गैस्ट्राइटिस की प्रॉब्लम से छुटकारा पाने के लिए आप आलू का इस्तेमाल कर सकते हैं। आलू का रस क्षारीय लवण का अच्छा स्रोत है जो पेट में मौजूद अत्यधिक एसिड पर असर करता है। इसी के साथ यह पेट की सूजन को भी कम करता है। इसके लिए आप 2 से 3 कच्चे आलू लें और इन्हें छीलकर कद्दूकस कर लें। अब इसे निचोड़कर जूस निकाल लें और थोड़ा पानी गर्म करके इसमें मिला दें। खाना खाने से आधे घंटे पहले इसका आधा गिलास पिएं, आप रोजाना इसके 2 गिलास पी सकते हैं, इससे आपको आराम मिलेगा।
अनानास में ब्रोमेलैन जैसे पाचक एंजाइम होते हैं जो पेट में जलन पैदा किए बिना प्रोटीन को पचाने में मदद करते हैं। अगर आपको गैस्ट्राइटिस की समस्या है, तो इस फल का सेवन करें। यह पेट में बढ़े हुए एसिड के स्तर को रोक सकता है। पाचन प्रक्रिया को ठीक रखने के लिए रोजाना एक कप अनानास खाएं। आप इसे सुबह के नाश्ते और स्नैक में भी ले सकते हैं। पका अनानास ही खाएं, कच्चा अनानास खाने से गैस्ट्राइटिस बढ़ सकती है।
जी हां, ये लक्षण गैस्ट्राइटिस के ही हैं। गैस्ट्राइटिस में आप ओटमील (जौ का आटा) खा सकते हैं। यह सेहत के लिए भी अच्छा होता है और गैस्ट्राइटिस को भी कम करने में मदद कर सकता है। इसे आप दलिये के रूप में भी खा सकते हैं। दलिये में फाइबर और मिनरल्स भरपूर मात्रा में होते हैं जो पाचन प्रक्रिया को ठीक कर सकते हैं और पेट दर्द को भी कम करते हैं। आप रोजाना लगभग एक कप दलिया अपनी डाइट में लिया करें। इसके लिए आप अपनी पसंद के मुताबिक दलिया को पानी या दूध में पकाकर खा सकते हैं। इसके साथ आप कुछ ताजे नॉन-एसिडिक फल जैसे केला, सेब और नाशपाती भी खा सकते हैं।
जीरे में एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं जो गैस्ट्राइटिस के लक्षणों को कम करने में मदद करते हैं और तेजी से स्वस्थ बनाते हैं। इसके लिए आप जीरे को भून लें और फिर इसे पीसकर पाउडर तैयार कर लें। अब इसे एक गिलास पानी में मिलाकर पिएं। खाना खाते समय दिन में 2 से 3 बार इसे पीएं।
जी हां, आपने सही सुना हैं। शहद पेट में हानिकारक बैक्टेरिया को प्रभावी रूप से खत्म कर सकता है। क्योंकि इसमें बैक्टीरियानाशक तत्व होते हैं। शहद में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण और एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं जो पेट में होने वाले दर्द को कम करने में मदद कर सकते हैं। इसके लिए आप 2 बड़े चम्मच शहद लें और इसे एक गिलास गर्म पानी में मिलाकर पिएं। आप इसे रोजाना सुबह खाली पेट पिएं।
नारियल पानी में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं जो आपके पेट की सूजन को कम करने में फायदेमंद साबित हो सकते हैं। हर बार भोजन करने से पहले इसे पी सकते है। आप एक दिन में 3 से 4 गिलास नारियल पानी पिएं, इससे आपको आराम मिलेगा। नारियल पानी में मसाला न डालें वरना इससे एसिड रिफ्लक्स भी हो सकता है।
अगर आपको गैस्ट्राइटिस की प्रॉब्लम है तो आपको अपनी जीवनशैली में कुछ अच्छे बदलाव करने चाहिए। अगर आपका वजन अधिक है तो इसे कम करें, धूम्रपान और शराब छोड़ दें। इसकी वजह से आपको यह समस्या बनी रह सकती है। गैस्ट्राइटिस के लक्षण खराब डाइट की वजह से भी होते हैं। इसलिए आप भर पेट या अत्यधिक भोजन और तीखा एवं या चटपटा खाना न खाएं। इससे आपको उबकाई, सुस्ती और एसिडिटी जैसी समस्या हो सकती है। पूरे दिन में अपने भोजन को 5 से 6 भागों में बांटकर खाएं।
योग सिर्फ मांसपेशियों और जोड़ों के दर्द को ही कम नहीं करता, बल्कि यह आपके पाचन तंत्र में होने वाली समस्याओं को भी ठीक करता है। कुछ अलग-अलग मुद्राएं हैं जिन्हें आप घर पर ही करके पेट की सूजन और किसी भी तरह के दर्द से आराम पा सकते हैं। इसके लिए सबसे बेहतर है अपान मुद्रा। अपान मुद्रा के लिए सबसे पहले आप योग मैट पर आराम से बैठ जाएं। अब अपने दोनों हाथों को घुटनों पर रखें। फिर तर्जनी उंगली और अनामिका उंगली को अंगूठे से छुएं। पहली और आखिरी उंगली को सीधा रखें। अब रिलैक्स होकर बैठे रहें और अपनी आंखों को बंद कर लें। 15 मिनट तक इसी तरह ध्यान लगाकर बैठे रहें। अपान मुद्रा को पूरे दिन में कभी भी कर सकते हैं। यह मुद्रा कब्ज, शरीर से विषाक्त पदार्थ बाहर निकालने और पाचन तंत्र को ठीक रखने में मदद करती है।