्य पदार्थों का सेवन करने से बचना चाहिए. जिन खाद्य पदार्थों की तासीर ठंडी होती है, उनसे पूरी तरह से परहेज करना चाहिए. ठंडी तासीर वाली चीजें वात दोष को बढ़ा सकती हैं.

कैफीन और निकोटीन

वात दोष बढ़ने पर व्यक्ति को कैफीन और निकोटीन का सेवन करने से भी बचना चाहिए. वात वाले लोगों को तीखे, कड़वे और कसैले पदार्थों से दूरी बनानी चाहिए. आपको कोल्ड कॉफीब्लैक टीग्रीन टी और फलों का जूस पीने से बचना चाहिए.

साबुत अनाज न खाएं

वात दोष वाले लोगों को बाजराजौ व मक्का से परहेज करना चाहिए. ये खाद्य पदार्थ शरीर में वात बढ़ा सकते हैं. इससे वात से होने वाली समस्याएं पैदा हो सकती हैं.

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स्वस्थ रहने के लिए शरीर में वात का संतुलित होना जरूरी होता है. जब वात दोष बढ़ता है, तो कई बीमारियां पैदा होने लगती हैं. अगर आपके शरीर में वात दोष बढ़ जाता है, तो इसे संतुलित करने के लिए आहार में बदलाव करना जरूरी होता है. इसके लिए व्यक्ति को वात को संतुलित करने वाले खाद्य पदार्थों का सेवन करना चाहिए. वहीं, अगर वात दोष बढ़ने के लक्षण अधिक नजर आ रहे हैं, तो इस स्थिति में आयुर्वेदिक डॉक्टर से भी संपर्क करना चाहिए.

(और पढ़ें - कफ का आयुर्वेदिक इलाज)

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