एनीमिया की दिक्कत हो तो पीरियड्स में आते हैं चक्कर
मासिक धर्म के दौरान अगर महिलाओं और लड़कियों को चक्कर आए या सिर घूमता हुआ महसूस हो तो इसका सबसे अहम कारण शरीर में खून की कमी होती है जिसे एनीमिया कहते हैं। अगर माहवारी के दौरान आपके खून का फ्लो औसत हो तो हर महीने आपके शरीर से 30 मिलिलीटर या करीब 2 चम्मच खून निकलता है। हालांकि, इतना खून निकलने की वजह से किसी को एनीमिया की समस्या नहीं होती, लेकिन अगर किसी को हर महीने लगातार पीरियड्स में ज्यादा खून निकल (ब्लड फ्लो) रहा हो तो हो सकता है कि सिर्फ मेन्स्ट्रुअल ब्लड लॉस से वह लड़की या महिला एनिमिक हो जाए, यानी उसके शरीर में खून की कमी हो जाए।
जब शरीर से खून बाहर निकलता है तो उसमें रेड ब्लड सेल्स (आरबीसी) होते हैं और आरबीसी ही शरीर की वे कोशिकाएं हैं जो ऑक्सिजन को कैरी करने का काम करती हैं। खून में ऑक्सिजन के गाढ़ेपन में होने वाले बेहद छोटे से बदलाव को लेकर भी आपका ब्रेन बेहद संवेदनशील होता है। ऐसे में जब ब्रेन को ऑक्सीजन की कमी महसूस होती है तो आपको चक्कर जैसा महसूस होने लगता है।
आयरन की कमी के कारण होने वाला एनीमिया, एनीमिया का सबसे सामान्य प्रकार है और यह आमतौर पर तब होता है जब लंबे समय तक पीरियड्स के दौरान बहुत ज्यादा हेवी ब्लीडिंग होने की वजह से शरीर में खून की कमी होने लगे। अगर किसी लड़की या महिला को आयरन की कमी की वजह से होने वाला एनीमिया हो तो उन्हें मासिक धर्म के दौरान आयरन सप्लिमेंट्स का सेवन करना चाहिए।
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पीरियड्स के दौरान इन वजहों से भी आता है चक्कर
एनीमिया या शरीर में खून की कमी के अलावा भी कई कारण जिसकी वजह से मासिक धर्म या पीरियड्स के दौरान चक्कर आ सकते हैं :
प्रोस्टाग्लैन्डिन्स
प्रोस्टाग्लैन्डिन्स एक तरह का हार्मोन है जो शरीर की कई प्रक्रियाओं को नियमित रखने में मदद करता है और इन्हीं में से एक है आपका मासिक धर्म चक्र। हालांकि कई बार पीरियड्स के दौरान अतिरिक्त प्रोस्टाग्लैन्डिन्स का भी उत्पादन होने लगता है जिस कारण पीरियड्स के दौरान आपके क्रैम्प्स सामान्य दिनों से ज्यादा भयंकर हो जाते हैं। प्रोस्टाग्लैन्डिन्स की वजह से गर्भाशय की मांसपेशियों में सिकुड़न महसूस होती है। कुछ प्रोस्टाग्लैन्डिन्स ऐसे भी होते हैं जिनकी वजह से शरीर की रक्तवाहिकाएं संकुचित होने लगती हैं। इस कारण आपको सिर में दर्द और चक्कर जैसा महसूस हो सकता है।
क्रैम्प्स
गर्भाशय की दीवार में खून की जो परत जमती है उसे हटाने के लिए मासिक धर्म के दौरान गर्भाशय में सिकुड़न महसूस होती है और इसे ही क्रैम्प्स कहते हैं जिस कारण पेट में तेज दर्द महसूस होता है। यह क्रैम्प्स हल्के, मद्धम और गंभीर भी हो सकते हैं। क्रैम्प्स मासिक धर्म चक्र का सामान्य हिस्सा हैं लेकिन अगर क्रैम्प्स बहुत ज्यादा और गंभीर हों तो यह एंड्रोमेट्रिओसिस बीमारी का संकेत भी हो सकते हैं। इस तरह के तेज क्रैम्प्स की वजह से होने वाले दर्द के कारण भी चक्कर आ सकता है।
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मासिक धर्म से जुड़ा माइग्रेन
वैसी महिलाएं जिन्हें माइग्रेन की समस्या है उनमें से करीब 60 प्रतिशत को पीरियड्स से जुड़े माइग्रेन की समस्या प्रभावित करती है। शरीर में एस्ट्रोजेन हार्मोन के लेवल में कमी और बढ़ोतरी होने की वजह से पीरियड्स से जुड़ा माइग्रेन, पीरियड्स से पहले, पीरियड्स के दौरान या फिर पीरियड्स के बाद भी महसूस हो सकता है। बाकी माइग्रेन की ही तरह मासिक धर्म से जुड़े माइग्रेन में भी सिर में एक-तरफ बहुत तेज धमक जैसी महसूस होती है जिस कारण चक्कर महसूस होते हैं।
शरीर में पानी की कमी
मासिक धर्म के दौरान हार्मोन्स में होने वाले बदलाव की वजह से शरीर में हाइड्रेशन यानी जलयोजन का लेवल भी प्रभावित होता है। ऐसे में पीरियड्स के समय हार्मोन्स की वजह से कई बार शरीर में पानी की कमी (डिहाइड्रेशन) भी हो सकता है और इस कारण भी कई बार चक्कर आते हैं।
ब्लड शुगर लेवल का कम होना (हाइपोग्लाइसीमिया)
हार्मोन्स शरीर में ब्लड शुगर लेवल को भी प्रभावित करते हैं। वैसे तो मासिक धर्म के पहले और उसके दौरान ज्यादातर लोगों का ब्लड शुगर लेवल बढ़ा हुआ होता है लेकिन हार्मोन्स के घटने-बढ़ने के कारण बहुत सी महिलाओं या लड़कियों में ब्लड शुगर लेवल कम भी हो सकता है जिसे हाइपोग्लाइसीमिया कहते हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि एस्ट्रोजेन आपको इंसुलिन के प्रति संवेदनशील बना सकता है और इस कारण शुगर का लेवल कम हो जाता है। जिन लोगों को पहले से डायबिटीज है उन्हें हाइपोग्लाइसीमिया की दिक्कत अधिक हो सकती है। इसकी वजह से भी पीरियड्स के दौरान चक्कर आते हैं।