"शीतली" शब्द का अर्थ है "ठंडा करने वाला", यानी वह प्रक्रिया जो हमारे शरीर को शांत कर सकती है और शीतलता की भावना दे सकती है। शीतली शब्द को मूल रूप से "शीतल" शब्द से लिया गया है जिसका अर्थ है ठंडा या सुखदायक। शीतली प्राणायाम का दैनिक अभ्यास शरीर के साथ मन को शांत करता है। शीतली प्राणायाम का मूल उद्देश्य शरीर के तापमान को करना होता जिससे हमारे तंत्रिका तंत्र और अंतःस्रावी ग्रंथियों पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। इस प्राणायाम का अभ्यास करने से व्यक्ति युवा और आकर्षक हो जाता है और इसका दैनिक अभ्यास प्यास और भूख को नियंत्रित करने में आपको सक्षम बनाता है। शीतली प्राणायाम कुछ हद तक शीतकारी प्राणायाम के जैसा है और दोनो का ही उल्लेख प्राचीन पाठ "हठ योग प्रदीपिका" में किया गया है।

इस लेख में शीतली प्राणायाम के आसन को करने के तरीके और उससे होने वाले लाभों ंके बारे में बताया गया है। साथ में यह भी बताया गया है कि प्राणायाम करने के दौरान क्या सावधानी बरतें। लेख के अंत में एक वीडियो भी शेयर किया गया है।

(और पढ़ें - प्राणायाम क्या है)

  1. शीतली प्राणायाम के फायदे - Sheetali Pranayama (Cooling Breath) ke fayde in Hindi
  2. शीतली प्राणायाम करने से पहले यह आसन करें - Sheetali Pranayama (Cooling Breath) se pahle ye aasan kare
  3. शीतली प्राणायाम करने का तरीका - Sheetali Pranayama (Cooling Breath) karne ka tarika in Hindi
  4. शीतली प्राणायाम करने में क्या सावधानी बरती जाए - Sheetali Pranayama (Cooling Breath) me kya savdhani barte in Hindi
  5. शीतली प्राणायाम करने के बाद आसन - Sheetali Pranayama (Cooling Breath) karne ke baad aasan
  6. शीतली प्राणायाम का वीडियो - Sheetali Pranayama (Cooling Breath) ka Video

शीतली प्राणायाम के लाभ इस प्रकार हैं:

  1. शीतली प्राणायाम शरीर और दिमाग को शीतलता प्रदान करता है।
  2. यह जैविक ऊर्जा और तापमान विनियमन से जुड़े महत्वपूर्ण मस्तिष्क केन्द्रों को प्रभावित करता है।
  3. शीतली प्राणायाम मानसिक और भावनात्मक उत्तेजना को शांत करता है, और पूरे शरीर में प्राण के प्रवाह को प्रोत्साहित करता है।
  4. यह मांसपेशियों को शिथिल करता है, मानसिक शांति प्रदान करता है। 
  5. सोने से पहले इसे प्रशांतक के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है।
  6. शीतली प्राणायाम भूख और प्यास पर नियंत्रण देता है, जिससे तृप्ति की भावना पैदा होती है।
  7. रक्तचाप और उदार की अम्लता को कम करने में मदद करता है शीतली प्राणायाम।
myUpchar के डॉक्टरों ने अपने कई वर्षों की शोध के बाद आयुर्वेद की 100% असली और शुद्ध जड़ी-बूटियों का उपयोग करके myUpchar Ayurveda Urjas Energy & Power Capsule बनाया है। इस आयुर्वेदिक दवा को हमारे डॉक्टरों ने कई लाख लोगों को शारीरिक व यौन कमजोरी और थकान जैसी समस्या के लिए सुझाया है, जिससे उनको अच्छे प्रभाव देखने को मिले हैं।
Power Capsule For Men
₹719  ₹799  10% छूट
खरीदें

शीतली प्राणायाम को अपने बाकी सभी ऐसे आसन और प्राणायाम अभ्यास के बाद करें जो शरीर का तापमान बढ़ाते हैं। इन अभ्यासों के बाद शीतली प्राणायाम का अभ्यास शारीरिक तापमान को संतुलित करने में मदद करेगा।

(और पढ़ें - योग क्या है)

शीतली प्राणायाम करने का तरीका इस प्रकार है:

  1. किसी भी आरामदायक ध्यान करने के आसन में बैठ जायें। हाथों को चिन या ज्ञान मुद्रा में घुटनों पर रख ले।
  2. आँखें बंद कर लें और पूरे शरीर को शिथिल करने की कोशिश करें।
  3. जहां तक संभव हो सके तनाव के बिना जीभ को मुंह के बाहर बढ़ाएं।जीभ के किनारों को रोल करें ताकि यह एक ट्यूब या नालिका जैसी बन जाए। इस ट्यूब के माध्यम से साँस अंदर लें।
  4. साँस लेने के अंत में, जीभ को मुंह में वापिस अंदर ले लें और औसे बंद कर लें। नाक के माध्यम से साँस छोड़ें।
  5. श्वास लेते समय तेज हवा के समान ध्वनि उत्पन्न होनी चाहिए।
  6. जीभ और मुंह की छत पर बर्फ़ीली शीतलता का अनुभव होगा।
  7. यह एक चक्र है।
  8. 9 चक्र करें।
Shilajit Resin
₹699  ₹1299  46% छूट
खरीदें
  1. कम रक्तचाप या श्वसन विकार जैसे अस्थमा, ब्रोंकाइटिस और अत्यधिक बलगम से पीड़ित लोगों को इस प्राणायाम का अभ्यास नहीं करना चाहिए। (और पढ़ें - ब्रोंकाइटिस के लक्षण)
  2. जिन्हे हृदय रोग हो, उन्हे शीतली प्राणायाम के अभ्यास में श्वास नहीं रोकना चाहिए।
  3. यह अभ्यास कम ऊर्जा केंद्रों के कार्यों को मंद करता है, इसलिए, पुरानी कब्ज से पीड़ित लोगों को शीतली प्राणायाम का अभ्यास नहीं करना चाहिए।
  4. आम तौर पर, इस प्राणायाम को सर्दियों में या ठंडी जलवायु में नहीं करना चाहिए।

शीतली प्राणायाम के बाद आप शवासन कर सकते हैं।

उर्जस शुद्ध हिमालयन शिलाजीत कैप्सूल - 60 CAP
₹499  ₹799  37% छूट
खरीदें

ऐप पर पढ़ें